"पत्थर का आसमान -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
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<noinclude>[[चित्र:Copyright.png|50px|right|link=|]]</noinclude> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>पत्थर का आसमान<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>पत्थर का आसमान | ---- | ||
<small>-आदित्य चौधरी</small></font></div> | {| width="100%" style="background:transparent" | ||
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<poem style="color=#003333"> | <poem style="color=#003333"> | ||
पूस की रात ने | पूस की रात ने | ||
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-आदित्य चौधरी | -आदित्य चौधरी | ||
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मुंशी प्रेमचन्द की कहानी 'पूस की रात', मोहन राकेश के नाटक 'आषाढ़ का एक दिन' और दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियों की स्मृति में | | style="width:30%"| | ||
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[[प्रेमचन्द|मुंशी प्रेमचन्द]] की कहानी '[[पूस की रात -प्रेमचंद|पूस की रात]]', [[मोहन राकेश]] के नाटक '[[आषाढ़ का एक दिन -मोहन राकेश|आषाढ़ का एक दिन]]' और दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियों की स्मृति में | |||
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कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता | कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता | ||
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो | एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो | ||
हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिये, | हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिये, | ||
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिये -दुष्यंत कुमार | इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिये -[[दुष्यंत कुमार]] | ||
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06:46, 24 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
![]() पत्थर का आसमान -आदित्य चौधरी
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