"छत्तीसगढ़ पर्यटन": अवतरणों में अंतर
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*राज्य में प्राचीन स्मारक, दुर्लभ वन्यजीव, नक़्क़ाशीदार मंदिर, बौद्धस्थल, महल जल-प्रपात, पर्वतीय पठार, रॉक पेंटिंग और गुफाएं हैं। | *राज्य में प्राचीन स्मारक, दुर्लभ वन्यजीव, नक़्क़ाशीदार मंदिर, बौद्धस्थल, महल जल-प्रपात, पर्वतीय पठार, रॉक पेंटिंग और गुफाएं हैं। | ||
*बस्तर अपनी अनोखी सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान के साथ पर्यटकों को एक नई ताजगी प्रदान करता हो। | *बस्तर अपनी अनोखी सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान के साथ पर्यटकों को एक नई ताजगी प्रदान करता हो। | ||
* | *[[चित्रकूट जलप्रपात|चित्रकूट के जल-प्रपात]] जहां [[इंद्रावती नदी]] का पानी 96 फुट ऊंचाई से गिरता है। | ||
*कांगेर नदी के सौ फुट की ऊंचाई से गिरने से बने तीरथगढ प्रपायात नयनभिराम दृश्य उपस्थित करते हैं। | *कांगेर नदी के सौ फुट की ऊंचाई से गिरने से बने तीरथगढ प्रपायात नयनभिराम दृश्य उपस्थित करते हैं। | ||
*अन्य प्रमुख स्थल हैं: केशकल घाटी, कांगेरघाट राष्ट्रीय पार्क, कैलाश गुफाएं | *अन्य प्रमुख स्थल हैं: केशकल घाटी, कांगेरघाट राष्ट्रीय पार्क, [[कैलाश गुफ़ा जशपुर|कैलाश गुफाएं]] और कुडंबसर गुफाएं जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जानी जाती हैं। | ||
*[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में रतनपुर का महामाया मंदिर, डूंगरगढ में बंबलेश्वरी देवी मंदिर, | *[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में रतनपुर का महामाया मंदिर, डूंगरगढ में बंबलेश्वरी देवी मंदिर, [[दन्तेवाड़ा]] में [[दंतेश्वरी मंदिर|दंतेश्वरी देवी मंदिर]] और छठी से दसवीं शताब्दी में [[बौद्ध धर्म]] का प्रमुख केंद्र रहा सिरपुर भी महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं। | ||
*महाप्रभु [[वल्लभाचार्य]] का जन्मस्थान चंपारण, खूटाघाट जल प्रपात, मल्लाहार में डिंडनेश्वरी देवी मंदिर, अचानकमार अभयारण्य, रायपुर के पास उदंति अभयारण्य, कोरबा ज़िले में पाली और कंडई जल प्रपात भी पर्यटकों के मनपसंद स्थल हैं। | *महाप्रभु [[वल्लभाचार्य]] का जन्मस्थान चंपारण, खूटाघाट जल प्रपात, मल्लाहार में डिंडनेश्वरी देवी मंदिर, अचानकमार अभयारण्य, [[रायपुर]] के पास उदंति अभयारण्य, [[कोरबा ज़िला|कोरबा ज़िले]] में पाली और कंडई जल प्रपात भी पर्यटकों के मनपसंद स्थल हैं। | ||
*खरोड जंजगीर चंपा का साबरी मंदिर, शिवरीनारायण का नरनारायण मंदिर, रंजिम का राजीव लोचन और कुलेश्वर मंदिर, सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर और जंजगीर का विष्णु मंदिर महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में हैं। | *खरोड जंजगीर चंपा का साबरी मंदिर, शिवरीनारायण का नरनारायण मंदिर, रंजिम का राजीव लोचन और कुलेश्वर मंदिर, सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर और जंजगीर का विष्णु मंदिर महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में हैं। | ||
05:51, 26 जनवरी 2012 का अवतरण

Borandev Temple, Chhattisgarh
- भारत के हृदय में स्थित छत्तीसगढ़ में समृद्ध सांस्कृतिक पंरपरा और आकर्षक प्राकृतिक विविधता है।
- राज्य में प्राचीन स्मारक, दुर्लभ वन्यजीव, नक़्क़ाशीदार मंदिर, बौद्धस्थल, महल जल-प्रपात, पर्वतीय पठार, रॉक पेंटिंग और गुफाएं हैं।
- बस्तर अपनी अनोखी सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान के साथ पर्यटकों को एक नई ताजगी प्रदान करता हो।
- चित्रकूट के जल-प्रपात जहां इंद्रावती नदी का पानी 96 फुट ऊंचाई से गिरता है।
- कांगेर नदी के सौ फुट की ऊंचाई से गिरने से बने तीरथगढ प्रपायात नयनभिराम दृश्य उपस्थित करते हैं।
- अन्य प्रमुख स्थल हैं: केशकल घाटी, कांगेरघाट राष्ट्रीय पार्क, कैलाश गुफाएं और कुडंबसर गुफाएं जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जानी जाती हैं।
- बिलासपुर में रतनपुर का महामाया मंदिर, डूंगरगढ में बंबलेश्वरी देवी मंदिर, दन्तेवाड़ा में दंतेश्वरी देवी मंदिर और छठी से दसवीं शताब्दी में बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र रहा सिरपुर भी महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं।
- महाप्रभु वल्लभाचार्य का जन्मस्थान चंपारण, खूटाघाट जल प्रपात, मल्लाहार में डिंडनेश्वरी देवी मंदिर, अचानकमार अभयारण्य, रायपुर के पास उदंति अभयारण्य, कोरबा ज़िले में पाली और कंडई जल प्रपात भी पर्यटकों के मनपसंद स्थल हैं।
- खरोड जंजगीर चंपा का साबरी मंदिर, शिवरीनारायण का नरनारायण मंदिर, रंजिम का राजीव लोचन और कुलेश्वर मंदिर, सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर और जंजगीर का विष्णु मंदिर महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में हैं।
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