"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर

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||[[चित्र:Swami Vivekananda.gif|right|100px|विवेकानन्द]]'स्वामी विवेकानन्द' एक युवा संन्यासी के रूप में '[[भारतीय संस्कृति]]' की सुगन्ध विदेशों में बिखरने वाले [[साहित्य]], [[दर्शन]] और [[इतिहास]] के प्रकाण्ड विद्वान थे। [[स्वामी विवेकानन्द|विवेकानन्दजी]] का मूल नाम 'नरेंद्रनाथ दत्त' था। [[भारत]] के पुनर्निर्माण के प्रति उनके लगाव ने ही उन्हें वर्ष [[1893]] में 'शिकागो धर्म संसद' में जाने के लिए प्रेरित किया था, जहाँ वह बिना आमंत्रण के ही गए थे। [[11 सितम्बर]], [[1893]] के उस दिन विवेकानन्द के अलौकिक तत्वज्ञान ने पाश्चात्य जगत को चौंका दिया। [[अमेरिका]] ने भी स्वीकार कर लिया कि वस्तुत: [[भारत]] ही 'जगद्गुरु' था और रहेगा। [[धर्म]] एवं तत्वज्ञान के समान भारतीय स्वतन्त्रता की प्रेरणा का भी स्वामी विवेकानन्द ने नेतृत्व किया। वे कहा करते थे- "मैं कोई तत्ववेत्ता नहीं हूँ। न तो संत या दार्शनिक ही हूँ। मैं तो ग़रीब हूँ और ग़रीबों का अनन्य [[भक्त]] हूँ। मैं तो सच्चा महात्मा उसे ही कहूँगा, जिसका [[हृदय]] ग़रीबों के लिये तड़पता हो।"{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[स्वामी विवेकानन्द]]
||[[चित्र:Swami Vivekananda.gif|right|100px|विवेकानन्द]]'स्वामी विवेकानन्द' एक युवा संन्यासी के रूप में '[[भारतीय संस्कृति]]' की सुगन्ध विदेशों में बिखरने वाले [[साहित्य]], [[दर्शन]] और [[इतिहास]] के प्रकाण्ड विद्वान थे। [[स्वामी विवेकानन्द|विवेकानन्दजी]] का मूल नाम 'नरेंद्रनाथ दत्त' था। [[भारत]] के पुनर्निर्माण के प्रति उनके लगाव ने ही उन्हें वर्ष [[1893]] में 'शिकागो धर्म संसद' में जाने के लिए प्रेरित किया था, जहाँ वह बिना आमंत्रण के ही गए थे। [[11 सितम्बर]], [[1893]] के उस दिन विवेकानन्द के अलौकिक तत्वज्ञान ने पाश्चात्य जगत को चौंका दिया। [[अमेरिका]] ने भी स्वीकार कर लिया कि वस्तुत: [[भारत]] ही 'जगद्गुरु' था और रहेगा। [[धर्म]] एवं तत्वज्ञान के समान भारतीय स्वतन्त्रता की प्रेरणा का भी स्वामी विवेकानन्द ने नेतृत्व किया। वे कहा करते थे- "मैं कोई तत्ववेत्ता नहीं हूँ। न तो संत या दार्शनिक ही हूँ। मैं तो ग़रीब हूँ और ग़रीबों का अनन्य [[भक्त]] हूँ। मैं तो सच्चा महात्मा उसे ही कहूँगा, जिसका [[हृदय]] ग़रीबों के लिये तड़पता हो।"{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[स्वामी विवेकानन्द]]


{"कश्मीर का अकबर" कहे जाने वाले शासक [[जैनुल आब्दीन]] ने [[कल्हण]] की '[[राजतरंगिणी]]' का [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में अनुवाद कराया था। फ़ारसी में यह किस नाम से प्रसिद्ध है? (पृ.सं. 171
{[[कश्मीर]] के किस शासक ने दो आदमियों को [[काग़ज़]] बनाने तथा जिल्दसाजी की कला सीखने के लिए [[समरकंद]] भेजा?
|type="()"}
|type="()"}
-मंजुल बहरीन
-[[हैदरशाह]]
-दास्तान-ए-कश्मीर
-राजा सिंहदेव
+बिहरुल अस्मार
+[[जैनुल अबादीन]]
-इनमें से कोई नहीं
-इनमें से कोई नहीं
||'जैनुल अबादीन' (1420-1470 ई.) अलीशाह का भाई और [[कश्मीर]] का सुल्तान था। सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता का भाव रखने व अपने अच्छे कार्यों के कारण ही उसे '''कश्मीर का अकबर''' कहा जाता है। अपने शासन के दौरान [[जैनुल अबादीन]] ने [[हिन्दू|हिन्दुओं]] को पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की थी। उसने हिन्दुओं के टूटे हुए मंदिरों का पुनर्निर्माण करवाया, [[गाय|गायों]] की सुरक्षा के उपाय किए और राज्य में एक बेहतर शासन व्यवस्था लागू की। सुल्तान ने [[कश्मीर]] की आर्थिक उन्नति पर भी ध्यान दिया। उसने दो आदमियों को [[काग़ज़]] बनाने तथा जिल्दसाजी की कला सीखने के लिए [[समरकंद]] भेजा। जैनुल अबादीन ने कश्मीर में कई कलाओं को प्रोत्साहन दिया, जैसे- पत्थर तराशना और उस पर पॉलिश करना, बोतलें बनाना, स्वर्ण-पत्र बनाना इत्यादि।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैनुल अबादीन]]


{[[हड़प्पा सभ्यता]] के [[हिन्दू देवी-देवता|देवी देवताओं]] में किसे परवर्ती [[हिन्दू धर्म]] में अंगीकार नहीं किया गया?(पृ.सं. 176
{[[हड़प्पा सभ्यता]] के [[हिन्दू देवी-देवता|देवी देवताओं]] में किसे परवर्ती [[हिन्दू धर्म]] में अंगीकार नहीं किया गया?(पृ.सं. 176

07:43, 8 जुलाई 2013 का अवतरण

2 गुप्तकालीन प्रशासन में नगर के मुख्य अधिकारी को क्या कहा जाता था?

भोक्ता
नगरश्रेष्ठि
पुरपाल
गौल्मिक

3 पौराणिक गाथाओं के अनुसार शकुन्तला की माता कौन थीं?

उर्वशी
मेनका
रम्भा
तिलोत्तमा

4 ढाका में किस वर्ष 'मुस्लिम लीग' की स्थापना की गई थी?

1910
1906
1915
1905

5 "मैं कोई तत्ववेत्ता नहीं हूँ। न तो संत या दार्शनिक ही हूँ। मैं तो ग़रीब हूँ और ग़रीबों का अनन्य भक्त हूँ। मैं तो सच्चा महात्मा उसे ही कहूँगा, जिसका हृदय ग़रीबों के लिये तड़पता हो।' यह कथन किस महापुरुष का है?

वीर दामोदर सावरकर
ऐनी बेसेन्ट
रामकृष्ण परमहंस
स्वामी विवेकानन्द

6 कश्मीर के किस शासक ने दो आदमियों को काग़ज़ बनाने तथा जिल्दसाजी की कला सीखने के लिए समरकंद भेजा?

हैदरशाह
राजा सिंहदेव
जैनुल अबादीन
इनमें से कोई नहीं

7 हड़प्पा सभ्यता के देवी देवताओं में किसे परवर्ती हिन्दू धर्म में अंगीकार नहीं किया गया?(पृ.सं. 176

पशुपति शिव
सात मातृदेवियाँ
मिश्रित प्राणी
एकश्रृंगी जीव

8 सिन्धु घाटी के लोगों द्वारा सबसे अधिक प्रयुक्त की जाने वाली धातु कौन-सी थी?(पृ.सं. 177

ताम्र
काँस्य
स्वर्ण और चाँदी
टिन

9 सैन्धव सभ्यता का प्रमुख बन्दरगाह एवं व्यापारिक केन्द्र कौन सा?(पृ.सं. 178

हड़प्पा
लोथल
कालीबंगा
रंगपुर

10 निम्न में से किस क्रांतिकारी ने 'राणा प्रताप', 'सम्राट चन्द्रगुप्त' और 'भारत दुर्दशा' नामक नाटकों में अभिनय किया था?(भारतकोश)

भगत सिंह
सुभाष चन्द्र बोस
करतार सिंह सराभा
रामप्रसाद बिस्मिल

11 कुषाण शासक कनिष्क के निर्माण कार्यों का निरीक्षक अभियन्ता अधिकारी कौन था?

अग्रमस
विम तक्षम
अगेसिलोस
मोअस

12 इतिहास में दूसरी जैन सभा कहाँ पर आयोजित हुई थी?(यूजीसी इतिहास, 201)

वल्लभी
पाटलिपुत्र
कश्मीर
वैशाली

13 'अंग साहित्य' किस धर्म से सम्बन्धित है?(यूजीसी इतिहास, 203)

बौद्ध धर्म
जैन धर्म
वैष्णव धर्म
हिन्दू धर्म

14 किस ग्रंथ में चाणक्य की पत्नी का नाम 'यशोमती' मिलता है?(यूजीसी इतिहास, 207)

अर्थशास्त्र
मुद्राराक्षस
वृहतकथाकोश
महापरिनिब्बानसुत

15 साँची के स्तूप का निर्माण किस शासक ने करवाया था?(यूजीसी इतिहास, 209)

बिम्बिसार
कनिष्क
पुष्यमित्र शुंग
अशोक