"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 59: | पंक्ति 59: | ||
-मिश्रित प्राणी | -मिश्रित प्राणी | ||
+एकश्रृंगी जीव | +एकश्रृंगी जीव | ||
||[[चित्र:Mohenjodaro-Sindh.jpg|right|100px|सिन्ध में मोहनजोदाड़ो में हड़प्पा संस्कृति के अवशेष]]सबसे पहले [[1927]] में '[[हड़प्पा]]' नामक स्थल पर उत्खनन होने के कारण '[[सिन्धु सभ्यता]]' का नाम 'हड़प्पा सभ्यता' पड़ा। पर कालान्तर में 'पिग्गट' ने हड़प्पा एवं [[मोहनजोदड़ो]] को ‘एक विस्तृत साम्राज्य की जुड़वा राजधानियाँ' बतलाया। हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो में असंख्य्य देवियों की मूर्तियाँ प्राप्त हुई हैं। विद्वानों का अनुमान है कि ये मूर्तियाँ मातृदेवी अथवा प्रकृति देवी की हैं। प्राचीन काल से ही मातृ या प्रकृति की [[पूजा]] भारतीय करते रहे हैं और [[आधुनिक काल]] में भी कर रहे हैं। पुरुष देवताओं में पशुपति प्रधान प्रतीत होता है। एक मुहर में तीन मुँह वाला एक नग्न व्यक्ति चौकी पर पद्मासन लगाकर बैठा हुआ है। इसके चारों ओर [[हाथी]] तथा बैल हैं। चौकी के नीचे हिरण है, उसके सिर पर सींग और विचित्र शिरोभूषा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हड़प्पा सभ्यता]] | |||
{[[सिन्धु घाटी की सभ्यता|सिन्धु घाटी]] के लोगों द्वारा सबसे अधिक प्रयुक्त की जाने वाली [[धातु]] कौन-सी थी?(पृ.सं. 177 | {[[सिन्धु घाटी की सभ्यता|सिन्धु घाटी]] के लोगों द्वारा सबसे अधिक प्रयुक्त की जाने वाली [[धातु]] कौन-सी थी?(पृ.सं. 177 |
06:34, 16 जुलाई 2013 का अवतरण
|