"संतोषी माता की आरती": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "Category:हिन्दू धर्म कोश" to "Category:हिन्दू धर्म Category:हिन्दू धर्म कोश ") |
||
पंक्ति 39: | पंक्ति 39: | ||
{{आरती स्तुति स्त्रोत}} | {{आरती स्तुति स्त्रोत}} | ||
[[Category:आरती_स्तुति_स्त्रोत]] | [[Category:आरती_स्तुति_स्त्रोत]] | ||
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]] | [[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
14:27, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण

Santoshi Mata
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
अपने सेवक जन को, सुख संपति दाता ॥ जय…
सुंदर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो ॥ जय…
गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे ।
मंद हँसत करूणामयी, त्रिभुवन जन मोहे ॥ जय…
स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर ढुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधुमेवा, भोग धरें न्यारे ॥ जय…
गुड़ अरु चना परमप्रिय, तामे संतोष कियो।
संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो ॥ जय…
शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही ।
भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही ॥ जय…
मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई ॥ जय…
भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे, इच्छा फल दीजै ॥ जय…
दुखी, दरिद्री, रोगी, संकटमुक्त किए ।
बहु धन-धान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए ॥ जय…
ध्यान धर्यो जिस जन ने, मनवांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनंद आयो ॥ जय…
शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदंबे ।
संकट तू ही निवारे, दयामयी अंबे ॥ जय…
संतोषी मां की आरती, जो कोई नर गावे ।
ॠद्धि-सिद्धि सुख संपत्ति, जी भरकर पावे ॥ जय…