"इक सपना बना लेते -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 29: | पंक्ति 29: | ||
तमन्नाओं के दरवाज़ों से आके देख ले मंज़र | तमन्नाओं के दरवाज़ों से आके देख ले मंज़र | ||
तेरी आमद जो हो जाती तो अपना | तेरी आमद जो हो जाती तो घर अपना बना लेते | ||
</poem> | </poem> |
03:54, 27 नवम्बर 2014 का अवतरण