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'''थिक्सी गोम्पा''' या '''थिक्सी मठ''' [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य के [[लेह]] से 20 किमी दूर [[सिन्धु नदी]] के किनारे स्थित है। यह मठ लेह के सभी मठों से आकर्षक और ख़ूबसूरत है।
'''थिक्सी गोम्पा''' या '''थिक्सी मठ''' [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य के [[लेह]] से 25 कि.मी. की दूरी पर [[सिन्धु नदी]] के किनारे स्थित है। थिकसे मठ के ऊपर से सिंधु घाटी के सुंदर नजारे को देखा जा सकता है। दीवारें अत्यंत सुंदर चित्रों और कलाकृतियों से मढ़ी हैं। यह मठ लेह के सभी मठों से आकर्षक और ख़ूबसूरत है।
*इस मठ की इमारत 12 मंजिला है और यहाँ लगभग 250 लामा रहते है।
 
*स्थानीय भाषा में थिकसे का अर्थ है पीला। यह गोम्फा पीले रंग का होने के कारण 'थिकसे गोम्पा' कहलाता है।
*12 हज़ार फीट पर पहाड़ी के ऊपर बनी हुई यह गोम्फा तिब्बती वास्तुकला का सुंदर उदाहरण है।
*थिक्सी गोम्पा को 15 वीं शती में शेर्ब जंगपो के भतीजे पल्दन शेराब ने बनवाया था।
*12 मंजिलों वाले इस मठ में कई भवन, मंदिर और [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की मूर्तियाँ है। यहाँ लगभग 250 लामा रहते हैं।
*प्रमुख मन्दिर में बुद्ध की 15 मीटर ऊँची काँसे की मूर्ति को हर मंजिल से देखा जा सकता है।  
*मठ की दीवारों पर बनी कलाकारी अद्भुत है और बुद्ध भगवान के मुकुट की [[चित्रकला]] अनूठी है।
*यह मठ लगभग 10 छोटे बौद्ध मठों की देखभाल करता है।17वीं और 18वीं शताब्दी के 12वें तिब्बती गुरु की स्मृति में कार्यक्रम इसी मठ में आयोजित होते हैं।<ref>{{cite web |url=http://buddhkathaiye.blogspot.in/2015/04/25.html |title=थिकसे गोम्पा या थिकसे बौद्ध मठ ,लेह |accessmonthday=अगस्त-24 |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=Sanchi |language= }}
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*थिक्सी मठ के कक्ष मूर्तियों, स्तूपों, थांगका, पुरानी तलवारों तथा तांत्रिक कलाकृतियों से दीवारें भरी हुई हैं।
*थिक्सी मठ के कक्ष मूर्तियों, स्तूपों, थांगका, पुरानी तलवारों तथा तांत्रिक कलाकृतियों से दीवारें भरी हुई हैं।
*यहाँ से घाटी का विशाल दृश्य दिखाई देता है।
*[[अक्टूबर]]-[[नवम्बर]] के बीच यहाँ थिक्सी उत्सव का आयोजन किया जाता है।
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==वीथिका==
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चित्र:Thiksey-Monastery-Ladakh.jpg|थिक्सी मठ, [[लेह]]
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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09:55, 24 अगस्त 2016 का अवतरण

थिक्सी गोम्पा, लेह

थिक्सी गोम्पा या थिक्सी मठ जम्मू और कश्मीर राज्य के लेह से 25 कि.मी. की दूरी पर सिन्धु नदी के किनारे स्थित है। थिकसे मठ के ऊपर से सिंधु घाटी के सुंदर नजारे को देखा जा सकता है। दीवारें अत्यंत सुंदर चित्रों और कलाकृतियों से मढ़ी हैं। यह मठ लेह के सभी मठों से आकर्षक और ख़ूबसूरत है।

  • स्थानीय भाषा में थिकसे का अर्थ है पीला। यह गोम्फा पीले रंग का होने के कारण 'थिकसे गोम्पा' कहलाता है।
  • 12 हज़ार फीट पर पहाड़ी के ऊपर बनी हुई यह गोम्फा तिब्बती वास्तुकला का सुंदर उदाहरण है।
  • थिक्सी गोम्पा को 15 वीं शती में शेर्ब जंगपो के भतीजे पल्दन शेराब ने बनवाया था।
  • 12 मंजिलों वाले इस मठ में कई भवन, मंदिर और भगवान बुद्ध की मूर्तियाँ है। यहाँ लगभग 250 लामा रहते हैं।
  • प्रमुख मन्दिर में बुद्ध की 15 मीटर ऊँची काँसे की मूर्ति को हर मंजिल से देखा जा सकता है।
  • मठ की दीवारों पर बनी कलाकारी अद्भुत है और बुद्ध भगवान के मुकुट की चित्रकला अनूठी है।
  • यह मठ लगभग 10 छोटे बौद्ध मठों की देखभाल करता है।17वीं और 18वीं शताब्दी के 12वें तिब्बती गुरु की स्मृति में कार्यक्रम इसी मठ में आयोजित होते हैं।[1]
  • थिक्सी मठ के कक्ष मूर्तियों, स्तूपों, थांगका, पुरानी तलवारों तथा तांत्रिक कलाकृतियों से दीवारें भरी हुई हैं।
  • अक्टूबर-नवम्बर के बीच यहाँ थिक्सी उत्सव का आयोजन किया जाता है।


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वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. थिकसे गोम्पा या थिकसे बौद्ध मठ ,लेह Sanchi। अभिगमन तिथि: अगस्त-24, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

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