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'''चक्रशकट व्यूह''' का उल्लेख पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] में हुआ है। महाभारत युद्ध में [[अभिमन्यु]] की हत्या के | '''चक्रशकट व्यूह''' का उल्लेख पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] में हुआ है। महाभारत युद्ध में [[अभिमन्यु]] की हत्या के पश्चात् जब [[अर्जुन]], [[जयद्रथ]] के प्राण लेने को उद्धत हुए, तब [[द्रोणाचार्य|गुरु द्रोणाचार्य]] ने जयद्रथ की रक्षा के लिए युद्ध के चौदहवें दिन इस [[व्यूह]] की रचना की थीं।<ref>{{cite web |url=http://dev-rana.blogspot.in/2014/02/blog-post_17.html|title=महाभारत का चक्रव्यूह तथा दूसरे व्यूह|accessmonthday=8 जनवरी |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=Dev Rana=हिन्दी }}</ref> | ||
*महाभारत युद्ध में [[पांडव|पांडवों]] और [[कौरव|कौरवों]] द्वारा रचे गए व्यूह निम्न थे- | *महाभारत युद्ध में [[पांडव|पांडवों]] और [[कौरव|कौरवों]] द्वारा रचे गए व्यूह निम्न थे- |
07:47, 23 जून 2017 के समय का अवतरण

चक्रशकट व्यूह का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत युद्ध में अभिमन्यु की हत्या के पश्चात् जब अर्जुन, जयद्रथ के प्राण लेने को उद्धत हुए, तब गुरु द्रोणाचार्य ने जयद्रथ की रक्षा के लिए युद्ध के चौदहवें दिन इस व्यूह की रचना की थीं।[1]
- चक्रव्यूह
- वज्र व्यूह
- क्रौंच व्यूह
- अर्धचन्द्र व्यूह
- मंडल व्यूह
- मगर व्यूह
- औरमी व्यूह
- गरुड़ व्यूह
- श्रीन्गातका व्यूह
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत का चक्रव्यूह तथा दूसरे व्यूह Dev Rana=हिन्दी। अभिगमन तिथि: 8 जनवरी, 2016।
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