"गीता 6:3": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "बुद्वि" to "बुद्धि") |
||
पंक्ति 33: | पंक्ति 33: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
योगम् = | योगम् = समत्वबुद्धिरूप योग में; आरूरूक्षो: = आरूढ़ होने की इच्छा वाले; मुनें: = मननशील पुरुष के लिये; (योग की प्राप्ति में); कर्म = निष्काम भाव से कर्म करना ही; कारणम् = हेतु; उच्चते = कहा है (और योगारूढ़ हो जाने पर); तस्य = उस; योगारूढस्य = योगारूढ़ पुरुष के लिये; शम: = सर्वसंकल्पों का अभाव; एव = ही (कल्याण में); कारणम् = हेतु; उच्चतें = कहा है; | ||
|- | |- | ||
|} | |} |
08:17, 15 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-6 श्लोक-3 / Gita Chapter-6 Verse-3
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
||||