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*प्रशस्ति से ज्ञात होता है कि [[विक्रम संवत]] 1645 [[फाल्गुन मास|फाल्गुन]] [[कृष्ण पक्ष|कृष्ण]] [[नवमी]] को [[बीकानेर]] के वर्तमान किले के निर्माण का कार्य आरम्भ किया और विक्रम संवत 1650 [[माघ मास|माघ]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[षष्ठी]] को गढ़ सम्पूर्ण हुआ। यह काम मंत्री कर्मचन्द के निरीक्षण में सम्पन्न हुआ था।  
*प्रशस्ति से ज्ञात होता है कि [[विक्रम संवत]] 1645 [[फाल्गुन मास|फाल्गुन]] [[कृष्ण पक्ष|कृष्ण]] [[नवमी]] को [[बीकानेर]] के वर्तमान किले के निर्माण का कार्य आरम्भ किया और विक्रम संवत 1650 [[माघ मास|माघ]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[षष्ठी]] को गढ़ सम्पूर्ण हुआ। यह काम मंत्री कर्मचन्द के निरीक्षण में सम्पन्न हुआ था।  
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10:39, 15 दिसम्बर 2021 के समय का अवतरण

बीकानेर प्रशस्ति (अंग्रेज़ी: Bikaner Inscriptions)

  • यह प्रशस्ति बीकानेर दुर्ग के द्वार के एक पार्श्व में लगी हुई है जो महाराजा रायसिंह के समय की है।
  • इसकी भाषा संस्कृत है।
  • प्रशस्ति से ज्ञात होता है कि विक्रम संवत 1645 फाल्गुन कृष्ण नवमी को बीकानेर के वर्तमान किले के निर्माण का कार्य आरम्भ किया और विक्रम संवत 1650 माघ शुक्ल षष्ठी को गढ़ सम्पूर्ण हुआ। यह काम मंत्री कर्मचन्द के निरीक्षण में सम्पन्न हुआ था।
  • इसमें 60वीं पंक्ति से रायसिंह के कार्यों का उल्लेख आरम्भ होता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजस्थान के अभिलेख (हिंदी) rajgk.in। अभिगमन तिथि: 15 दिसम्बर, 2021।

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