"पाशुपत प्रशस्ति": अवतरणों में अंतर

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*इस प्रशस्ति में [[लकुलीश संप्रदाय]] के आचार्य के नाम का उल्लेख मिलता है।
*इस प्रशस्ति में [[लकुलीश संप्रदाय]] के आचार्य के नाम का उल्लेख मिलता है।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

09:03, 19 दिसम्बर 2021 के समय का अवतरण

पाशुपत प्रशस्ति 1651 ई. की है। यह एकलिंगजी, राजस्थान में प्रकाशानंद की समाधि पर लगी हुई है।

  • इस प्रशस्ति में लकुलीश संप्रदाय के आचार्य के नाम का उल्लेख मिलता है।
  • प्रशस्ति से एकलिंगजी के मठ के आचार्य की परंपरा की जानकारी मिलती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजस्थान के अभिलेख (हिंदी) samanyagyanedu.in। अभिगमन तिथि: 19 दिसम्बर, 2021।

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