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ज्ञान का हिन्दी-महासागर
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महानता अहंकार रहित होती है, तुच्छता अहंकार की सीमा पर पहुँच जाती है। -तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 969)
यह मनुष्य अन्तकाल में जिस-जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर को त्याग करता है, वह उस-उस को ही प्राप्त होता हैं; क्योंकि वह सदा उसी भाव से भावित रहा है । - श्रीमद्भागवत गीता.... और पढ़ें
विश्व सिनेमा में भारतीय फ़िल्मों को नई पहचान दिलाने वाले सत्यजित राय का जन्म 2 मई, 1921 को कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ।
सत्यजित राय बीसवीं शताब्दी के विश्व की महानतम फ़िल्मी हस्तियों में से एक थे, जिन्होंने यथार्थवादी धारा की फ़िल्मों को नई दिशा देने के अलावा साहित्य, चित्रकला जैसी अन्य विधाओं में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।
सत्यजित राय फ़िल्म निर्माण से संबंधित कई काम ख़ुद ही करते थे; जिनमें निर्देशन, छायांकन, पटकथा, पार्श्व संगीत, कला निर्देशन, संपादन आदि शामिल हैं। फ़िल्मकार के अलावा वह कहानीकार, चित्रकार, फ़िल्म आलोचक भी थे।
सत्यजित राय ने सबसे ज़्यादा राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने और उनके काम ने कुल 32 राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किये।