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आज का दिन - 6 मई 2025 (भारतीय समयानुसार)



- राष्ट्रीय शाके 1946, 16 गते 24, वैशाख, सोमवार
- विक्रम सम्वत् 2081, वैशाख, कृष्ण पक्ष, त्रयोदशी, सोमवार, रेवती
- इस्लामी हिजरी 1445, 26, शव्वाल, पीर, मुअख़्ख़र
- मासिक शिवरात्रि, मोतीलाल नेहरू (जन्म), खजान सिंह (जन्म), लल थनहवला (जन्म), आबिद ख़ान (जन्म), गगन नारंग (जन्म), रहमान राही (जन्म), भूलाभाई देसाई (मृत्यु), अजीत सिंह (मृत्यु), श्याम लाल यादव (मृत्यु), शिव कुमार बटालवी (मृत्यु), के. एस. राव (मृत्यु)
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भारतकोश हलचल
परशुराम जयन्ती (10 मई) • अक्षय तृतीया (10 मई) • बदरीनाथ-केदारनाथ दर्शन प्रारम्भ (10 मई) • रोहिणी व्रत (10 मई) • शिवाजी जयन्ती (09 मई) • वैशाख अमावस्या (08 मई) • विश्व रेडक्रॉस दिवस (08 मई) • विश्व थैलेसिमिया दिवस (08 मई) • विश्व अस्थमा दिवस (07 मई) • सीमा सड़क संगठन स्थापना दिवस (07 मई) • विश्व एथलेटिक्स दिवस (07 मई) • मासिक शिवरात्रि (06 मई) • प्रदोष व्रत (05 मई) • विश्व हास्य दिवस (05 मई) • वरूथिनी एकादशी (04 मई) • बल्लभाचार्य जयन्ती (04 मई) • अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस (03 मई) • अन्तरराष्ट्रीय सूर्य दिवस (03 मई) • शीतला अष्टमी व्रत (01 मई) • कालाष्टमी (01 मई) • अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (01 मई) • गुजरात स्थापना दिवस (01 मई) • महाराष्ट्र स्थापना दिवस (01 मई) • अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस (29 अप्रॅल) • विश्व बौद्धिक सम्पदा दिवस (26 अप्रॅल) • चेरनोबिल दिवस (26 अप्रॅल) • विश्व पशु चिकित्सा दिवस (26 अप्रॅल) • विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रॅल) • राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (24 अप्रॅल) • पौर्णमासी व्रत (23 अप्रॅल) • हनुमान जयन्ती (23 अप्रॅल) • विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस (23 अप्रॅल) • पृथ्वी दिवस (22 अप्रॅल) • प्रदोष व्रत (21 अप्रॅल) • महावीर जयन्ती (21 अप्रॅल)
जन्म
गिरिजा देवी (08 मई) • गोपबन्धु चौधरी (08 मई) • स्वामी चिन्मयानंद (08 मई) • तपन राय चौधरी (08 मई) • सत्यब्रत मुखर्जी (08 मई) • केशव प्रसाद मौर्य (07 मई) • पन्नालाल पटेल (07 मई) • रबीन्द्रनाथ ठाकुर (07 मई) • पांडुरंग वामन काणे (07 मई) • एन. एस. हार्डिकर (07 मई) • शान्तिदेव घोष (07 मई) • खजान सिंह (06 मई) • मोतीलाल नेहरू (06 मई) • लल थनहवला (06 मई) • आबिद ख़ान (06 मई) • गगन नारंग (06 मई)
मृत्यु
आत्माराम रावजी देशपांडे (08 मई) • ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर (08 मई) • देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय (08 मई) • दामोदरम संजीवय्या (08 मई) • अमीर चन्द (08 मई) • भाई बालमुकुंद (08 मई) • अल्लूरी सीताराम राजू (07 मई) • प्रेम धवन (07 मई) • वनराज भाटिया (07 मई) • श्याम लाल यादव (06 मई) • शिव कुमार बटालवी (06 मई) • भूलाभाई देसाई (06 मई) • अजीत सिंह (06 मई)
भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
जो सफलता का मंच है वह बीसवीं सीढ़ी चढ़ कर मिलेगा और इस मंच पर हम उन्नीस सीढ़ी चढ़ने के बाद भी नहीं पहुँच सकते क्योंकि बीसवीं तो ज़रूरी ही है। अब एक बात यह भी होती है कि उन्नीसवीं सीढ़ी से नीचे देखते हैं तो लगता है कि हमने कितनी सारी सीढ़ियाँ चढ़ ली हैं और न जाने कितनी और भी चढ़नी पड़ेंगी। इसलिए हताश हो जाना स्वाभाविक ही होता है। जबकि हम मात्र एक सीढ़ी नीचे ही होते हैं। ये आख़िरी सीढ़ी कोई भी कभी भी हो सकती है क्योंकि सफलता कभी आती हुई नहीं दिखती सिर्फ़ जाती हुई दिखती है। ...पूरा पढ़ें
पिछले सभी लेख → | शहीद मुकुल द्विवेदी के नाम पत्र | शर्मदार की मौत |
एक आलेख

राष्ट्रपति अथवा राष्ट्र प्रमुख भारत के प्रथम नागरिक हैं, साथ ही भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख सेनापति भी हैं। राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है पर कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद के द्वारा उपयोग किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे 'रायसीना हिल' के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय संविधान पर ब्रिटेन के संविधान का व्यापक प्रभाव है। ब्रिटेन के संविधान का अनुकरण करते हुए भारत में संविधान द्वारा संसदीय शासन की स्थापना की गयी है। राष्ट्रपति का चुनाव 'अप्रत्यक्ष निर्वाचन' के द्वारा किया जाता है। अनुच्छेद 54 के अनुसार राष्ट्रपति का निर्वाचन ऐसे निर्वाचक मण्डल द्वारा किया जाएगा, जिसमें संसद (लोकसभा तथा राज्यसभा) तथा राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होंगे। ... और पढ़ें
पिछले आलेख → | रसखान की भाषा | मौर्य काल |
एक पर्यटन स्थल

लक्षद्वीप भारत के दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में स्थित एक भारतीय द्वीप-समूह है। सभी केन्द्रशासित प्रदेशों में लक्षद्वीप सबसे छोटा है। यह भारत की मुख्यभूमि से लगभग 400 किमी दूर पश्चिम दिशा में अरब सागर में अवस्थित है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह में कुल 36 द्वीप है परन्तु केवल 7 द्वीपों पर ही जनजीवन है। देशी पयर्टकों को 6 द्वीपों पर जाने की अनुमति है जबकि विदेशी पयर्टकों को केवल 2 द्वीपों (अगाती व बंगाराम) पर जाने की अनुमति है। मुख्य भूमि से दूर इनका प्राकृतिक सौंदर्य, प्रदूषणमुक्त वातावरण, चारों ओर समुद्र और इसकी पारदर्शी सतह पर्यटकों को सम्मोहित कर लेती है। समुद्री जल में तैरती मछलियाँ इन द्वीपों की सुंदरता को और बढ़ा देती हैं। ये द्वीप प्रकृति की एक अद्भुत देन है। यह आश्चर्य की बात है कि यहाँ की धरती का निर्माण मूँगों द्वारा किया गया। उन्होंने ही मानव के रहन-सहन के उपयुक्त बनाया। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। ... और पढ़ें
पिछले पर्यटन स्थल → | चंडीगढ़ | लाल क़िला |
एक व्यक्तित्व

पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर भारत के प्रसिद्ध संगीतज्ञ एवं हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक थे। इनका सम्बन्ध ग्वालियर घराने से था। पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर का जितना प्रभावशाली व्यक्तित्व था उतना ही असरदार उनका संगीत भी था। एक बार महात्मा गाँधी ने उनका गायन सुन कर टिप्पणी की थी- “पण्डित जी अपनी मात्र एक रचना से जन-समूह को इतना प्रभावित कर सकते हैं, जितना मैं अपने अनेक भाषणों से भी नहीं कर सकता।” पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर की कालजयी रचनाओं में एक महत्त्वपूर्ण रचना है, ‘वन्देमातरम्...’। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की यह अमर रचना, स्वतंत्र भारत के प्रथम सूर्योदय पर पण्डित जी के स्वरों से अलंकृत होकर आकाशवाणी द्वारा प्रसारित हुई थी। आगे चल कर ‘वन्देमातरम्...’ गीत के आरम्भिक दो अन्तरों को भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रगीत के समकक्ष मान्यता प्रदान की थी। ... और पढ़ें
पिछले लेख → | जे. आर. डी. टाटा | आर. के. लक्ष्मण |
ब्रज डिस्कवरी

- ब्रज डिस्कवरी पर हम आपको एक ऐसी यात्रा का भागीदार बनाना चाहते हैं जिसका रिश्ता ब्रज के इतिहास, संस्कृति, समाज, पुरातत्व, कला, धर्म-संप्रदाय, पर्यटन स्थल, प्रतिभाओं आदि से है।
भारतकोशज्ञान का हिन्दी-महासागर
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एक रोग

डेंगू अथवा 'डेंगी' / 'डेंगू बुख़ार' / 'डेंगू फीवर' / 'डेंगू ज्वर' एक ख़तरनाक संक्रामक रोग है। डेंगू का प्रथम महामारी रूपेण हमला एशिया, अफ़्रीका, उत्तरी अमेरिका में एक साथ सन् 1780 के लगभग हुआ था। इस रोग को 1779 में पहचाना तथा नाम दिया गया था। आम भाषा में इस बीमारी को "हड्डी तोड़ बुख़ार" कहा जाता है, क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है। डेंगू के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने तथा इसके प्रति सचेत रहने के लिए ही प्रतिवर्ष '10 अगस्त' को 'डेंगू निरोधक दिवस' मनाया जाता है। डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है। इस रोग का वाहक एड़ीज मच्छर की दो प्रजातियां हैं- एडीज एजिपटाई तथा एडीज एल्बोपेक्टस। जिस दिन डेंगू वायरस से संक्रमित कोई मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो उसके लगभग 3-5 दिनों बाद ऐसे व्यक्ति में डेंगू बुख़ार के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। यह संक्रामक काल 3-10 दिनों तक भी हो सकता है। ...और पढ़ें
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