शिव नाडार
शिव नाडार (जन्म- 1945) सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर की दुनिया में दूरदर्शी एवं विख्यात उद्योगपति हैं। इन्होंने एच.सी.एल. नामक कंपनी की स्थापना की, जिसकी भारत से बाहर 19 देशों में लगभग 30 शाखाएं काम कर रही हैं।
परिचय
संसार भर के सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े लोगों में विख्यात शिव नाडार का जन्म 1945 ई. में हुआ था। इन्हें कंप्यूटर की दुनिया में दूरदर्शी और विश्व का एक महान उद्योगपति माना जाता है। नाडार ने कोयंबतुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा करके सिस्टम एनालिस्ट के रूप में कार्य आरंभ किया था। आरंभ में इन्होंने दिल्ली क्लॉथ मिल में प्रमुख प्रबंधक के रूप में भी कार्य किया था। 1975 में इस विशाल देश में 250 कंप्यूटर ही थे, तब इन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी के महत्व को समझा और एच.सी.एल. नामक कंपनी की स्थापना की। आज एच.सी.एल. कम्पनी की भारत से बाहर 19 देशों में कुल मिलाकर 30 शाखाएं काम कर रही हैं। इस समूह की वार्षिक आय 700 मिलियन डॉलर है। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इन्होंने कितनी सूझबूझ से यह कार्य आरंभ किया होगा।[1]
समय की पहचान
शिव नाडार 'सही समय पर सही कार्य' आरंभ करने का श्रेष्ठतम उदाहरण है। वैसे तो नाडार सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े अन्य उद्योगपतियों के समान ही हैं, परंतु उनकी विशेषता यह रही है कि इन्होंने इस दिशा में काम करने के समय का सही आकलन किया। इससे पता चलता है कि नाडार की कंपनियों का विदेशों में कितना सम्मान है। भारत को उन पर गर्व है।
ख्याति
शिव नाडार को इस कार्य से देश-विदेशों में ख्याति मिली है। विदेशी पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें 'टाइम' पत्रिका सबसे प्रसिद्ध है, 1997 में शिव नाडार की सूझबूझ की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी। ज्योफ्रे जेम्स ने अपनी पुस्तक 'जायंट किलर' में नाडार की कंपनी एच.सी.एल. को माइक्रोसॉफ्ट, हयूलिट पैकार्ड और काम्पैक के समक्ष ठहराया है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 843 |
बाहरी कड़ियाँ
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