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||[[चित्र:Morarji Desai.jpg|right|150px|border|मोरारजी देसाई]]'मोरारजी देसाई' को [[भारत]] के चौथे [[प्रधानमंत्री]] के रूप में जाना जाता है। वह 81 [[वर्ष]] की आयु में प्रधानमंत्री बने थे। इसके पूर्व कई बार उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की थी, परंतु असफल रहे थे। [[मोरारजी देसाई]] [[मार्च]], [[1977]] में देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल पूर्ण नहीं हो पाया और [[चौधरी चरण सिंह]] से मतभेदों के चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा। मोरारजी देसाई को गांधीवादी नीति का परम समर्थक माना जाता है। वे एकमात्र ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री थे, जिन्हें [[भारत सरकार]] की ओर से '[[भारत रत्न]]' तथा [[पाकिस्तान]] की ओर से 'तहरीक़-ए-पाकिस्तान' का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान प्राप्त हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोरारजी देसाई]]
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||[[चित्र:Morarji Desai.jpg|right|100px|border|मोरारजी देसाई]]'मोरारजी देसाई' को [[भारत]] के चौथे [[प्रधानमंत्री]] के रूप में जाना जाता है। वह 81 [[वर्ष]] की आयु में प्रधानमंत्री बने थे। इसके पूर्व कई बार उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की थी, परंतु असफल रहे थे। [[मोरारजी देसाई]] [[मार्च]], [[1977]] में देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल पूर्ण नहीं हो पाया और [[चौधरी चरण सिंह]] से मतभेदों के चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा। मोरारजी देसाई को गांधीवादी नीति का परम समर्थक माना जाता है। वे एकमात्र ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री थे, जिन्हें [[भारत सरकार]] की ओर से '[[भारत रत्न]]' तथा [[पाकिस्तान]] की ओर से 'तहरीक़-ए-पाकिस्तान' का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान प्राप्त हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोरारजी देसाई]]
  
 
{"इंडियास पॉवर्टी एण्ड इट्स सोल्यूशंस" नामक पुस्तक किसके द्वारा लिखी गई थी?
 
{"इंडियास पॉवर्टी एण्ड इट्स सोल्यूशंस" नामक पुस्तक किसके द्वारा लिखी गई थी?
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+[[चौधरी चरण सिंह]]
 
+[[चौधरी चरण सिंह]]
 
-[[नरसिंह राव पी. वी.|नरसिंह राव]]
 
-[[नरसिंह राव पी. वी.|नरसिंह राव]]
||[[चित्र:Chaudhary-Charan-Singh.jpg|right|150px|border|चौधरी चरण सिंह]]'चौधरी चरण सिंह' [[भारत]] के प्रसिद्ध किसान नेता थे। [[उत्तर प्रदेश]] के किसान तो उन्हें अपना मसीहा मानने लगे थे। [[चौधरी चरण सिंह]] ने कृषकों के कल्याण के लिए काफ़ी कार्य किए। समस्त उत्तर प्रदेश में भ्रमण करते हुए कृषकों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाक़ों में [[कृषि]] मुख्य व्यवसाय था। कृषकों में सम्मान होने के कारण उन्हें किसी भी चुनाव में हार का मुख नहीं देखना पड़ा। बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि चरण सिंह एक कुशल लेखक की आत्मा भी रखते थे। उनका [[अंग्रेज़ी भाषा]] पर अच्छा अधिकार था। उन्होंने 'अबॉलिशन ऑफ़ ज़मींदारी', 'लिजेण्ड प्रोपराइटरशिप' और '''इंडियास पॉवर्टी एण्ड इट्स सोल्यूशंस''' नामक पुस्तकों का लेखन भी किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चौधरी चरण सिंह]]
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||[[चित्र:Chaudhary-Charan-Singh.jpg|right|100px|border|चौधरी चरण सिंह]]'चौधरी चरण सिंह' [[भारत]] के प्रसिद्ध किसान नेता थे। [[उत्तर प्रदेश]] के किसान तो उन्हें अपना मसीहा मानने लगे थे। [[चौधरी चरण सिंह]] ने कृषकों के कल्याण के लिए काफ़ी कार्य किए। समस्त उत्तर प्रदेश में भ्रमण करते हुए कृषकों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाक़ों में [[कृषि]] मुख्य व्यवसाय था। कृषकों में सम्मान होने के कारण उन्हें किसी भी चुनाव में हार का मुख नहीं देखना पड़ा। बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि चरण सिंह एक कुशल लेखक की आत्मा भी रखते थे। उनका [[अंग्रेज़ी भाषा]] पर अच्छा अधिकार था। उन्होंने 'अबॉलिशन ऑफ़ ज़मींदारी', 'लिजेण्ड प्रोपराइटरशिप' और '''इंडियास पॉवर्टी एण्ड इट्स सोल्यूशंस''' नामक पुस्तकों का लेखन भी किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चौधरी चरण सिंह]]
  
 
{भारतीय [[राष्ट्रपति]] के अंगरक्षक दस्ते का 'अमर वाक्य' क्या है?
 
{भारतीय [[राष्ट्रपति]] के अंगरक्षक दस्ते का 'अमर वाक्य' क्या है?
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-[[सियार]]
 
-[[सियार]]
 
+[[चिंकारा]]
 
+[[चिंकारा]]
||[[चित्र:Chinkara.jpg|right|150px|border|चिंकारा]]'चिंकारा' एक प्रकार का छोटा हिरण, जो [[एशिया|दक्षिण एशिया]] में पाया जाता है। यह एक शर्मिला जीव है और मानव आबादी से दूर रहना ही पसंद करता है। यद्यपि [[चिंकारा]] अकेला रहने वाला जीव है, किंतु कभी-कभी यह प्राणी एक से चार के झुण्ड में भी दिखाई दे जाता है। [[भारत]] के राज्य [[राजस्थान]] का राज्य पशु होने का गौरव चिंकारा को प्राप्त है। चिंकारा की ऊँचाई कन्धे तक 65 से.मी. और वज़न लगभग 23 किलोग्राम तक होता है। [[ग्रीष्म ऋतु]] में इस प्राणी की खाल का रंग [[लाल रंग|लाल]]-[[भूरा रंग|भूरा]] हो जाता है और पेट तथा अंदुरुनी पैरों का रंग हल्का भूरा लिये हुये [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चिंकारा]], [[राजस्थान]]
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||[[चित्र:Chinkara.jpg|right|100px|border|चिंकारा]]'चिंकारा' एक प्रकार का छोटा हिरण, जो [[एशिया|दक्षिण एशिया]] में पाया जाता है। यह एक शर्मिला जीव है और मानव आबादी से दूर रहना ही पसंद करता है। यद्यपि [[चिंकारा]] अकेला रहने वाला जीव है, किंतु कभी-कभी यह प्राणी एक से चार के झुण्ड में भी दिखाई दे जाता है। [[भारत]] के राज्य [[राजस्थान]] का राज्य पशु होने का गौरव चिंकारा को प्राप्त है। चिंकारा की ऊँचाई कन्धे तक 65 से.मी. और वज़न लगभग 23 किलोग्राम तक होता है। [[ग्रीष्म ऋतु]] में इस प्राणी की खाल का रंग [[लाल रंग|लाल]]-[[भूरा रंग|भूरा]] हो जाता है और पेट तथा अंदुरुनी पैरों का रंग हल्का भूरा लिये हुये [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चिंकारा]], [[राजस्थान]]
  
 
{'[[हर की पौड़ी]]' नामक प्रसिद्ध [[हिन्दू]] धार्मिक स्थल [[भारत]] के किस राज्य में है?
 
{'[[हर की पौड़ी]]' नामक प्रसिद्ध [[हिन्दू]] धार्मिक स्थल [[भारत]] के किस राज्य में है?
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-[[झारखंड]]
 
-[[झारखंड]]
 
-[[हिमाचल प्रदेश]]
 
-[[हिमाचल प्रदेश]]
||[[चित्र:Har-Ki-Pauri.jpg|right|150px|border|हर की पौड़ी]]'हर की पौड़ी' अथवा 'हरि की पौड़ी' [[भारत]] के [[उत्तराखण्ड|उत्तराखण्ड राज्य]] में [[हिन्दू|हिन्दुओं]] की पवित्र धार्मिक नगरी [[हरिद्वार]] के सर्वाधिक पवित्र स्थलों में से एक है। यह वह स्थान है, जहाँ प्रतिदिन लघु भारत के दर्शन होते हैं। [[हर की पौड़ी]] को 'ब्रह्मकुण्ड' के नाम से भी जाना जाता है। ये माना गया है कि यही वह स्थान है, जहाँ से [[गंगा नदी]] पहाड़ों को छोड़कर मैदानी क्षेत्रों की ओर मुड़ती है। इस स्थान पर नदी में पापों को धो डालने की अद्भुत शक्ति है और यहाँ एक पत्थर में [[विष्णु|श्रीहरि]] के पदचिह्न इस बात का समर्थन करते हैं। यह घाट गंगा नदी की नहर के पश्चिमी तट पर है, जहाँ से नदी उत्तर दिशा की ओर मुड़ जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हर की पौड़ी]]
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||[[चित्र:Har-Ki-Pauri.jpg|right|100px|border|हर की पौड़ी]]'हर की पौड़ी' अथवा 'हरि की पौड़ी' [[भारत]] के [[उत्तराखण्ड|उत्तराखण्ड राज्य]] में [[हिन्दू|हिन्दुओं]] की पवित्र धार्मिक नगरी [[हरिद्वार]] के सर्वाधिक पवित्र स्थलों में से एक है। यह वह स्थान है, जहाँ प्रतिदिन लघु भारत के दर्शन होते हैं। [[हर की पौड़ी]] को 'ब्रह्मकुण्ड' के नाम से भी जाना जाता है। ये माना गया है कि यही वह स्थान है, जहाँ से [[गंगा नदी]] पहाड़ों को छोड़कर मैदानी क्षेत्रों की ओर मुड़ती है। इस स्थान पर नदी में पापों को धो डालने की अद्भुत शक्ति है और यहाँ एक पत्थर में [[विष्णु|श्रीहरि]] के पदचिह्न इस बात का समर्थन करते हैं। यह घाट गंगा नदी की नहर के पश्चिमी तट पर है, जहाँ से नदी उत्तर दिशा की ओर मुड़ जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हर की पौड़ी]]
  
 
{[[उत्तराखंड]] स्थित प्रसिद्ध [[सिक्ख]] धार्मिक स्थल "हेमकुण्ड साहिब" की खोज किसने की थी?
 
{[[उत्तराखंड]] स्थित प्रसिद्ध [[सिक्ख]] धार्मिक स्थल "हेमकुण्ड साहिब" की खोज किसने की थी?
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-[[गुरु गोविंदसिंह]]
 
-[[गुरु गोविंदसिंह]]
 
-इनमें से कोई नहीं
 
-इनमें से कोई नहीं
||[[चित्र:Hemkund.jpg|right|150px|border|हेमकुण्ड साहिब]]'हेमकुण्ड साहिब' '''हेमकुण्ड साहिब''' या 'गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब जी' [[सिक्ख|सिक्खों]] का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो [[उत्तराखंड]] के [[चमोली ज़िला|चमोली ज़िले]] में स्थित है। इस गुरुद्वारे की खोज [[1930]] में हवलदार सोहन सिंह ने की थी। हेमकुंड एक बर्फ की झील है, जो सात विशाल पर्वतों से घिरी हुई है, जिन्हें हेमकुंड पर्वत भी कहते हैं। हेमकुंड साहिब की यात्रा [[हिन्दू|हिन्दुओं]] की पवित्र [[अमरनाथ यात्रा]] से भी जोड़ कर देखी जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हेमकुण्ड साहिब]]
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||[[चित्र:Hemkund.jpg|right|100px|border|हेमकुण्ड साहिब]]'हेमकुण्ड साहिब' '''हेमकुण्ड साहिब''' या 'गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब जी' [[सिक्ख|सिक्खों]] का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो [[उत्तराखंड]] के [[चमोली ज़िला|चमोली ज़िले]] में स्थित है। इस गुरुद्वारे की खोज [[1930]] में हवलदार सोहन सिंह ने की थी। हेमकुंड एक बर्फ की झील है, जो सात विशाल पर्वतों से घिरी हुई है, जिन्हें हेमकुंड पर्वत भी कहते हैं। हेमकुंड साहिब की यात्रा [[हिन्दू|हिन्दुओं]] की पवित्र [[अमरनाथ यात्रा]] से भी जोड़ कर देखी जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हेमकुण्ड साहिब]]
  
 
{[[लखनऊ]] स्थित '''[[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]]''' किसके द्वारा बनवाया गया था?
 
{[[लखनऊ]] स्थित '''[[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]]''' किसके द्वारा बनवाया गया था?
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+[[आसफ़उद्दौला|नवाब आसफ़उद्दौला]]
 
+[[आसफ़उद्दौला|नवाब आसफ़उद्दौला]]
 
-[[वाजिद अली शाह]]
 
-[[वाजिद अली शाह]]
||[[चित्र:Imambara-Lucknow.JPG|right|150px|border|बड़ा इमामबाड़ा]]'बड़ा इमामबाड़ा' [[लखनऊ]] की प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। यहाँ एक ऐसी अद्भुत [[वास्तुकला]] दिखाई देती है, जिसे देखकर आधुनिक वास्‍तुकार भी दंग रह जाते हैं। इस इमामबाड़े का निर्माण [[आसफ़उद्दौला|नवाब आसफ़उद्दौला]] ने 1784 ई. में कराया था। इसके संकल्‍पनाकार 'किफायतउल्‍ला' थे, जो विश्व प्रसिद्ध [[आगरा]] के [[ताजमहल]] के वास्‍तुकार के संबंधी कहे जाते हैं। [[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]] वास्‍तव में एक विहंगम आंगन के बाद बना हुआ एक विशाल हॉल है, जहाँ दो विशाल तिहरे आर्च वाले रास्‍तों से पहुंचा जा सकता है। इमामबाड़े का केन्‍द्रीय कक्ष लगभग 50 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ]]
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||[[चित्र:Imambara-Lucknow.JPG|right|100px|border|बड़ा इमामबाड़ा]]'बड़ा इमामबाड़ा' [[लखनऊ]] की प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। यहाँ एक ऐसी अद्भुत [[वास्तुकला]] दिखाई देती है, जिसे देखकर आधुनिक वास्‍तुकार भी दंग रह जाते हैं। इस इमामबाड़े का निर्माण [[आसफ़उद्दौला|नवाब आसफ़उद्दौला]] ने 1784 ई. में कराया था। इसके संकल्‍पनाकार 'किफायतउल्‍ला' थे, जो विश्व प्रसिद्ध [[आगरा]] के [[ताजमहल]] के वास्‍तुकार के संबंधी कहे जाते हैं। [[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]] वास्‍तव में एक विहंगम आंगन के बाद बना हुआ एक विशाल हॉल है, जहाँ दो विशाल तिहरे आर्च वाले रास्‍तों से पहुंचा जा सकता है। इमामबाड़े का केन्‍द्रीय कक्ष लगभग 50 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ]]
  
 
{प्रसिद्ध [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] धार्मिक स्थल '''[[चौखंडी स्तूप]]''' [[उत्तर प्रदेश]] में कहाँ स्थित है?
 
{प्रसिद्ध [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] धार्मिक स्थल '''[[चौखंडी स्तूप]]''' [[उत्तर प्रदेश]] में कहाँ स्थित है?
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-[[कुशीनगर]]
 
-[[कुशीनगर]]
 
-[[कौशांबी]]
 
-[[कौशांबी]]
||[[चित्र:Chaukhandi-Stupa-Sarnath.jpg|right|150px|border|चौखंडी स्तूप]]'चौखंडी स्तूप' [[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]] से 13 किलोमीटर की दूरी पर [[सारनाथ]] में स्थित है। यह [[स्तूप]] [[बौद्ध]] समुदाय के लिए बहुत पूजनीय है। सारनाथ में प्रवेश करने पर सबसे पहले [[चौखंडी स्तूप]] दिखाई देता है। स्तूप में ईंट और रोड़ी का बड़ी मात्रा में उपयोग किया गया है। यह विशाल स्तूप चारों ओर से अष्टभुजीय [[मीनार|मीनारों]] से घिरा हुआ है। कहा जाता है कि यह स्तूप मूल रूप से [[अशोक|मौर्य सम्राट अशोक]] द्वारा बनवाया गया था। [[धमेख स्तूप]] से आधा मील दक्षिण में यह स्तूप स्थित है, जो [[सारनाथ]] के अवशिष्ट स्मारकों से अलग है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चौखंडी स्तूप]]
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||[[चित्र:Chaukhandi-Stupa-Sarnath.jpg|right|100px|border|चौखंडी स्तूप]]'चौखंडी स्तूप' [[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]] से 13 किलोमीटर की दूरी पर [[सारनाथ]] में स्थित है। यह [[स्तूप]] [[बौद्ध]] समुदाय के लिए बहुत पूजनीय है। सारनाथ में प्रवेश करने पर सबसे पहले [[चौखंडी स्तूप]] दिखाई देता है। स्तूप में ईंट और रोड़ी का बड़ी मात्रा में उपयोग किया गया है। यह विशाल स्तूप चारों ओर से अष्टभुजीय [[मीनार|मीनारों]] से घिरा हुआ है। कहा जाता है कि यह स्तूप मूल रूप से [[अशोक|मौर्य सम्राट अशोक]] द्वारा बनवाया गया था। [[धमेख स्तूप]] से आधा मील दक्षिण में यह स्तूप स्थित है, जो [[सारनाथ]] के अवशिष्ट स्मारकों से अलग है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चौखंडी स्तूप]]
  
 
{'''एशिया जाग उठा''' किसके द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध कृति है?
 
{'''एशिया जाग उठा''' किसके द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध कृति है?
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-[[फ़ैज़ अहमद फ़ैज़]]
 
-[[फ़ैज़ अहमद फ़ैज़]]
 
+[[अली सरदार जाफ़री]]
 
+[[अली सरदार जाफ़री]]
||[[चित्र:Ali Sardar Jafri.jpg|right|150px|border|अली सरदार जाफ़री]]'अली सरदार जाफ़री' [[उर्दू भाषा]] के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। इन्हें [[1997]] में '[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया था। अपनी साम्यवादी विचारधारा के कारण [[अली सरदार जाफ़री]] प्रगतिशील लेखक संघ से जुडे़ हुए थे, जहाँ उन्हें [[प्रेमचन्द]], [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]], [[फ़ैज़ अहमद फ़ैज़]], मुल्कराज आनंद जैसे भारतीय सहित्यकारों तथा नेरूदा व लुई अरांगा जैसे विदेशी चिंतकों के विचारों को जानने-समझने का अवसर मिला। कई आलिमों की संगत का यह असर हुआ कि अली सरदार जाफ़री एक ऐसे शायर बने, जिनके दिल में मेहनतकशों के दुख-दर्द बसे हुए थे। उनकी प्रमुख कृतियों में ‘परवाज़’, ‘नई दुनिया को सलाम’, ‘अम्मन का सितारा’, 'एशिया जाग उठा’ तथा ‘पत्थर की दीवार’ आदि प्रसिद्ध हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अली सरदार जाफ़री]]
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||[[चित्र:Ali Sardar Jafri.jpg|right|100px|border|अली सरदार जाफ़री]]'अली सरदार जाफ़री' [[उर्दू भाषा]] के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। इन्हें [[1997]] में '[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया था। अपनी साम्यवादी विचारधारा के कारण [[अली सरदार जाफ़री]] प्रगतिशील लेखक संघ से जुडे़ हुए थे, जहाँ उन्हें [[प्रेमचन्द]], [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]], [[फ़ैज़ अहमद फ़ैज़]], मुल्कराज आनंद जैसे भारतीय सहित्यकारों तथा नेरूदा व लुई अरांगा जैसे विदेशी चिंतकों के विचारों को जानने-समझने का अवसर मिला। कई आलिमों की संगत का यह असर हुआ कि अली सरदार जाफ़री एक ऐसे शायर बने, जिनके दिल में मेहनतकशों के दुख-दर्द बसे हुए थे। उनकी प्रमुख कृतियों में ‘परवाज़’, ‘नई दुनिया को सलाम’, ‘अम्मन का सितारा’, 'एशिया जाग उठा’ तथा ‘पत्थर की दीवार’ आदि प्रसिद्ध हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अली सरदार जाफ़री]]
  
 
{'''बिहार रिसर्च जनरल''' नामक [[समाचार पत्र]] का सम्पादन किसने किया था?
 
{'''बिहार रिसर्च जनरल''' नामक [[समाचार पत्र]] का सम्पादन किसने किया था?

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फ़ेसबुक पर चर्चित पहेलियाँ

वर्ष 2013 >> जुलाई 2013   •   अगस्त 2013   •   सितंबर 2013   •   अक्तूबर 2013   •   नवंबर 2013   •   दिसंबर 2013

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वर्ष 2015 >> जनवरी 2015   •   फ़रवरी 2015   •   मार्च 2015   •   अप्रॅल 2015   •   मई 2015   •   जून 2015   •   जुलाई 2015   •   अगस्त 2015   •   सितंबर 2015   •   अक्टूबर 2015   •   नवम्बर 2015   •   दिसम्बर 2015

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वर्ष 2018 >> जनवरी 2018

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1 किस भारतीय प्रधानमंत्री को 'तहरीक़-ए-पाकिस्तान' का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान प्राप्त हुआ था?

मोरारजी देसाई
लाल बहादुर शास्त्री
इंदिरा गाँधी
जवाहरलाल नेहरू

2 "इंडियास पॉवर्टी एण्ड इट्स सोल्यूशंस" नामक पुस्तक किसके द्वारा लिखी गई थी?

जगजीवन राम
मनमोहन सिंह
चौधरी चरण सिंह
नरसिंह राव

3 भारतीय राष्ट्रपति के अंगरक्षक दस्ते का 'अमर वाक्य' क्या है?

भारत माता की जय
भारत की जय-जय
जय जवान जय भारत
इनमें से कोई नहीं

5 'हर की पौड़ी' नामक प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थल भारत के किस राज्य में है?

उत्तर प्रदेश
उत्तराखंड
झारखंड
हिमाचल प्रदेश

6 उत्तराखंड स्थित प्रसिद्ध सिक्ख धार्मिक स्थल "हेमकुण्ड साहिब" की खोज किसने की थी?

गुरु नानक
हवलदार सोहन सिंह
गुरु गोविंदसिंह
इनमें से कोई नहीं

8 प्रसिद्ध बौद्ध धार्मिक स्थल चौखंडी स्तूप उत्तर प्रदेश में कहाँ स्थित है?

सारनाथ
गया
कुशीनगर
कौशांबी

9 एशिया जाग उठा किसके द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध कृति है?

फ़िराक़ गोरखपुरी
हसरत मोहानी
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अली सरदार जाफ़री

10 बिहार रिसर्च जनरल नामक समाचार पत्र का सम्पादन किसने किया था?

हेमचंद्र रायचौधरी
काशी प्रसाद जायसवाल
शिवपूजन सहाय
बालकृष्ण भट्ट

11 किस वीर भारतीय सैनिक को "नौशेरा का शेर" कहा जाता है?

महेंद्रनाथ मुल्ला
मोहम्मद उस्मान
अब्दुल हमीद
बाबा हरभजन सिंह

13 वे पहले निबंधकार कौन थे, जिन्होंने 'आत्मपरक शैली' का प्रयोग किया?

बालकृष्ण भट्ट
रामनरेश त्रिपाठी
वृंदावनलाल वर्मा
इंशा अल्ला ख़ाँ

14 'भारतीय तटरक्षक बल' ने किसके नाम पर अपने एक गश्ती पोत का नाम रखा था?

वीर सावरकर
मीरा बेन
गोपाल कृष्ण गोखले
सरदार पटेल

16 औरंगाबाद स्थित 'बीबी का मक़बरा' किसकी स्मृति में बनवाया गया था?

नूरजहाँ
मुमताज महल
रबिया दुर्रानी
गुलबदन बेगम

17 किस राजा ने शिवसमुद्रम के युद्ध में कावेरी नदी के प्रवाह को परिवर्तित करके अपूर्व रण-कौशल का परिचय दिया था?

वीर नरसिंह
कृष्णदेव राय
अच्युतदेव राय
सदाशिव राय

18 "मेरी आँख तो उस दिन को देखने के लिए तरस रही है, जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक सब भारतीय एक भाषा बोलने और समझने लग जाएंगे।" यह कथन किस महापुरुष का है?

स्वामी विवेकानन्द
स्वामी दयानन्द
राजा राममोहन राय
रामकृष्ण परमहंस

19 दिल्ली सल्तनत में किस शासक को बदनसीब आदर्शवादी एवं रक्तपिपासु अत्याचारी कहा गया?

सिकंदर लोदी
अलाउद्दीन ख़िलजी
मुहम्मद बिन तुग़लक़
बलबन

20 हिन्दू धार्मिक कृति 'रामचरितमानस' में कुल चौपाईयों की संख्या कितनी है?

9388
9331
9321
9311

21 हिन्दी में 'डी.लिट.' की उपाधि प्राप्त करने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे?

पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल
नागार्जुन
पाण्डेय बेचन शर्मा
सुधाकर पाण्डेय

23 कर्क रेखा भारत के कितने राज्यों से होकर गुजरती है?

पाँच
छ:
सात
आठ

25 "ग्रैमी अवार्ड" विजेता प्रथम भारतीय व्यक्ति कौन थे?

विनोबा भावे
जयप्रकाश नारायण
पण्डित रवि शंकर
सत्यजित राय

26 मरुभूमि का मेघ किस उद्योगपति की आत्मकथा है?

घनश्याम दास बिड़ला
जमशेद जी टाटा
रूसी मोदी
रतन टाटा

27 किस भारतीय खिलाड़ी ने जेम्स बॉन्ड की फ़िल्म 'ओक्टॉपसी' में अभिनय किया था?

लाला अमरनाथ
रणजी
विजय अमृतराज
सुनील गावस्कर

28 मानस का प्रत्येक पृष्ठ भक्ति से भरपूर है। मानस अनुभवजन्य ज्ञान का भण्डार है। यह कथन किस महापुरुष का है?

बाल गंगाधर तिलक
महात्मा गाँधी
राजेंद्र प्रसाद
राम मनोहर लोहिया

31 किस भारतीय महिला खिलाड़ी को उड़न परी कहा जाता है?

मिताली राज
कोनेरू हम्पी
राही सरनोबत
पी. टी. उषा



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टीका-टिप्पणी और संदर्भ

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