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| [[कृष्ण जन्मभूमि]]
 
| [[कृष्ण जन्मभूमि]]
| style="text-align:left"|भगवान [[कृष्ण|श्री कृष्ण]] की जन्मभूमि का ना केवल राष्द्रीय स्तर पर महत्त्व है बल्कि वैश्विक स्तर पर [[मथुरा]] जनपद भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान से ही जाना जाता है। आज वर्तमान में महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी की प्रेरणा से यह एक भव्य आकर्षण मन्दिर के रूप में स्थापित है। [[पर्यटन]] की दृष्टि से विदेशों से भी भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए यहाँ प्रतिदिन आते हैं [[कृष्ण जन्मभूमि|.... और पढ़ें]]
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| style="text-align:left"|[[कृष्ण|भगवान श्रीकृष्ण]] की [[कृष्ण जन्मभूमि|जन्मभूमि]] का ना केवल राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्व है बल्कि वैश्विक स्तर पर [[मथुरा|मथुरा जनपद]] भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान से ही जाना जाता है। आज वर्तमान में [[मदनमोहन मालवीय|महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी]] की प्रेरणा से यह एक भव्य आकर्षण मन्दिर के रूप में स्थापित है। [[पर्यटन]] की दृष्टि से विदेशों से भी भक्त भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए यहाँ प्रतिदिन आते हैं। [[कृष्ण जन्मभूमि|.... और पढ़ें]]
 
| [[चित्र:Krishna Birth Place Mathura-13.jpg|कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा|150px]]
 
| [[चित्र:Krishna Birth Place Mathura-13.jpg|कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा|150px]]
 
| [http://maps.google.com/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=shri+krishna+janm+bhoomi&sll=27.505493,77.665958&sspn=0.016596,0.042272&ie=UTF8&hq=shri+krishna+janm+bhoomi&hnear=&ll=27.509794,77.665873&spn=0.033495,0.084543&z=14 गूगल मानचित्र]
 
| [http://maps.google.com/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=shri+krishna+janm+bhoomi&sll=27.505493,77.665958&sspn=0.016596,0.042272&ie=UTF8&hq=shri+krishna+janm+bhoomi&hnear=&ll=27.509794,77.665873&spn=0.033495,0.084543&z=14 गूगल मानचित्र]
 
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| [[द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा|द्वारिकाधीश मन्दिर]]
 
| [[द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा|द्वारिकाधीश मन्दिर]]
| style="text-align:left"|[[मथुरा]] नगर के राजाधिराज बाज़ार में स्थित यह मन्दिर अपने सांस्कृतिक वैभव कला एवं सौन्दर्य के लिए अनुपम है। [[ग्वालियर]] राज के कोषाध्यक्ष सेठ गोकुल दास पारीख ने इसका निर्माण 1814–15 में प्रारम्भ कराया, जिनकी मृत्यु पश्चात इनकी सम्पत्ति के उत्तराधिकारी सेठ लक्ष्मीचन्द्र ने मन्दिर का निर्माण कार्य पूर्ण कराया [[द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा|.... और पढ़ें]]
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| style="text-align:left"|[[मथुरा]] नगर के राजाधिराज बाज़ार में स्थित यह मन्दिर अपने सांस्कृतिक वैभव कला एवं सौन्दर्य के लिए अनुपम है। [[ग्वालियर]] राज के कोषाध्यक्ष सेठ गोकुल दास पारीख ने इसका निर्माण 1814-15 में प्रारम्भ कराया था, जिनकी मृत्यु के पश्चात् इनकी सम्पत्ति के उत्तराधिकारी सेठ लक्ष्मीचन्द्र ने मन्दिर का निर्माण कार्य पूर्ण कराया। [[द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा|.... और पढ़ें]]
 
| [[चित्र:Dwarikadish-temple-1.jpg|द्वारिकाधीश मन्दिर|150px]]
 
| [[चित्र:Dwarikadish-temple-1.jpg|द्वारिकाधीश मन्दिर|150px]]
 
| [http://maps.google.com/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=dwarkadhish+temple+mathura&sll=27.509794,77.665873&sspn=0.035399,0.084543&ie=UTF8&hq=dwarkadhish+temple&hnear=Mathura,+Uttar+Pradesh+281001,+India&ll=27.510022,77.684669&spn=0.033495,0.084543&z=14 गूगल मानचित्र]
 
| [http://maps.google.com/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=dwarkadhish+temple+mathura&sll=27.509794,77.665873&sspn=0.035399,0.084543&ie=UTF8&hq=dwarkadhish+temple&hnear=Mathura,+Uttar+Pradesh+281001,+India&ll=27.510022,77.684669&spn=0.033495,0.084543&z=14 गूगल मानचित्र]
 
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| [[राजकीय संग्रहालय मथुरा|राजकीय संग्रहालय]]
 
| [[राजकीय संग्रहालय मथुरा|राजकीय संग्रहालय]]
| style="text-align:left"|मथुरा का यह विशाल संग्रहालय डेम्पीयर नगर, मथुरा में स्थित है। भारतीय कला को मथुरा की यह विशेष देन है । भारतीय कला के इतिहास में यहीं पर सर्वप्रथम हमें शासकों की लेखों से अंकित मानवीय आकारों में बनी प्रतिमाएं दिखलाई पड़ती हैं  [[राजकीय संग्रहालय मथुरा|.... और पढ़ें]]
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| style="text-align:left"|मथुरा का यह विशाल [[संग्रहालय]] डेम्पीयर नगर, [[मथुरा]] में स्थित है। [[भारतीय कला]] को मथुरा की यह विशेष देन है। भारतीय कला के इतिहास में यहीं पर सर्वप्रथम हमें शासकों की लेखों से अंकित मानवीय आकारों में बनी प्रतिमाएं दिखलाई पड़ती हैं। [[राजकीय संग्रहालय मथुरा|.... और पढ़ें]]
 
| [[चित्र:Mathura-Museum-1.jpg|राजकीय संग्रहालय|150px]]
 
| [[चित्र:Mathura-Museum-1.jpg|राजकीय संग्रहालय|150px]]
 
| [http://maps.google.co.in/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=mathura+museum&sll=27.576574,77.682352&sspn=0.020694,0.042272&ie=UTF8&hq=museum&hnear=Mathura,+Uttar+Pradesh+281001&z=16&iwloc=A गूगल मानचित्र]
 
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| [[बांके बिहारी मन्दिर वृन्दावन|बांके बिहारी मन्दिर]]
 
| [[बांके बिहारी मन्दिर वृन्दावन|बांके बिहारी मन्दिर]]
| style="text-align:left"|बांके बिहारी मंदिर [[मथुरा]] ज़िले के [[वृंदावन]] धाम में रमण रेती पर स्थित है। यह भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। बांके बिहारी [[कृष्ण]] का ही एक रूप है जो इसमें प्रदर्शित किया गया है। कहा जाता है कि इस मन्दिर का निर्माण स्वामी श्री [[हरिदास]] जी के वंशजो के सामूहिक प्रयास से संवत 1921 के लगभग किया गया [[बांके बिहारी मन्दिर वृन्दावन|.... और पढ़ें]]
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| style="text-align:left"|बांके बिहारी मंदिर [[मथुरा ज़िला|मथुरा ज़िले]] के [[वृंदावन|वृंदावन धाम]] में रमण रेती पर स्थित है। यह [[भारत]] के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। बांके बिहारी [[कृष्ण]] का ही एक रूप है, जो इसमें प्रदर्शित किया गया है। कहा जाता है कि इस मन्दिर का निर्माण [[स्वामी हरिदास|स्वामी श्री हरिदास जी]] के वंशजों के सामूहिक प्रयास से [[संवत]] [[1921]] के लगभग किया गया था। [[बांके बिहारी मन्दिर वृन्दावन|.... और पढ़ें]]
 
| [[चित्र:Banke-Bihari-Temple.jpg|150px|बांके बिहारी मन्दिर]]
 
| [[चित्र:Banke-Bihari-Temple.jpg|150px|बांके बिहारी मन्दिर]]
 
| [http://maps.google.com/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=banke+bihari+temple+vrindavan&sll=28.386568,79.425488&sspn=0.083666,0.110378&ie=UTF8&hq=banke+bihari+temple&hnear=Vrindavan,+Mathura,+Uttar+Pradesh+281124,+India&ll=27.581215,77.691042&spn=0.010061,0.013797&z=16&iwloc=A गूगल मानचित्र]
 
| [http://maps.google.com/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=banke+bihari+temple+vrindavan&sll=28.386568,79.425488&sspn=0.083666,0.110378&ie=UTF8&hq=banke+bihari+temple&hnear=Vrindavan,+Mathura,+Uttar+Pradesh+281124,+India&ll=27.581215,77.691042&spn=0.010061,0.013797&z=16&iwloc=A गूगल मानचित्र]
 
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| [[रंग नाथ जी मन्दिर वृन्दावन|रंग नाथ जी मन्दिर]]
 
| [[रंग नाथ जी मन्दिर वृन्दावन|रंग नाथ जी मन्दिर]]
| style="text-align:left"|श्री सम्प्रदाय के संस्थापक [[रामानुज|रामानुजाचार्य]] के विष्णु-स्वरूप भगवान रंगनाथ या रंगजी के नाम से रंग जी का मन्दिर सेठ लखमीचन्द के भाई सेठ गोविन्ददास और राधाकृष्ण दास द्वारा निर्माण कराया गया था। उनके महान गुरु [[संस्कृत]] के आचार्य स्वामी रंगाचार्य द्वारा दिये गये मद्रास के रंग नाथ मन्दिर की शैली के मानचित्र के आधार पर यह बना था। इसकी बाहरी दीवार की लम्बाई 773 फीट और चौड़ाई 440 फीट है [[रंग नाथ जी मन्दिर वृन्दावन|.... और पढ़ें]]
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| style="text-align:left"|श्री सम्प्रदाय के संस्थापक [[रामानुज|रामानुजाचार्य]] के विष्णु-स्वरूप भगवान रंगनाथ या रंगजी के नाम से [[रंगजी मन्दिर, वृन्दावन|रंग जी के मन्दिर]] का निर्माण सेठ लखमीचन्द के भाई सेठ गोविन्ददास और राधाकृष्ण दास द्वारा कराया गया था। उनके महान् गुरु [[संस्कृत]] के आचार्य स्वामी रंगाचार्य द्वारा दिये गये [[मद्रास]] के रंगनाथ मन्दिर की शैली के मानचित्र के आधार पर यह बना था। इसकी बाहरी दीवार की लम्बाई 773 फीट और चौड़ाई 440 फीट है। [[रंग नाथ जी मन्दिर वृन्दावन|.... और पढ़ें]]
 
|[[चित्र:Rang-ji-temple-2.jpg|150px|रंग नाथ जी मन्दिर]]
 
|[[चित्र:Rang-ji-temple-2.jpg|150px|रंग नाथ जी मन्दिर]]
| [http://maps.google.com/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=rang+nath+temple+vrindavan&sll=27.581215,77.691042&sspn=0.010061,0.013797&ie=UTF8&ll=27.583269,77.704196&spn=0.020122,0.027595&z=15&iwloc=lyrftr:m,12219994355026929546,27.582242,77.70175 गूगल मानचित्र]  
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| [[गोविन्द देव मन्दिर वृन्दावन|गोविन्द देव मन्दिर]]
 
| [[गोविन्द देव मन्दिर वृन्दावन|गोविन्द देव मन्दिर]]
| style="text-align:left"|गोविन्द देव जी का मंदिर वृंदावन में स्थित [[वैष्णव संप्रदाय]] का मंदिर है। मंदिर का निर्माण ई. 1590 में तथा इसे बनाने में 5 से 10 वर्ष लगे। मंदिर की भव्यता का अनुमान इस उद्धरण से लगाया जा सकता है [[औरंगज़ेब]] ने शाम को टहलते हुए, दक्षिण-पूर्व में दूर से दिखने वाली रौशनी के बारे जब पूछा तो पता चला कि यह चमक [[वृन्दावन]] के वैभवशाली मंदिरों की है [[गोविन्द देव मन्दिर वृन्दावन|.... और पढ़ें]]
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| style="text-align:left"|गोविन्द देव जी का मंदिर [[वृंदावन]] में स्थित [[वैष्णव संप्रदाय]] का मंदिर है। मंदिर का निर्माण ई. 1590 ई. में हुआ तथा इसे बनाने में 5 से 10 वर्ष लगे। मंदिर की भव्यता का अनुमान इस उद्धरण से लगाया जा सकता है कि [[औरंगज़ेब]] ने शाम को टहलते हुए, दक्षिण-पूर्व में दूर से दिखने वाली रौशनी के बारे में जब पूछा तो पता चला कि यह चमक [[वृन्दावन]] के वैभवशाली गोविन्द देव जी मंदिर की है। [[गोविन्द देव मन्दिर वृन्दावन|.... और पढ़ें]]
 
| [[चित्र:Govind-dev-temple-6.jpg|150px|गोविन्द देव मन्दिर]]
 
| [[चित्र:Govind-dev-temple-6.jpg|150px|गोविन्द देव मन्दिर]]
| [http://maps.google.co.in/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=Govindji+Temple,+Vrindavan,+Uttar+Pradesh&sll=21.125498,81.914063&sspn=43.661359,86.572266&ie=UTF8&hq=Govindji+Temple,&hnear=Vrindavan,+Mathura,+Uttar+Pradesh+281124&ll=27.581462,77.69954&spn=0.010346,0.021136&z=16&iwloc=A गूगल मानचित्र]  
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| [[इस्कॉन मन्दिर वृन्दावन|इस्कॉन मन्दिर]]
 
| [[इस्कॉन मन्दिर वृन्दावन|इस्कॉन मन्दिर]]
| style="text-align:left"|[[वृन्दावन]] के आधुनिक मन्दिरों में यह एक भव्य मन्दिर है। इसे अंग्रेज़ों का मन्दिर भी कहते हैं। केसरिया वस्त्रों में हरे रामा–हरे कृष्णा की धुन में तमाम विदेशी महिला–पुरुष यहाँ देखे जाते हैं। मन्दिर में राधा कृष्ण की भव्य प्रतिमायें हैं और अत्याधुनिक सभी सुविधायें हैं [[इस्कॉन मन्दिर वृन्दावन|.... और पढ़ें]]  
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| style="text-align:left"|[[वृन्दावन]] के आधुनिक मन्दिरों में यह एक भव्य मन्दिर है। इसे 'अंग्रेज़ों का मन्दिर' भी कहते हैं। केसरिया वस्त्रों में "हरे रामा–हरे कृष्णा" की धुन में तमाम विदेशी महिला-पुरुष यहाँ देखे जाते हैं। मन्दिर में [[राधा]]-[[कृष्ण]] की भव्य प्रतिमायें हैं और अत्याधुनिक सभी सुविधायें हैं। [[इस्कॉन मन्दिर वृन्दावन|.... और पढ़ें]]  
 
| [[चित्र:Iskcon-Temple-1.jpg|इस्कॉन मन्दिर वृन्दावन|150px]]
 
| [[चित्र:Iskcon-Temple-1.jpg|इस्कॉन मन्दिर वृन्दावन|150px]]
 
| [http://maps.google.co.in/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=Iskcon+Temple+vrindavan&sll=21.125498,81.914063&sspn=43.661359,86.572266&ie=UTF8&hq=Iskcon+Temple&hnear=Vrindavan,+Mathura,+Uttar+Pradesh+281124&ll=27.576574,77.682352&spn=0.020694,0.042272&z=15&iwloc=A गूगल मानचित्र]  
 
| [http://maps.google.co.in/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=Iskcon+Temple+vrindavan&sll=21.125498,81.914063&sspn=43.661359,86.572266&ie=UTF8&hq=Iskcon+Temple&hnear=Vrindavan,+Mathura,+Uttar+Pradesh+281124&ll=27.576574,77.682352&spn=0.020694,0.042272&z=15&iwloc=A गूगल मानचित्र]  
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| [[दानघाटी गोवर्धन|दानघाटी मंदिर]]
 
| [[दानघाटी गोवर्धन|दानघाटी मंदिर]]
| style="text-align:left"|मथुरा–[[डीग भरतपुर|डीग]] मार्ग पर [[गोवर्धन]] में यह मन्दिर स्थित है। गिर्राजजी की परिक्रमा हेतु आने वाले लाखों श्रृद्धालु इस मन्दिर में पूजन करके अपनी परिक्रमा प्रारम्भ कर पूर्ण लाभ कमाते हैं। ब्रज में इस मन्दिर की बहुत महत्ता है। यहाँ अभी भी इस पार से उसपार या उसपार से इस पार करने में टोल टैक्स देना पड़ता है। कृष्णलीला के समय [[कृष्ण]] ने दानी बनकर गोपियों से प्रेमकलह कर नोक–झोंक के साथ दानलीला की है [[दानघाटी गोवर्धन|.... और पढ़ें]]
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| style="text-align:left"|[[मथुरा]]-[[डीग भरतपुर|डीग]] मार्ग पर [[गोवर्धन]] में यह मन्दिर स्थित है। [[गोवर्धन परिक्रमा|गिर्राजजी की परिक्रमा]] हेतु आने वाले लाखों श्रृद्धालु इस मन्दिर में पूजन करके अपनी परिक्रमा प्रारम्भ कर पूर्ण लाभ कमाते हैं। [[ब्रज]] में इस मन्दिर की बहुत महत्ता है। यहाँ अभी भी इस पार से उस पार या उस पार से इस पार करने में टोल टैक्स देना पड़ता है। [[कृष्णलीला]] के समय [[कृष्ण]] ने दानी बनकर [[गोपी|गोपियों]] से प्रेमकलह कर नोक–झोंक के साथ दानलीला की है। [[दानघाटी गोवर्धन|.... और पढ़ें]]
 
| [[चित्र:Danghati Temple Govardhan Mathura 2.jpg|100px|दानघाटी]]
 
| [[चित्र:Danghati Temple Govardhan Mathura 2.jpg|100px|दानघाटी]]
 
| [http://maps.google.co.in/maps?f=d&source=s_d&saddr=Major+District+Road+70/MDR+70&daddr=27.50066,77.65306+to:Pagal+Baba+Temple&geocode=FVyKowEdovydBA;FXSgowEdROSgBCnnLCTn2XNzOTESPc4ps-4wlA;FXSgowEdROSgBA&hl=en&mra=dvme&mrcr=0&mrsp=1&sz=12&via=1&sll=27.488477,77.5597&sspn=0.165682,0.338173&ie=UTF8&ll=27.487867,77.561417&spn=0.165683,0.338173&z=12 गूगल मानचित्र]
 
| [http://maps.google.co.in/maps?f=d&source=s_d&saddr=Major+District+Road+70/MDR+70&daddr=27.50066,77.65306+to:Pagal+Baba+Temple&geocode=FVyKowEdovydBA;FXSgowEdROSgBCnnLCTn2XNzOTESPc4ps-4wlA;FXSgowEdROSgBA&hl=en&mra=dvme&mrcr=0&mrsp=1&sz=12&via=1&sll=27.488477,77.5597&sspn=0.165682,0.338173&ie=UTF8&ll=27.487867,77.561417&spn=0.165683,0.338173&z=12 गूगल मानचित्र]
 
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| [[मानसी गंगा गोवर्धन|मानसी गंगा]]
 
| [[मानसी गंगा गोवर्धन|मानसी गंगा]]
| style="text-align:left"|[[गोवर्धन]] गाँव के बीच में श्री मानसी गंगा है। परिक्रमा करने में दायीं और पड़ती है और पूंछरी से लौटने पर भी दायीं और इसके दर्शन होते हैं। मानसी गंगा के पूर्व दिशा में- श्री मुखारविन्द, श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर, श्री किशोरीश्याम मन्दिर, श्री गिरिराज मन्दिर, श्री मन्महाप्रभु जी की बैठक, श्री राधाकृष्ण मन्दिर स्थित हैं [[मानसी गंगा गोवर्धन|.... और पढ़ें]]
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| style="text-align:left"|[[गोवर्धन]] गाँव के बीच में [[मानसी गंगा गोवर्धन|श्री मानसी गंगा]] है। यह [[परिक्रमा]] करने में दायीं और पड़ती है और [[पूंछरी का लौठा गोवर्धन|पूंछरी]] से लौटने पर भी दायीं और इसके दर्शन होते हैं। मानसी गंगा के पूर्व दिशा में श्री मुखारविन्द, श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर, श्री किशोरीश्याम मन्दिर, श्री गिरिराज मन्दिर, श्री मन्महाप्रभु जी की बैठक, श्री राधाकृष्ण मन्दिर स्थित हैं। [[मानसी गंगा गोवर्धन|.... और पढ़ें]]
 
| [[चित्र:Mansi-Ganga-1.jpg|150px|मानसी गंगा]]
 
| [[चित्र:Mansi-Ganga-1.jpg|150px|मानसी गंगा]]
 
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| [[कुसुम सरोवर गोवर्धन|कुसुम सरोवर]]
 
| [[कुसुम सरोवर गोवर्धन|कुसुम सरोवर]]
| style="text-align:left"|[[मथुरा]] में [[गोवर्धन]] से लगभग 2 किलोमीटर दूर [[राधाकुण्ड गोवर्धन|राधाकुण्ड]] के निकट स्थापत्य कला के नमूने का एक समूह [[जवाहर सिंह]] द्वारा अपने पिता [[सूरजमल]] ( ई.1707-1763) की स्मृति में बनवाया गया। कुसुम सरोवर गोवर्धन के परिक्रमा मार्ग में स्थित एक रमणीक स्थल है जो अब सरकार के संरक्षण में है [[कुसुम सरोवर गोवर्धन|.... और पढ़ें]]   
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| style="text-align:left"|[[मथुरा]] में [[गोवर्धन]] से लगभग 2 किलोमीटर दूर [[राधाकुण्ड गोवर्धन|राधाकुण्ड]] के निकट [[स्थापत्य कला]] के नमूने का एक समूह [[जवाहर सिंह]] द्वारा अपने पिता [[सूरजमल]] ( ई.1707-1763) की स्मृति में बनवाया गया। [[कुसुम सरोवर गोवर्धन|कुसुम सरोवर]] गोवर्धन के परिक्रमा मार्ग में स्थित एक रमणीक स्थल है, जो अब सरकार के संरक्षण में है। [[कुसुम सरोवर गोवर्धन|.... और पढ़ें]]   
 
| [[चित्र:Kusum-sarovar-01.jpg|150px|कुसुम सरोवर]]
 
| [[चित्र:Kusum-sarovar-01.jpg|150px|कुसुम सरोवर]]
 
| [http://maps.google.co.in/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=kusum+sarovar+govardhan&sll=21.125498,81.914063&sspn=44.429312,86.572266&ie=UTF8&hq=kusum+sarovar&hnear=kusum+sarovar,+Mathura,+Uttar+Pradesh&ll=27.537348,77.483826&spn=0.069714,0.169086&z=13&iwloc=A गूगल मानचित्र]
 
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| style="text-align:left"|मथुरा में [[आगरा]]-[[दिल्ली]] राजमार्ग पर स्थित जय गुरुदेव आश्रम की लगभग डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर संत बाबा जय गुरुदेव की एक अलग ही दुनिया बसी हुई है। उनके देश विदेश में 20 करोड़ से भी अधिक अनुयायी हैं। उनके अनुयायियों में अनपढ़ किसान से लेकर प्रबुद्ध वर्ग तक के लोग हैं [[जयगुरुदेव मन्दिर मथुरा|.... और पढ़ें]]  
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| [[चित्र:Jai-Gurudev-Temple-1.jpg|150px|जयगुरुदेव मन्दिर]]
 
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| [[चित्र:Barsana-temple-3.jpg|150px|राधा रानी मंदिर]]
 
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| [[चित्र:Nand-Ji-Temple-1.jpg|150px|नन्द जी मंदिर]]
 
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11:02, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

ब्रज विषय सूची
नाम संक्षिप्त विवरण चित्र मानचित्र लिंक
कृष्ण जन्मभूमि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि का ना केवल राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्व है बल्कि वैश्विक स्तर पर मथुरा जनपद भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान से ही जाना जाता है। आज वर्तमान में महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी की प्रेरणा से यह एक भव्य आकर्षण मन्दिर के रूप में स्थापित है। पर्यटन की दृष्टि से विदेशों से भी भक्त भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए यहाँ प्रतिदिन आते हैं। .... और पढ़ें कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा गूगल मानचित्र
द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा नगर के राजाधिराज बाज़ार में स्थित यह मन्दिर अपने सांस्कृतिक वैभव कला एवं सौन्दर्य के लिए अनुपम है। ग्वालियर राज के कोषाध्यक्ष सेठ गोकुल दास पारीख ने इसका निर्माण 1814-15 में प्रारम्भ कराया था, जिनकी मृत्यु के पश्चात् इनकी सम्पत्ति के उत्तराधिकारी सेठ लक्ष्मीचन्द्र ने मन्दिर का निर्माण कार्य पूर्ण कराया। .... और पढ़ें द्वारिकाधीश मन्दिर गूगल मानचित्र
राजकीय संग्रहालय मथुरा का यह विशाल संग्रहालय डेम्पीयर नगर, मथुरा में स्थित है। भारतीय कला को मथुरा की यह विशेष देन है। भारतीय कला के इतिहास में यहीं पर सर्वप्रथम हमें शासकों की लेखों से अंकित मानवीय आकारों में बनी प्रतिमाएं दिखलाई पड़ती हैं। .... और पढ़ें राजकीय संग्रहालय गूगल मानचित्र
बांके बिहारी मन्दिर बांके बिहारी मंदिर मथुरा ज़िले के वृंदावन धाम में रमण रेती पर स्थित है। यह भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। बांके बिहारी कृष्ण का ही एक रूप है, जो इसमें प्रदर्शित किया गया है। कहा जाता है कि इस मन्दिर का निर्माण स्वामी श्री हरिदास जी के वंशजों के सामूहिक प्रयास से संवत 1921 के लगभग किया गया था। .... और पढ़ें बांके बिहारी मन्दिर गूगल मानचित्र
रंग नाथ जी मन्दिर श्री सम्प्रदाय के संस्थापक रामानुजाचार्य के विष्णु-स्वरूप भगवान रंगनाथ या रंगजी के नाम से रंग जी के मन्दिर का निर्माण सेठ लखमीचन्द के भाई सेठ गोविन्ददास और राधाकृष्ण दास द्वारा कराया गया था। उनके महान् गुरु संस्कृत के आचार्य स्वामी रंगाचार्य द्वारा दिये गये मद्रास के रंगनाथ मन्दिर की शैली के मानचित्र के आधार पर यह बना था। इसकी बाहरी दीवार की लम्बाई 773 फीट और चौड़ाई 440 फीट है। .... और पढ़ें रंग नाथ जी मन्दिर गूगल मानचित्र
गोविन्द देव मन्दिर गोविन्द देव जी का मंदिर वृंदावन में स्थित वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है। मंदिर का निर्माण ई. 1590 ई. में हुआ तथा इसे बनाने में 5 से 10 वर्ष लगे। मंदिर की भव्यता का अनुमान इस उद्धरण से लगाया जा सकता है कि औरंगज़ेब ने शाम को टहलते हुए, दक्षिण-पूर्व में दूर से दिखने वाली रौशनी के बारे में जब पूछा तो पता चला कि यह चमक वृन्दावन के वैभवशाली गोविन्द देव जी मंदिर की है। .... और पढ़ें गोविन्द देव मन्दिर गूगल मानचित्र
इस्कॉन मन्दिर वृन्दावन के आधुनिक मन्दिरों में यह एक भव्य मन्दिर है। इसे 'अंग्रेज़ों का मन्दिर' भी कहते हैं। केसरिया वस्त्रों में "हरे रामा–हरे कृष्णा" की धुन में तमाम विदेशी महिला-पुरुष यहाँ देखे जाते हैं। मन्दिर में राधा-कृष्ण की भव्य प्रतिमायें हैं और अत्याधुनिक सभी सुविधायें हैं। .... और पढ़ें इस्कॉन मन्दिर वृन्दावन गूगल मानचित्र
मदन मोहन मन्दिर श्रीकृष्ण भगवान के अनेक नामों में से एक प्रिय नाम मदनमोहन भी है। इसी नाम से एक मंदिर मथुरा ज़िले के वृंदावन धाम में विद्यमान है। विशालकायिक नाग के फन पर भगवान चरणाघात कर रहे हैं। पुरातनता में यह मंदिर गोविन्द देव जी के मंदिर के बाद आता है .... और पढ़ें मदन मोहन मन्दिर वृन्दावन
दानघाटी मंदिर मथुरा-डीग मार्ग पर गोवर्धन में यह मन्दिर स्थित है। गिर्राजजी की परिक्रमा हेतु आने वाले लाखों श्रृद्धालु इस मन्दिर में पूजन करके अपनी परिक्रमा प्रारम्भ कर पूर्ण लाभ कमाते हैं। ब्रज में इस मन्दिर की बहुत महत्ता है। यहाँ अभी भी इस पार से उस पार या उस पार से इस पार करने में टोल टैक्स देना पड़ता है। कृष्णलीला के समय कृष्ण ने दानी बनकर गोपियों से प्रेमकलह कर नोक–झोंक के साथ दानलीला की है। .... और पढ़ें दानघाटी गूगल मानचित्र
मानसी गंगा गोवर्धन गाँव के बीच में श्री मानसी गंगा है। यह परिक्रमा करने में दायीं और पड़ती है और पूंछरी से लौटने पर भी दायीं और इसके दर्शन होते हैं। मानसी गंगा के पूर्व दिशा में श्री मुखारविन्द, श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर, श्री किशोरीश्याम मन्दिर, श्री गिरिराज मन्दिर, श्री मन्महाप्रभु जी की बैठक, श्री राधाकृष्ण मन्दिर स्थित हैं। .... और पढ़ें मानसी गंगा
कुसुम सरोवर मथुरा में गोवर्धन से लगभग 2 किलोमीटर दूर राधाकुण्ड के निकट स्थापत्य कला के नमूने का एक समूह जवाहर सिंह द्वारा अपने पिता सूरजमल ( ई.1707-1763) की स्मृति में बनवाया गया। कुसुम सरोवर गोवर्धन के परिक्रमा मार्ग में स्थित एक रमणीक स्थल है, जो अब सरकार के संरक्षण में है। .... और पढ़ें कुसुम सरोवर गूगल मानचित्र
जयगुरुदेव मन्दिर मथुरा में आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित जय गुरुदेव आश्रम की लगभग डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर संत बाबा जय गुरुदेव की एक अलग ही दुनिया बसी हुई है। उनके देश विदेश में 20 करोड़ से भी अधिक अनुयायी हैं। उनके अनुयायियों में अनपढ़ किसान से लेकर प्रबुद्ध वर्ग तक के लोग हैं। .... और पढ़ें जयगुरुदेव मन्दिर
राधा रानी मंदिर इस मंदिर को बरसाने की लाड़ली जी का मंदिर भी कहा जाता है। राधा का यह प्राचीन मंदिर मध्यकालीन है जो लाल और पीले पत्थर का बना है। राधा-कृष्ण को समर्पित इस भव्य और सुन्दर मंदिर का निर्माण राजा वीर सिंह ने 1675 ई. में करवाया था। बाद में स्थानीय लोगों द्वारा पत्थरों को इस मंदिर में लगवाया गया। .... और पढ़ें राधा रानी मंदिर गूगल मानचित्र
नन्द जी मंदिर नन्द जी का मंदिर, नन्दगाँव में स्थित है। नन्दगाँव ब्रजमंडल का प्रसिद्ध तीर्थ है। गोवर्धन से 16 मील पश्चिम उत्तर कोण में, कोसी से 8 मील दक्षिण में तथा वृन्दावन से 28 मील पश्चिम में नन्दगाँव स्थित है। नन्दगाँव की प्रदक्षिणा (परिक्रमा) चार मील की है। यहाँ पर कृष्ण लीलाओं से सम्बन्धित 56 कुण्ड हैं, जिनके दर्शन में 3-4 दिन लग जाते हैं। .... और पढ़ें नन्द जी मंदिर गूगल मानचित्र



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