एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

भैरव

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
नवनीत कुमार (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:29, 12 मई 2016 का अवतरण ('{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द= भैरव |लेख का नाम= भैरव (ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Disamb2.jpg भैरव एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- भैरव (बहुविकल्पी)

भैरव का उल्लेख हिन्दू धार्मिक ग्रन्थों में मिलता है। ब्रह्मवैवर्तपुराण के उल्लेखानुसार ये भगवान श्रीकृष्ण के दाहिने नेत्र से प्रकट हुए थे।

  • ये हाथों में त्रिशूल और पट्टिश लिये हुए थे तथा इनके तीन नेत्र थे और मस्तक पर चन्द्राकार मुकुट धारण करते थे।
  • भैरव विशालकाय तथा दिगम्बर तथा प्रज्वलित अग्निशिखा के समान थे।[1]
  • भैरव शिव के समान ही तेजस्वी थे। भैरव के आठ रूप माने गये हैं, जो कि निम्न हैं-
  1. रुरुभैरव
  2. संहारभैरव
  3. कालभैरव
  4. असितभैरव
  5. क्रोधभैरव
  6. भीषणभैरव
  7. महाभैरव
  8. खटवांगभैरव


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ब्रह्म वैवर्त पुराण पृ. 22

संबंधित लेख