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'''मिन्ड्रोलिंग स्तूप''' [[उत्तराखण्ड]] के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल [[देहरादून]] में स्थित है। यह एक बौद्ध महास्तूप है, जिसका [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] अनुयायियों में बड़ा धार्मिक महत्त्व है। इस [[स्तूप]] की चौथी मंजिल की दीवार पर [[बुद्ध|महात्मा बुद्ध]] के एक हज़ार चित्र हैं। यहाँ का उद्यान भी काफ़ी सुन्दर है और यहाँ आने वाले पर्यटकों को लुभाता है।<ref>{{cite web |url=http://devbhoomisamachar.com/dehradun-history-25/ |title=बौद्ध महास्तूप |accessmonthday= 10 अप्रैल|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=devbhoomisamachar.com |language= हिन्दी}}</ref>
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'''मिन्ड्रोलिंग स्तूप''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mindroling Stupa'') [[उत्तराखण्ड]] के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल [[देहरादून]] में स्थित है। यह एक बौद्ध महास्तूप है, जिसका [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] अनुयायियों में बड़ा धार्मिक महत्त्व है। इस [[स्तूप]] की चौथी मंजिल की दीवार पर [[बुद्ध|महात्मा बुद्ध]] के एक हज़ार चित्र हैं। यहाँ का उद्यान भी काफ़ी सुन्दर है और यहाँ आने वाले पर्यटकों को लुभाता है।<ref>{{cite web |url=http://devbhoomisamachar.com/dehradun-history-25/ |title=बौद्ध महास्तूप |accessmonthday= 10 अप्रैल|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=devbhoomisamachar.com |language= हिन्दी}}</ref>
  
 
*क्लेमेन्टाउन देहरादून स्थित मिन्ड्रोलिंग स्तूप तिब्बतियों के बौद्ध धर्म की परम्परा व वास्तुकला का पूरे विश्व में अपने प्रकार का एक मात्र सबसे बड़ा व अनूठा नमूना है।
 
*क्लेमेन्टाउन देहरादून स्थित मिन्ड्रोलिंग स्तूप तिब्बतियों के बौद्ध धर्म की परम्परा व वास्तुकला का पूरे विश्व में अपने प्रकार का एक मात्र सबसे बड़ा व अनूठा नमूना है।
*इस महास्तूप का उद्घाटन तिब्बतियों के धर्म गुरू दलाई लामा द्वारा हज़ारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में [[28 अक्टूबर]], [[2002]] को किया गया था।
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*इस महास्तूप का उद्घाटन तिब्बतियों के धर्म गुरु [[दलाई लामा]] द्वारा हज़ारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में [[28 अक्टूबर]], [[2002]] को किया गया था।
 
*185 फीट ऊंचा महास्तूप निंगमपा समुदाय के सर्वोच्च गुरू मिन्ड्रोलिंग ट्रिचेन व खोचेन के निर्देशन में बनाया गया था।
 
*185 फीट ऊंचा महास्तूप निंगमपा समुदाय के सर्वोच्च गुरू मिन्ड्रोलिंग ट्रिचेन व खोचेन के निर्देशन में बनाया गया था।
 
*पांच मंजिला इस महास्तूप की प्रत्येक मंजिल पर एक देवालय है, जो कि अलग-अलग देवों व गुरुओं को समर्पित है।
 
*पांच मंजिला इस महास्तूप की प्रत्येक मंजिल पर एक देवालय है, जो कि अलग-अलग देवों व गुरुओं को समर्पित है।
 
*[[स्तूप]] की पहली मंजिल ओडियाना के महागुरु पद्मसम्भवा को समर्पित है। इस कक्ष में महागुरु पद्मसम्भवा की एक बड़ी प्रतिमा स्थित है चारों ओर दीवारों पर महागुरु की जीवन कथा के 108 अध्यायों को अनूठी चित्रकारी द्वारा दर्शाया गया है।
 
*[[स्तूप]] की पहली मंजिल ओडियाना के महागुरु पद्मसम्भवा को समर्पित है। इस कक्ष में महागुरु पद्मसम्भवा की एक बड़ी प्रतिमा स्थित है चारों ओर दीवारों पर महागुरु की जीवन कथा के 108 अध्यायों को अनूठी चित्रकारी द्वारा दर्शाया गया है।
 
*दूसरी मंजिल पर बुद्ध भगवान की बड़ी प्रतिमा स्थित है। उनकी जीवन लीला का चित्रण दीवारों पर बहुत ही रोचक ढंग से किया गया है।
 
*दूसरी मंजिल पर बुद्ध भगवान की बड़ी प्रतिमा स्थित है। उनकी जीवन लीला का चित्रण दीवारों पर बहुत ही रोचक ढंग से किया गया है।
*स्तूप की तीसरी मंजिल पर एक मंडला स्थित है। महास्तूप की चैथी मंजिल की दीवार पर 1000 बुद्ध के चित्र हैं।
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*स्तूप की तीसरी मंजिल पर एक मंडला स्थित है। महास्तूप की चौथी मंजिल की दीवार पर 1000 बुद्ध के चित्र हैं।
 
*निमंगमपा के विशेष परम्परा के गुरुओं की वंशानुक्रम की प्रतिमायें हैं।
 
*निमंगमपा के विशेष परम्परा के गुरुओं की वंशानुक्रम की प्रतिमायें हैं।
 
*पांचवी मंजिल पर बारह जोगचेन बुद्ध का चित्रण किय गया है।
 
*पांचवी मंजिल पर बारह जोगचेन बुद्ध का चित्रण किय गया है।
 
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*महास्तूप की तीसरी व पांचवी मंजिल के बाहर वाले चबूतरे पर परिक्रमा करने पर आसपास के पूरे [[देहरादून]] की छवि बहुत रमणीक दिखायी देती है।
 
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*इस स्तूप के परिसर में बना [[फूल]], पौधों व प्राकृतिक छवि वाला उद्यान श्रद्धालुओं व पर्यटकों का मन मोह लेता है।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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11:25, 10 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

मिन्ड्रोलिंग स्तूप
मिन्ड्रोलिंग स्तूप
विवरण 'मिन्ड्रोलिंग स्तूप' देहरादून स्थित बौद्ध धर्म के अनुयायियों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। स्तूप की चौथी मंजिल की दीवार पर 1000 बुद्ध के चित्र हैं।
राज्य उत्तराखंड
ज़िला देहरादून
धर्म स्थल बौद्ध धार्मिक स्थल
उद्घाटन 28 अक्टूबर, 2002
उद्घाटनकर्ता दलाई लामा
ऊँचाई 185 फीट
संबंधित लेख उत्तराखंड, देहरादून, बौद्ध धर्म, बुद्ध, दलाई लामा, देहरादून पर्यटन

मिन्ड्रोलिंग स्तूप (अंग्रेज़ी: Mindroling Stupa) उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल देहरादून में स्थित है। यह एक बौद्ध महास्तूप है, जिसका बौद्ध अनुयायियों में बड़ा धार्मिक महत्त्व है। इस स्तूप की चौथी मंजिल की दीवार पर महात्मा बुद्ध के एक हज़ार चित्र हैं। यहाँ का उद्यान भी काफ़ी सुन्दर है और यहाँ आने वाले पर्यटकों को लुभाता है।[1]

  • क्लेमेन्टाउन देहरादून स्थित मिन्ड्रोलिंग स्तूप तिब्बतियों के बौद्ध धर्म की परम्परा व वास्तुकला का पूरे विश्व में अपने प्रकार का एक मात्र सबसे बड़ा व अनूठा नमूना है।
  • इस महास्तूप का उद्घाटन तिब्बतियों के धर्म गुरु दलाई लामा द्वारा हज़ारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में 28 अक्टूबर, 2002 को किया गया था।
  • 185 फीट ऊंचा महास्तूप निंगमपा समुदाय के सर्वोच्च गुरू मिन्ड्रोलिंग ट्रिचेन व खोचेन के निर्देशन में बनाया गया था।
  • पांच मंजिला इस महास्तूप की प्रत्येक मंजिल पर एक देवालय है, जो कि अलग-अलग देवों व गुरुओं को समर्पित है।
  • स्तूप की पहली मंजिल ओडियाना के महागुरु पद्मसम्भवा को समर्पित है। इस कक्ष में महागुरु पद्मसम्भवा की एक बड़ी प्रतिमा स्थित है चारों ओर दीवारों पर महागुरु की जीवन कथा के 108 अध्यायों को अनूठी चित्रकारी द्वारा दर्शाया गया है।
  • दूसरी मंजिल पर बुद्ध भगवान की बड़ी प्रतिमा स्थित है। उनकी जीवन लीला का चित्रण दीवारों पर बहुत ही रोचक ढंग से किया गया है।
  • स्तूप की तीसरी मंजिल पर एक मंडला स्थित है। महास्तूप की चौथी मंजिल की दीवार पर 1000 बुद्ध के चित्र हैं।
  • निमंगमपा के विशेष परम्परा के गुरुओं की वंशानुक्रम की प्रतिमायें हैं।
  • पांचवी मंजिल पर बारह जोगचेन बुद्ध का चित्रण किय गया है।
  • महास्तूप की तीसरी व पांचवी मंजिल के बाहर वाले चबूतरे पर परिक्रमा करने पर आसपास के पूरे देहरादून की छवि बहुत रमणीक दिखायी देती है।
  • इस स्तूप के परिसर में बना फूल, पौधों व प्राकृतिक छवि वाला उद्यान श्रद्धालुओं व पर्यटकों का मन मोह लेता है।
स्तूप का उद्यान


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वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बौद्ध महास्तूप (हिन्दी) devbhoomisamachar.com। अभिगमन तिथि: 10 अप्रैल, 2017।

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