सहस्त्रधारा देहरादून

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सहस्त्रधारा का हज़ार गुना अर्थ वसंत होता है। सहस्त्रधारा देहरादून से आगे पहाड़ों में घने जंगलों के बीच स्थित है। देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी व उत्तरी भारत के पश्चिमोत्तर उत्तरांचल राज्य में स्थित देहरादून से सहस्त्रधारा 11-12 किलोमीटर दूर है। यह एक पिकनिक स्पॉट है लेकिन यहाँ का मुख्य आकर्षण वे ग़ुफाएँ हैं जिनमें लगातार पानी टपकता रहता है। यह पानी गन्धक युक्त होता है, जिसके उपयोग से चमड़ी के दर्द ठीक हो सकते है। पहाड़ी से गिरते हुए जल को प्राकृतिक तरीके से ही संचित किया गया है। थोड़ी दूर पहाड़ी पर आगे चलने पर पहाड़ी के अन्दर प्राकृतिक रूप से तराशी हुई कई छोटी छोटी ग़ुफा है जो बाहर से तो स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती किंतु इन ग़ुफा में जब प्रवेश करते है तो उनकी छत अविरत रिमज़िम हलकी बारिश की बौछारों की तरह टपकती रहती है। यहाँ स्थित धाराओं के अनेक समूहों को सहस्त्रधारा के नाम से जाना जाता है। गर्मियों में तपिश से बचने के लिए हर साल सैंकडों की संख्या में लोग यहाँ आते हैं। यह स्थान प्रथम प्रधानमंत्री स्व. जवाहर लाल नेहरू के प्रिय स्थानों में भी रहा है।

पर्यटन स्थल

सहस्त्रधारा देहरादून के मुख्य पर्यटन स्थलों में से है। यहाँ बलदी नदी और गुफाएँ मनोहारी दृश्यों के लिए विख्यात हैं। यहाँ औषधीय गुणों वाला झरना भी बहता है। मान्यता है कि यहाँ स्नान करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग दूर हो जाते हैं। यहाँ कई माता पिता अपने पोलियो ग्रस्त बच्चों को गंधक के पानी में नहलाते हुए नजर आते है।

वर्तमान में यहाँ सबसे आकर्षण का केन्द्र यहाँ का रोप वे है। जिसे मणिदीप के नाम से जाना जाता है। मुख्य सहस्त्रधारा से लगभग तीन हज़ार मीटर की ऊँचाई पर स्थित मणिदीप को जाने के लिए रोप वे का निर्माण किया गया है। इस मणिदीप पर बड़ों व बच्चों के लिए मनोरंजन के कई साधन मौजूद हैं, जो इस प्रकार है-

  • ओजोन पार्क
  • सिल्वर फ़ॉल
  • कॉफी विद
  • नेचर के लिए केफेटेरिया डिस्को थेक
  • टेरिस रेस्टोरेंट

यहाँ तक पहुँचने की रोमांचक हवाई यात्रा अपने आप में यहाँ आने वाले पर्यटकों को अविस्मरणीय बना देती है। यहाँ पहुँचने पर ऐसा लगता है कि हम पहाड़ों की रानी के आसपास पहुँच गये हैं।

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