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'''नंदप्रयाग''' [[गढ़वाल]], [[उत्तराखंड]] का एक प्राचीन [[तीर्थ स्थान]] है। [[नंदाकिनी नदी]], [[नंदा देवी पर्वत]] से निकल कर नंदप्रयाग में ही आकर [[अलकनंदा]] में मिल जाती है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=470|url=}}</ref>
 
'''नंदप्रयाग''' [[गढ़वाल]], [[उत्तराखंड]] का एक प्राचीन [[तीर्थ स्थान]] है। [[नंदाकिनी नदी]], [[नंदा देवी पर्वत]] से निकल कर नंदप्रयाग में ही आकर [[अलकनंदा]] में मिल जाती है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=470|url=}}</ref>
 
*जनश्रुति है कि प्राचीन काल में [[कण्व ऋषि]] का [[आश्रम]] तथा [[शकुंतला]] का जन्म स्थान नंदप्रयाग में ही था।
 
*जनश्रुति है कि प्राचीन काल में [[कण्व ऋषि]] का [[आश्रम]] तथा [[शकुंतला]] का जन्म स्थान नंदप्रयाग में ही था।
*[[अलकनंदा नदी|अलकनंदा]] और नंदाकिनी नदियों के संगम स्थल के लिए भी नंदप्रयाग प्रसिद्ध है, जिससे इसका नाम नंदप्रयाग हुआ है।<ref>गढ़वाल में संगम स्थानों का नाम प्राय: [[प्रयाग]] पर है, जैसे- देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग आदि।</ref>
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*[[अलकनंदा नदी|अलकनंदा]] और नंदाकिनी नदियों के संगम स्थल के लिए भी नंदप्रयाग प्रसिद्ध है, जिससे इसका नाम नंदप्रयाग हुआ है।<ref>गढ़वाल में संगम स्थानों का नाम प्राय: [[प्रयाग]] पर है, जैसे- [[देवप्रयाग]], [[कर्णप्रयाग]], [[रुद्रप्रयाग]] आदि।</ref>
  
 
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07:31, 26 जुलाई 2012 के समय का अवतरण

अलकनंदा और नंदाकिनी का संगम, नंदप्रयाग, उत्तराखण्ड

नंदप्रयाग गढ़वाल, उत्तराखंड का एक प्राचीन तीर्थ स्थान है। नंदाकिनी नदी, नंदा देवी पर्वत से निकल कर नंदप्रयाग में ही आकर अलकनंदा में मिल जाती है।[1]

  • जनश्रुति है कि प्राचीन काल में कण्व ऋषि का आश्रम तथा शकुंतला का जन्म स्थान नंदप्रयाग में ही था।
  • अलकनंदा और नंदाकिनी नदियों के संगम स्थल के लिए भी नंदप्रयाग प्रसिद्ध है, जिससे इसका नाम नंदप्रयाग हुआ है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 470 |
  2. गढ़वाल में संगम स्थानों का नाम प्राय: प्रयाग पर है, जैसे- देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग आदि।

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