"महाराजा पैलेस मैसूर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
छो (Text replace - "खास" to "ख़ास")
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
*महाराजा पैलेस में मैसूर राज्य के वुडेयार महाराज रहते थे।  
 
*महाराजा पैलेस में मैसूर राज्य के वुडेयार महाराज रहते थे।  
 
*महाराजा पैलेस की देखरेख अब पुरातत्त्व विभाग करता है।
 
*महाराजा पैलेस की देखरेख अब पुरातत्त्व विभाग करता है।
*इस महल की खासियत है इस महल की कल्याण मंडप की काँच से बनी छत, दीवारों पर लगी तस्वीरें और स्वर्णिम सिंहासन।  
+
*इस महल की ख़ासियत है इस महल की कल्याण मंडप की काँच से बनी छत, दीवारों पर लगी तस्वीरें और स्वर्णिम सिंहासन।  
 
*जब लकड़ी का महल जल गया था, तब इस महल का निर्माण कराया गया।  
 
*जब लकड़ी का महल जल गया था, तब इस महल का निर्माण कराया गया।  
 
*[[1912]] में बने इस महल का नक्शा ब्रिटिश के हेनरी इर्विन ने बनाया था।  
 
*[[1912]] में बने इस महल का नक्शा ब्रिटिश के हेनरी इर्विन ने बनाया था।  

07:36, 2 जुलाई 2011 का अवतरण

मैसूर का महाराजा पैलेस
Mysore's Maharaja Palace
  • महाराजा पैलेस कर्नाटक के मैसूर शहर में स्थित है।
  • महाराजा पैलेस मैसूर में आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है।
  • महाराजा पैलेस मिर्जा रोड पर स्थित भारत के सबसे बड़े महलों में से एक है।
  • महाराजा पैलेस में मैसूर राज्य के वुडेयार महाराज रहते थे।
  • महाराजा पैलेस की देखरेख अब पुरातत्त्व विभाग करता है।
  • इस महल की ख़ासियत है इस महल की कल्याण मंडप की काँच से बनी छत, दीवारों पर लगी तस्वीरें और स्वर्णिम सिंहासन।
  • जब लकड़ी का महल जल गया था, तब इस महल का निर्माण कराया गया।
  • 1912 में बने इस महल का नक्शा ब्रिटिश के हेनरी इर्विन ने बनाया था।
  • बहुमूल्य रत्नों से सजे इस सिंहासन को दशहरे के दौरान जनता के देखने के लिए रखा जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख