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छो (लक्ष्मण झूला ऋषिकेश का नाम बदलकर लक्ष्मण झूला कर दिया गया है)
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*लोहे के मजबूत रस्सों, एंगलों, चद्दरों आदि में बंधा व कसा हुआ लक्ष्मण झूला (पुल) गंगा के प्रवाह से 70 फुट ऊँचा स्थित है।  
 
*लोहे के मजबूत रस्सों, एंगलों, चद्दरों आदि में बंधा व कसा हुआ लक्ष्मण झूला (पुल) गंगा के प्रवाह से 70 फुट ऊँचा स्थित है।  
 
*लक्ष्मण झूले (पुल) पर जब लोग चलते हैं तो यह झूलता हुआ प्रतीत होता है।
 
*लक्ष्मण झूले (पुल) पर जब लोग चलते हैं तो यह झूलता हुआ प्रतीत होता है।
 
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11:45, 21 जून 2010 का अवतरण

  • गढ़वाल, उत्तरांचल में हिमालय पर्वतों के तल में बसा ऋषिकेश से 5 किलोमीटर आगे एक झूला है, इस झूले को लक्ष्मण झूले के नाम से जाना जाता है।
  • यह झूला लोहे के मोटे रस्सों से बंधा है।
  • गंगा नदी के एक किनारे को दूसरे किनारे से जोड़ता लक्ष्मण झूला ऋषिकेश की खास पहचान है।
  • पूर्व में यह झूला लक्ष्मण जी द्वारा निर्मित था। कालान्तर में अर्थात् सन् 1939 ई॰ में इसे नया स्वरूप दिया गया।
  • 450 फीट लंबे लक्ष्मण झूले के समीप ही लक्ष्मण और रघुनाथ मंदिर हैं।
  • लक्ष्मण झूले पर खड़े होकर आसपास के ख़ूबसूरत नजारों का आनंद लिया जा सकता है।
  • कहा जाता है कि गंगा नदी को पार करने के लिए लक्ष्मण ने इस स्थान पर जूट का झूला बनवाया था।
  • लोहे के मजबूत रस्सों, एंगलों, चद्दरों आदि में बंधा व कसा हुआ लक्ष्मण झूला (पुल) गंगा के प्रवाह से 70 फुट ऊँचा स्थित है।
  • लक्ष्मण झूले (पुल) पर जब लोग चलते हैं तो यह झूलता हुआ प्रतीत होता है।

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