उपसुंद

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

उपसुंद सुंद नामक दैत्य का छोटा भाई तथा निकुंभ दैत्य का पुत्र था। महासुर हिरण्यकशिपु के वंश में निकुंभ का जन्म हुआ था।[1]

  • त्रिलोक पर विजय प्राप्त करने की इच्छा से सुंद और उपसुंद विन्ध्याचल पर्वत पर तप करने लगे।
  • इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने वर दिया कि "यदि ये आपस में न लड़ें तो इन्हें कोई नहीं मार सकेगा।
  • ब्रह्मा से वर प्राप्त कर इन दोनों भाईयों ने अत्याचार करना आरम्भ कर दिया। अंत में ब्रह्मा ने 'तिलोत्तमा' नामक एक अति सुन्दरी रमणी को भेजकर इन दोनों को आपस लड़ा दिया। दोनों आपस में ही लड़कर मर गये।
  • उपसुंद का 'मूक' नामक एक पुत्र भी था। एक अन्य मतानुसार उपसुंद को निसुंद का पुत्र बताया गया है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 63 |
  2. वायुपुराण 67.71

संबंधित लेख