भार्गव महर्षि भृगु के वंशज कहलाते हैं। महाभारत के अनुसार भृगु ऋषि के उशनस शुक्र एवं च्यवन नामक दो पुत्र थे। उनमें से शुक्र एवं उनका परिवार दैत्यों के पक्ष में शामिल होने के कारण नष्ट हुआ। इस प्रकार च्यवन ऋषि ने 'भार्गव वंश' की अभिवृद्धि की।
- महाभारत में दिया गया च्यवन ऋषि का वंश क्रम निम्न प्रकार है[1]-
- च्यवन (पत्नी- मनुकन्या आरुषी) - और्व - ऋचीक - जमदग्नि - परशुराम।
- भृगु ऋषि के पुत्रों में से च्यवन एवं उनका परिवार पश्चिम हिंदुस्तान में आनर्त देश से संबंधित था। उशनस शुक्र उत्तर भारत के मध्य विभाग से संबंधित थे।
- इस वंश के निम्नलिखित व्यक्ति प्रमुख माने जाते हैं-
- और्व
- ऋचीक
- जमदग्नि
- परशुराम
- इंद्रोत शौनक
- प्राचेतस वाल्मीकि
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑
ऋषि वंश- भार्गव वंश (हिन्दी) transliteral fuoundation। अभिगमन तिथि: 6 फ़रवरी, 2016।
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