केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान (अंग्रेज़ी: Keibul Lamjao National Park) भारत में मणिपुर राज्य के विष्णुपुर जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह पूर्वोत्तर भारत में स्थित 40 वर्ग कि.मी. के क्षेत्रफल वाला विश्व में इकलौता तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है और मणिपुर की विश्व प्रसिद्ध लोकतक झील का एक अभिन्न हिस्सा है। यह भारत में संकटग्रस्त संगइ का एकमात्र निवास स्थान है।
इतिहास
लगभग 40 वर्ग मिलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ ये राष्ट्रीय उद्यान लोकतक झील का एक प्रमुख हिस्सा है। तक़रीबन साल 1953 के आसपास इस पार्क को संगाई हिरण की रक्षा के के रूप में जाना जाता था। लेकिन, वर्ष 1966 में इसे राष्ट्रिय अभयारण्य के रूप में घोषित किया और कुछ वर्षों बाद इसका नाम केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया। हालांकि, राष्ट्रिय अभयारण्य घोषित करने से पहले लोग जानवरों का शिकार करते थे लेकिन, बाद में इस पर पावंदी लगा दी गई।[1]
बीच झील में स्थित
छोटे-छोटे टापू को केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान का निर्माण किया गया है। ये अभयारण्य इतना बड़ा था कि कई बार इसे छोटा भी किया गया ताकि सही से जानवरों की देखभाल किया जा सके। कहा जाता है कि अभयारण्य की बनावट को देखने के लिए दुनिया भर में शोधकर्ताओं का आगमन लगा रहता है कि एक पार्क किस तरह पानी के बीचो-बीज मौजूद है। लोकतक झील या लोकटक झील विश्व की एकलौती ऐसी झील है जो तैरती हुई दिखाई देती है।
पशु-पक्षी
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान में एक से एक पशु-पक्षी देखने को मिलते हैं। इसमें ब्लैक ड्रोंगोस, जंगल क्रो, येलो हेडेड वैगेटल, जंगली सूअर, ब्रो एंटेलियर, कोबरा, पाइथन, एशियन रैट स्नेक और वाटर कोबरा सहित 1000 से भी अधिक पशु-पक्षी मौजूद है। वनस्पतियों की बात करें तो इस पार्क में लगभग 450 से अधिक किस्मों के ऑर्किड (एक तरह का फूल) और 100 से अधिक जलीय वनस्पतियों के लिए जाना जाता है।[1]
कब जायें
इस राष्ट्रीय पार्क के अलावा आसपास घूमने के लिए एक से एक बेहतरीन जगहें हैं। कंगला फोर्ट, शहीद मीनार, मणिपुर जूलॉजिकल गार्डन आदि बेहतरीन और खूबसूरत जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे के बीच कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं। इस उद्यान की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के बीच का समय समझा जाता है।
कैसे जायें
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान जाने के उत्सुक पर्यटकों के लिये दिल्ली, कलकत्ता और गुवाहाटी से इम्फाल तक वायुसेवा उपलब्ध है। इम्फाल से दीमापुर का निकटतम रेलवे स्टेशन 125 किलोमीटर दूर है, किन्तु यात्रा की दृष्टि से यह सुविधाजनक नहीं है। गुवाहाटी तक ट्रेन से आने के बाद वहां से डीलक्स बस अथवा टैक्सी के द्वारा इम्फाल पहुंच सकते हैं। सड़क मार्ग से यात्रा के दौरान नागालैण्ड से होकर गुजरना होगा, जिसके लिये ‘इनर लाइन परमिट’ बनाना आवश्यक है। ये परमिट नागालैण्ड सरकार के नई दिल्ली, कलकत्ता, गुवाहाटी, शिलांग और दीमापुर स्थित कार्यालयों से प्राप्त किये जा सकते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 भारत में मौजूद दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान (हिंदी) herzindagi.com। अभिगमन तिथि: 08 मार्च, 2022।
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