"तिरुचिराप्पल्ली": अवतरणों में अंतर
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'''तिरुचिराप्पल्ली''' शहर, मध्य [[तमिलनाडु]] राज्य, [[दक्षिणी भारत]] में स्थित एक नगर है। इसे त्रिशिरापल्ली और त्रिचिनोपोली भी कहा जाता था। तिरुचिराप्पल्ली [[चेन्नई]] (भूतपूर्व मद्रास) और [[तिरुवनंतपुरम]] (भूतपूर्व त्रिवेंद्रम) के बीच रेल एवं सड़क मार्ग के बीच [[कावेरी नदी]] के [[डेल्टा]] के शीर्ष पर स्थित है। | |||
तिरुचिराप्पल्ली शहर, मध्य [[तमिलनाडु]] राज्य, | ==मान्यता== | ||
जनश्रुति के अनुसार [[त्रिशिरा]] नामक राक्षस का ग्राम (पल्ली) होने के कारण ही यह त्रिशिरापल्ली कहलाया। ऐसी भी मान्यता है कि यहीं पर [[शिव]] ने त्रिशिर वध किया था। | |||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
तिरुचिराप्पल्ली शहर सातवीं से सत्रहवीं शताब्दी के बीच [[पल्लव वंश|पल्लव]], [[चोल वंश|चोल]] एवं विजयनगर वंशों की महत्त्वपूर्ण स्थानीय राजधानी था। इसका चट्टानी क़िला शहर पर छाया हुआ है और यह 17वीं से 19वीं शताब्दी तक मुस्लिम, [[मराठा साम्राज्य|मराठा]], [[ब्रिटिश साम्राज्य|ब्रिटिश]] एवं [[फ़्रांसीसी]] टुकड़ियों के बीच कई कटु लड़ाईयों का स्थल रहा। | तिरुचिराप्पल्ली शहर सातवीं से सत्रहवीं शताब्दी के बीच [[पल्लव वंश|पल्लव]], [[चोल वंश|चोल]] एवं विजयनगर वंशों की महत्त्वपूर्ण स्थानीय राजधानी था। इसका चट्टानी क़िला शहर पर छाया हुआ है और यह 17वीं से 19वीं शताब्दी तक मुस्लिम, [[मराठा साम्राज्य|मराठा]], [[ब्रिटिश साम्राज्य|ब्रिटिश]] एवं [[फ़्रांसीसी]] टुकड़ियों के बीच कई कटु लड़ाईयों का स्थल रहा। | ||
[[चित्र:Uchipillayar-Temple-Tiruchirappalli.jpg|thumb|250px|left|उचीपिल्लैयार मंदिर (रॉकफोर्ट मंदिर)]] | |||
==उद्योग और व्यापार== | ==उद्योग और व्यापार== | ||
तिरुचिराप्पल्ली शहर अब एक औद्योगिक केंन्द्र है, जिसमें आधुनिक बिजली उपकरणों का बड़ा कारख़ाना, ताप बॉयलर एवं रेल के इंजन निर्माण की कार्यशालाओं के साथ-साथ सूती वस्त्र हथकरघा व सिगार बनाने का कुटीर उद्योग शामिल है। यहाँ कृत्रिम [[हीरा|हीरों]] का भी निर्माण होता है। | तिरुचिराप्पल्ली शहर अब एक औद्योगिक केंन्द्र है, जिसमें आधुनिक बिजली उपकरणों का बड़ा कारख़ाना, ताप बॉयलर एवं रेल के इंजन निर्माण की कार्यशालाओं के साथ-साथ [[सूती वस्त्र उद्योग|सूती वस्त्र]], हथकरघा व सिगार बनाने का [[कुटीर उद्योग]] शामिल है। यहाँ कृत्रिम [[हीरा|हीरों]] का भी निर्माण होता है। | ||
==कृषि और खनिज== | ==कृषि और खनिज== | ||
तिरुचिराप्पल्ली शहर के पास की [[कावेरी नदी|कावेरी नदी घाटी]] राज्य का श्रेष्ठ धान उत्पादक क्षेत्र है और यहाँ गन्ना और पान के पत्ते का उत्पादन भी होता है। | तिरुचिराप्पल्ली शहर के पास की [[कावेरी नदी|कावेरी नदी घाटी]] राज्य का श्रेष्ठ धान उत्पादक क्षेत्र है और यहाँ [[गन्ना]] और [[पान]] के पत्ते का उत्पादन भी होता है। | ||
==शिक्षण संस्थान== | ==शिक्षण संस्थान== | ||
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तिरुचिराप्पल्ली शहर में [[1982]] में स्थित भारतीदसन विश्वविद्यालय है। | तिरुचिराप्पल्ली शहर में [[1982]] में स्थित भारतीदसन विश्वविद्यालय है। | ||
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यहाँ का दुर्ग पल्लवकालीन है, जो 272 फुट ऊँची पहाड़ी पर एक मील लम्बा व आधा मील चौड़ा आयताकार बना है। पल्लवकालीन सौ स्तम्भों का एक मंडप और कई गुहा-मन्दिर यहाँ पर हैं। एक गुफा में स्तम्भ पर अंकित दो गुहा-लेख भी प्राप्त हुए हैं। पहले दुर्ग के चारों ओर एक खाई थी, जो अब पाट दी गई है। यहाँ चट्टान पर निर्मित भूतेश्वर शिव एवं [[गणेश]] के मन्दिर हैं। इसके अंचल में स्थित उरैयूर प्राचीन [[चोल|चोलों]] की राजधानी थी। बाद में त्रिचनापल्ली [[मदुरा]] के नायक वंशीय राजाओं की राजधानी रही। | |||
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12:59, 2 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

तिरुचिराप्पल्ली शहर, मध्य तमिलनाडु राज्य, दक्षिणी भारत में स्थित एक नगर है। इसे त्रिशिरापल्ली और त्रिचिनोपोली भी कहा जाता था। तिरुचिराप्पल्ली चेन्नई (भूतपूर्व मद्रास) और तिरुवनंतपुरम (भूतपूर्व त्रिवेंद्रम) के बीच रेल एवं सड़क मार्ग के बीच कावेरी नदी के डेल्टा के शीर्ष पर स्थित है।
मान्यता
जनश्रुति के अनुसार त्रिशिरा नामक राक्षस का ग्राम (पल्ली) होने के कारण ही यह त्रिशिरापल्ली कहलाया। ऐसी भी मान्यता है कि यहीं पर शिव ने त्रिशिर वध किया था।
इतिहास
तिरुचिराप्पल्ली शहर सातवीं से सत्रहवीं शताब्दी के बीच पल्लव, चोल एवं विजयनगर वंशों की महत्त्वपूर्ण स्थानीय राजधानी था। इसका चट्टानी क़िला शहर पर छाया हुआ है और यह 17वीं से 19वीं शताब्दी तक मुस्लिम, मराठा, ब्रिटिश एवं फ़्रांसीसी टुकड़ियों के बीच कई कटु लड़ाईयों का स्थल रहा।

उद्योग और व्यापार
तिरुचिराप्पल्ली शहर अब एक औद्योगिक केंन्द्र है, जिसमें आधुनिक बिजली उपकरणों का बड़ा कारख़ाना, ताप बॉयलर एवं रेल के इंजन निर्माण की कार्यशालाओं के साथ-साथ सूती वस्त्र, हथकरघा व सिगार बनाने का कुटीर उद्योग शामिल है। यहाँ कृत्रिम हीरों का भी निर्माण होता है।
कृषि और खनिज
तिरुचिराप्पल्ली शहर के पास की कावेरी नदी घाटी राज्य का श्रेष्ठ धान उत्पादक क्षेत्र है और यहाँ गन्ना और पान के पत्ते का उत्पादन भी होता है।
शिक्षण संस्थान

तिरुचिराप्पल्ली शहर में 1982 में स्थित भारतीदसन विश्वविद्यालय है।
दर्शनीय स्थल
यहाँ का दुर्ग पल्लवकालीन है, जो 272 फुट ऊँची पहाड़ी पर एक मील लम्बा व आधा मील चौड़ा आयताकार बना है। पल्लवकालीन सौ स्तम्भों का एक मंडप और कई गुहा-मन्दिर यहाँ पर हैं। एक गुफा में स्तम्भ पर अंकित दो गुहा-लेख भी प्राप्त हुए हैं। पहले दुर्ग के चारों ओर एक खाई थी, जो अब पाट दी गई है। यहाँ चट्टान पर निर्मित भूतेश्वर शिव एवं गणेश के मन्दिर हैं। इसके अंचल में स्थित उरैयूर प्राचीन चोलों की राजधानी थी। बाद में त्रिचनापल्ली मदुरा के नायक वंशीय राजाओं की राजधानी रही।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 7,42,062 है और इस ज़िले की कुल जनसंख्या 23,88,831 है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख