"छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-7": अवतरणों में अंतर

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छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-7
छान्दोग्य उपनिषद का आवरण पृष्ठ
छान्दोग्य उपनिषद का आवरण पृष्ठ
विवरण 'छान्दोग्य उपनिषद' प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है। नाम के अनुसार इस उपनिषद का आधार छन्द है।
अध्याय द्वितीय
कुल खण्ड 24 (चौबीस)
सम्बंधित वेद सामवेद
संबंधित लेख उपनिषद, वेद, वेदांग, वैदिक काल, संस्कृत साहित्य
अन्य जानकारी सामवेद की तलवकार शाखा में छान्दोग्य उपनिषद को मान्यता प्राप्त है। इसमें दस अध्याय हैं। इसके अन्तिम आठ अध्याय ही छान्दोग्य उपनिषद में लिये गये हैं।

छान्दोग्य उपनिषद के अध्याय दूसरे का यह सातवाँ खण्ड है।

  • इस खण्ड में बताया गया है कि प्राणों (इन्द्रियों) में श्रेष्ठता के क्रम से साम की पंचविध उपासना करनी चाहिए। ऐसा करके साधक श्रेष्ठतर जीवन प्राप्त करता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1

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छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-7

खण्ड-1 से 15 | खण्ड-16 से 26

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-8

खण्ड-1 से 6 | खण्ड-7 से 15