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इलाहाबाद शहर, दक्षिणी [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के उत्तरी [[भारत]] में स्थित है। इलाहाबाद [[गंगा नदी|गंगा]] और [[यमुना नदी|यमुना]] नदी पर बसा हुआ है। इलाहाबाद गंगा और यमुना के संगम के लिए बहुत प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि इस संगम पर भूमिगत रूप से [[सरस्वती नदी]] भी आकर मिलती है। गंगा और यमुना नदियों के संगम पर बसा इलाहाबाद [[वाराणसी]] (भूतपूर्व बनारस) व [[हरिद्वार]] के समकक्ष पवित्र प्राचीन प्रयाग की भूमि पर स्थित है। यह स्थान सामरिक दृष्टि से बड़ा महत्त्वपूर्ण है। इलाहाबाद उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महत्त्वपूर्ण ज़िला है। | इलाहाबाद शहर, दक्षिणी [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के उत्तरी [[भारत]] में स्थित है। इलाहाबाद [[गंगा नदी|गंगा]] और [[यमुना नदी|यमुना]] नदी पर बसा हुआ है। इलाहाबाद गंगा और यमुना के संगम के लिए बहुत प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि इस संगम पर भूमिगत रूप से [[सरस्वती नदी]] भी आकर मिलती है। गंगा और यमुना नदियों के संगम पर बसा इलाहाबाद [[वाराणसी]] (भूतपूर्व बनारस) व [[हरिद्वार]] के समकक्ष पवित्र प्राचीन प्रयाग की भूमि पर स्थित है। यह स्थान सामरिक दृष्टि से बड़ा महत्त्वपूर्ण है। इलाहाबाद उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महत्त्वपूर्ण ज़िला है। | ||
[[चित्र:Junction-Of-Gange-And-Yamuna-Allahabad.jpg|thumb|350px|left|मानचित्र में [[गंगा नदी|गंगा]] और [[यमुना नदी|यमुना]] का संगम, इलाहाबाद ([[1885]])]] | |||
एक प्राचीन किंवदन्ती के अनुसार [[प्रयाग]] का एक नाम इलाबास भी था जो [[वैवस्वत मनु|मनु]] की पुत्री [[इला]] के नाम पर था। प्रयाग के निकट भुसी या प्रतिष्ठानपुर में [[चन्द्रवंश|चन्द्रवंशी]] राजाओं की राजधानी थी। इसका पहला राजा इला और बुध का पुत्र पुरुरवा एल हुआ। उसी ने अपनी राजधानी को इलाबास की संज्ञा दी जिसका रूपांतर [[अकबर]] के समय में इलाहाबाद हो गया। | एक प्राचीन किंवदन्ती के अनुसार [[प्रयाग]] का एक नाम इलाबास भी था जो [[वैवस्वत मनु|मनु]] की पुत्री [[इला]] के नाम पर था। प्रयाग के निकट भुसी या प्रतिष्ठानपुर में [[चन्द्रवंश|चन्द्रवंशी]] राजाओं की राजधानी थी। इसका पहला राजा इला और बुध का पुत्र पुरुरवा एल हुआ। उसी ने अपनी राजधानी को इलाबास की संज्ञा दी जिसका रूपांतर [[अकबर]] के समय में इलाहाबाद हो गया। | ||
==स्थापना== | ==स्थापना== | ||
वर्तमान इलाहाबाद शहर की स्थापना 1583 में मुग़ल बादशाह अकबर ने की थी और इसका नाम अल-इलाहाबाद (अल्लाह का शहर) रखा था। मुग़ल सल्तनत में यह प्रांतीय राजधानी रहा और 1599 से 1604 तक यह बाग़ी शहज़ादा [[सलीम]] (जो बाद में मुग़ल बादशाह [[जहाँगीर]] बना) का मुख्यालय था। इलाहाबाद क़िले के बाहर जहाँगीर के बाग़ी पुत्र ख़ुसरो की क़ब्र है। मुग़ल साम्राज्य के पतन के बाद 1801 में अंग्रेज़ों द्वारा इलाहाबाद पर कब्ज़ा किए जाने तक यह शहर कई शासकों के हाथों में गया। 1857 में ब्रिटिश सत्ता के ख़िलाफ़ हुए भारतीय विद्रोह में यहाँ भारी रक्तपात हुआ। 1904 से 1949 तक इलाहाबाद संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) की राजधानी था। | वर्तमान इलाहाबाद शहर की स्थापना 1583 में मुग़ल बादशाह अकबर ने की थी और इसका नाम अल-इलाहाबाद (अल्लाह का शहर) रखा था। मुग़ल सल्तनत में यह प्रांतीय राजधानी रहा और 1599 से 1604 तक यह बाग़ी शहज़ादा [[सलीम]] (जो बाद में मुग़ल बादशाह [[जहाँगीर]] बना) का मुख्यालय था। इलाहाबाद क़िले के बाहर जहाँगीर के बाग़ी पुत्र ख़ुसरो की क़ब्र है। मुग़ल साम्राज्य के पतन के बाद 1801 में अंग्रेज़ों द्वारा इलाहाबाद पर कब्ज़ा किए जाने तक यह शहर कई शासकों के हाथों में गया। 1857 में ब्रिटिश सत्ता के ख़िलाफ़ हुए भारतीय विद्रोह में यहाँ भारी रक्तपात हुआ। 1904 से 1949 तक इलाहाबाद संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) की राजधानी था। | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
इलाहाबाद का प्राचीन नाम प्रयाग है और यह तीर्थराज कहा जाता है। ईसा की चौथी और पाँचवीं शताब्दी में [[गुप्त वंश]] के राज में वह उनकी एक राजधानी भी रहा है। सातवीं शताब्दी में सम्राट् [[हर्षवर्धन]], वहाँ पाँच-पाँच वर्ष के अनन्तर, सत्र का आयोजन किया करता था। ऐसे एक सत्र में चीनी यात्री | इलाहाबाद का प्राचीन नाम प्रयाग है और यह तीर्थराज कहा जाता है। ईसा की चौथी और पाँचवीं शताब्दी में [[गुप्त वंश]] के राज में वह उनकी एक राजधानी भी रहा है। सातवीं शताब्दी में सम्राट् [[हर्षवर्धन]], वहाँ पाँच-पाँच वर्ष के अनन्तर, सत्र का आयोजन किया करता था। ऐसे एक सत्र में चीनी यात्री | ||
[[ह्वेन त्सांग]] ने 643 ई. में भाग लिया था। इलाहाबाद में सबसे प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक अशोक (273-232 ई. पू.) के 6 स्तम्भ-लेखों में से एक है। इस पर गुप्त सम्राट् [[समुद्र गुप्त]] (330-380 ई.) की कवि हरिषेण रचित प्रसिद्ध प्रशस्ति है। इसमें उसके दिग्विजय होने का वर्णन है। इस स्थान के सामरिक महत्त्व को देखकर [[अकबर]] ने 1583 ई. में यहाँ गंगा-यमुना के संगम पर क़िला बनवाया था और प्रयाग के स्थान पर इसका नाम इलाहाबाद रखा दिया था। यह नगर इलाहाबाद सूबे की राजधानी बनाया गया। यह नगर बाद में उत्तर प्रदेश (संयुक्त प्रांत आगरा अबध) की राजाधानी रहा था। | [[ह्वेन त्सांग]] ने 643 ई. में भाग लिया था। इलाहाबाद में सबसे प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक अशोक (273-232 ई. पू.) के 6 स्तम्भ-लेखों में से एक है। इस पर गुप्त सम्राट् [[समुद्र गुप्त]] (330-380 ई.) की कवि हरिषेण रचित प्रसिद्ध प्रशस्ति है। इसमें उसके दिग्विजय होने का वर्णन है। इस स्थान के सामरिक महत्त्व को देखकर [[अकबर]] ने 1583 ई. में यहाँ गंगा-यमुना के संगम पर क़िला बनवाया था और प्रयाग के स्थान पर इसका नाम इलाहाबाद रखा दिया था। यह नगर इलाहाबाद सूबे की राजधानी बनाया गया। यह नगर बाद में उत्तर प्रदेश (संयुक्त प्रांत आगरा अबध) की राजाधानी रहा था। | ||
==इलाहाबाद का महत्त्व== | ==इलाहाबाद का महत्त्व== | ||
[[चित्र:Fort-Of-Allahabad-1.jpg|thumb|250px|[[यमुना नदी]] से इलाहाबाद क़िले का दृश्य ([[1857]])]] | |||
* यहाँ उत्तर प्रदेश का [[उच्च न्यायालय]] और एजी कार्यालय भी है । | * यहाँ उत्तर प्रदेश का [[उच्च न्यायालय]] और एजी कार्यालय भी है । | ||
* इलाहाबाद का अपना ऐतिहासिक महत्त्व है [[रामायण]] में इलाहाबाद, प्रयाग के नाम से वर्णित है। | * इलाहाबाद का अपना ऐतिहासिक महत्त्व है [[रामायण]] में इलाहाबाद, प्रयाग के नाम से वर्णित है। | ||
* संगम का धार्मिक महत्त्व भी बहुत है । | * संगम का धार्मिक महत्त्व भी बहुत है । | ||
* इलाहाबाद शहर का हिन्दी साहित्य में बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है । | * इलाहाबाद शहर का हिन्दी साहित्य में बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है । | ||
* पूर्वी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे बसा इलाहाबाद [[भारत]] का पवित्र और लोकप्रिय तीर्थस्थल है । इस शहर का उल्लेख [[भारत]] के धार्मिक ग्रन्थों में भी मिलता है । [[वेद]], [[पुराण]], रामायण और [[महाभारत]] में इस स्थान को प्रयाग कहा गया है । गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का यहाँ संगम होता है, इसलिए हिन्दुओं के लिए इस शहर का विशेष महत्त्व है। 12 साल बाद यहाँ [[कुम्भ मेला|कुम्भ]] के मेले का आयोजन होता है । कुम्भ के मेले में 2 करोड़ की भीड़ इकट्ठा होने का अनुमान किया जाता है जो सम्भवत: विश्व में सबसे बड़ा जमावड़ा है। | * पूर्वी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे बसा इलाहाबाद [[भारत]] का पवित्र और लोकप्रिय तीर्थस्थल है । इस शहर का उल्लेख [[भारत]] के धार्मिक ग्रन्थों में भी मिलता है । [[वेद]], [[पुराण]], रामायण और [[महाभारत]] में इस स्थान को प्रयाग कहा गया है । गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का यहाँ संगम होता है, इसलिए हिन्दुओं के लिए इस शहर का विशेष महत्त्व है। 12 साल बाद यहाँ [[कुम्भ मेला|कुम्भ]] के मेले का आयोजन होता है । कुम्भ के मेले में 2 करोड़ की भीड़ इकट्ठा होने का अनुमान किया जाता है जो सम्भवत: विश्व में सबसे बड़ा जमावड़ा है। | ||
==यातायात और परिवहन== | ==यातायात और परिवहन== | ||
====वायु मार्ग==== | ====वायु मार्ग==== | ||
इलाहाबाद का निकटतम हवाई अड्डा वाराणसी में है जो इलाहाबाद से 147 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लखनऊ हवाई अड्डा 210 किलोमीटर की दूरी पर है। | इलाहाबाद का निकटतम हवाई अड्डा वाराणसी में है जो इलाहाबाद से 147 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लखनऊ हवाई अड्डा 210 किलोमीटर की दूरी पर है। | ||
[[चित्र:Fort-Of-Allahabad-2.jpg|thumb|250px|left|[[इलाहाबाद क़िला|इलाहाबाद क़िले]] का एक दृश्य]] | |||
====रेल मार्ग==== | ====रेल मार्ग==== | ||
इलाहाबाद [[दिल्ली]]-[[कोलकाता]] के रास्ते पर स्थित है। देश के किसी भी हिस्से से यहाँ रेल से पहुँचा जा सकता है। कोलकाता, दिल्ली, [[पटना]], [[गुवाहाटी]], [[चैन्नई]], [[मुम्बई]], [[ग्वालियर]], [[मेरठ]], [[लखनऊ]], [[कानपुर]], वाराणसी आदि शहरों से इलाहाबाद के लिए सीधी रेलें हैं। | इलाहाबाद [[दिल्ली]]-[[कोलकाता]] के रास्ते पर स्थित है। देश के किसी भी हिस्से से यहाँ रेल से पहुँचा जा सकता है। कोलकाता, दिल्ली, [[पटना]], [[गुवाहाटी]], [[चैन्नई]], [[मुम्बई]], [[ग्वालियर]], [[मेरठ]], [[लखनऊ]], [[कानपुर]], वाराणसी आदि शहरों से इलाहाबाद के लिए सीधी रेलें हैं। | ||
====सड़क मार्ग==== | ====सड़क मार्ग==== | ||
उत्तर प्रदेश और देश के अनेक शहरों से इलाहाबाद के लिए नियमित बसें चलती हैं। | उत्तर प्रदेश और देश के अनेक शहरों से इलाहाबाद के लिए नियमित बसें चलती हैं। | ||
==कृषि और खनिज== | ==कृषि और खनिज== | ||
इलाहाबाद शहर के चारों ओर का इलाका गंगा के मैदानी क्षेत्र में आता है इसलिए यह कृषि उत्पादों का बाज़ार भी है। धान, [[गेहूँ]], जौ, चना यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं। | इलाहाबाद शहर के चारों ओर का इलाका गंगा के मैदानी क्षेत्र में आता है इसलिए यह [[कृषि]] उत्पादों का बाज़ार भी है। धान, [[गेहूँ]], जौ, चना यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं। | ||
==उद्योग और व्यापार== | ==उद्योग और व्यापार== | ||
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मुख्यतः शैक्षणिक व प्रशासनिक केंद्र होने के साथ-साथ इलाहाबाद में कुछ उद्योग (खाद्य प्रसंस्करण व विनिर्माण) हैं। | मुख्यतः शैक्षणिक व प्रशासनिक केंद्र होने के साथ-साथ इलाहाबाद में कुछ उद्योग (खाद्य प्रसंस्करण व विनिर्माण) हैं। | ||
==शिक्षण संस्थान== | ==शिक्षण संस्थान== | ||
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (1887) से संबद्ध अनेक महाविद्यालयों के साथ-साथ यहाँ एक उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र भी है। यहाँ प्रसिद्ध पर कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालय भी है। | इलाहाबाद विश्वविद्यालय ([[1887]]) से संबद्ध अनेक महाविद्यालयों के साथ-साथ यहाँ एक उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र भी है। यहाँ प्रसिद्ध पर कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालय भी है। | ||
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13:24, 5 मई 2011 का अवतरण
इलाहाबाद
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विवरण | इलाहाबाद शहर, दक्षिणी उत्तर प्रदेश राज्य के उत्तरी भारत में स्थित है। इलाहाबाद गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | इलाहाबाद ज़िला |
निर्माता | अकबर |
स्थापना | सन 1583 ई. |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 25.45°, पूर्व- 81.85° |
मार्ग स्थिति | राष्ट्रीय राजमार्ग 2 और 27 से इलाहाबाद पहुँचा जा सकता है। |
कब जाएँ | अक्टूबर से मार्च |
कैसे पहुँचें | विमान, रेल, बस, टैक्सी |
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इलाहाबाद विमानक्षेत्र, नज़दीकी वाराणसी हवाई अड्डा |
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प्रयाग रेलवे स्टेशन, इलाहाबाद सिटी रेलवे स्टेशन, दारागंज रेलवे स्टेशन, इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन, नैनी जंक्शन रेलवे स्टेशन, सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन, बमरौली रेलवे स्टेशन |
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लीडर रोड एवं सिविल लाइंस से बसें उपलब्ध |
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ऑटो रिक्शा, बस, टैम्पो, साइकिल रिक्शा |
क्या देखें | इलाहाबाद पर्यटन |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
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गूगल मानचित्र, इलाहाबाद विमानक्षेत्र |
अद्यतन | 17:09, 15 नवंबर 2010 (IST)
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इलाहाबाद | इलाहाबाद पर्यटन | इलाहाबाद ज़िला |
इलाहाबाद शहर, दक्षिणी उत्तर प्रदेश राज्य के उत्तरी भारत में स्थित है। इलाहाबाद गंगा और यमुना नदी पर बसा हुआ है। इलाहाबाद गंगा और यमुना के संगम के लिए बहुत प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि इस संगम पर भूमिगत रूप से सरस्वती नदी भी आकर मिलती है। गंगा और यमुना नदियों के संगम पर बसा इलाहाबाद वाराणसी (भूतपूर्व बनारस) व हरिद्वार के समकक्ष पवित्र प्राचीन प्रयाग की भूमि पर स्थित है। यह स्थान सामरिक दृष्टि से बड़ा महत्त्वपूर्ण है। इलाहाबाद उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महत्त्वपूर्ण ज़िला है।

एक प्राचीन किंवदन्ती के अनुसार प्रयाग का एक नाम इलाबास भी था जो मनु की पुत्री इला के नाम पर था। प्रयाग के निकट भुसी या प्रतिष्ठानपुर में चन्द्रवंशी राजाओं की राजधानी थी। इसका पहला राजा इला और बुध का पुत्र पुरुरवा एल हुआ। उसी ने अपनी राजधानी को इलाबास की संज्ञा दी जिसका रूपांतर अकबर के समय में इलाहाबाद हो गया।
स्थापना
वर्तमान इलाहाबाद शहर की स्थापना 1583 में मुग़ल बादशाह अकबर ने की थी और इसका नाम अल-इलाहाबाद (अल्लाह का शहर) रखा था। मुग़ल सल्तनत में यह प्रांतीय राजधानी रहा और 1599 से 1604 तक यह बाग़ी शहज़ादा सलीम (जो बाद में मुग़ल बादशाह जहाँगीर बना) का मुख्यालय था। इलाहाबाद क़िले के बाहर जहाँगीर के बाग़ी पुत्र ख़ुसरो की क़ब्र है। मुग़ल साम्राज्य के पतन के बाद 1801 में अंग्रेज़ों द्वारा इलाहाबाद पर कब्ज़ा किए जाने तक यह शहर कई शासकों के हाथों में गया। 1857 में ब्रिटिश सत्ता के ख़िलाफ़ हुए भारतीय विद्रोह में यहाँ भारी रक्तपात हुआ। 1904 से 1949 तक इलाहाबाद संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) की राजधानी था।
इतिहास
इलाहाबाद का प्राचीन नाम प्रयाग है और यह तीर्थराज कहा जाता है। ईसा की चौथी और पाँचवीं शताब्दी में गुप्त वंश के राज में वह उनकी एक राजधानी भी रहा है। सातवीं शताब्दी में सम्राट् हर्षवर्धन, वहाँ पाँच-पाँच वर्ष के अनन्तर, सत्र का आयोजन किया करता था। ऐसे एक सत्र में चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने 643 ई. में भाग लिया था। इलाहाबाद में सबसे प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक अशोक (273-232 ई. पू.) के 6 स्तम्भ-लेखों में से एक है। इस पर गुप्त सम्राट् समुद्र गुप्त (330-380 ई.) की कवि हरिषेण रचित प्रसिद्ध प्रशस्ति है। इसमें उसके दिग्विजय होने का वर्णन है। इस स्थान के सामरिक महत्त्व को देखकर अकबर ने 1583 ई. में यहाँ गंगा-यमुना के संगम पर क़िला बनवाया था और प्रयाग के स्थान पर इसका नाम इलाहाबाद रखा दिया था। यह नगर इलाहाबाद सूबे की राजधानी बनाया गया। यह नगर बाद में उत्तर प्रदेश (संयुक्त प्रांत आगरा अबध) की राजाधानी रहा था।
इलाहाबाद का महत्त्व

- यहाँ उत्तर प्रदेश का उच्च न्यायालय और एजी कार्यालय भी है ।
- इलाहाबाद का अपना ऐतिहासिक महत्त्व है रामायण में इलाहाबाद, प्रयाग के नाम से वर्णित है।
- संगम का धार्मिक महत्त्व भी बहुत है ।
- इलाहाबाद शहर का हिन्दी साहित्य में बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है ।
- पूर्वी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे बसा इलाहाबाद भारत का पवित्र और लोकप्रिय तीर्थस्थल है । इस शहर का उल्लेख भारत के धार्मिक ग्रन्थों में भी मिलता है । वेद, पुराण, रामायण और महाभारत में इस स्थान को प्रयाग कहा गया है । गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का यहाँ संगम होता है, इसलिए हिन्दुओं के लिए इस शहर का विशेष महत्त्व है। 12 साल बाद यहाँ कुम्भ के मेले का आयोजन होता है । कुम्भ के मेले में 2 करोड़ की भीड़ इकट्ठा होने का अनुमान किया जाता है जो सम्भवत: विश्व में सबसे बड़ा जमावड़ा है।
यातायात और परिवहन
वायु मार्ग
इलाहाबाद का निकटतम हवाई अड्डा वाराणसी में है जो इलाहाबाद से 147 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लखनऊ हवाई अड्डा 210 किलोमीटर की दूरी पर है।

रेल मार्ग
इलाहाबाद दिल्ली-कोलकाता के रास्ते पर स्थित है। देश के किसी भी हिस्से से यहाँ रेल से पहुँचा जा सकता है। कोलकाता, दिल्ली, पटना, गुवाहाटी, चैन्नई, मुम्बई, ग्वालियर, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी आदि शहरों से इलाहाबाद के लिए सीधी रेलें हैं।
सड़क मार्ग
उत्तर प्रदेश और देश के अनेक शहरों से इलाहाबाद के लिए नियमित बसें चलती हैं।
कृषि और खनिज
इलाहाबाद शहर के चारों ओर का इलाका गंगा के मैदानी क्षेत्र में आता है इसलिए यह कृषि उत्पादों का बाज़ार भी है। धान, गेहूँ, जौ, चना यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।
उद्योग और व्यापार

मुख्यतः शैक्षणिक व प्रशासनिक केंद्र होने के साथ-साथ इलाहाबाद में कुछ उद्योग (खाद्य प्रसंस्करण व विनिर्माण) हैं।
शिक्षण संस्थान
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (1887) से संबद्ध अनेक महाविद्यालयों के साथ-साथ यहाँ एक उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र भी है। यहाँ प्रसिद्ध पर कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालय भी है।
जनसंख्या
इलाहाबाद की कुल जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) 9,90,298 है। इलाहाबाद के कुल ज़िले की जनसंख्या 49,41,510 है।
पर्यटन
पर्यटकों के लिये यहाँ ब्रिटिश काल का एक सरकारी बंगला, आंग्ल व रोमन कैथॅलिक गिरजाघर और जामी मस्जिद भी हैं। उत्तर प्रदेश के इस ऐतिहासिक शहर का प्रशासनिक, शैक्षिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक दृष्टि से अग्रणी स्थान है। इस शहर का उल्लेख भारत के धार्मिक ग्रन्थों में भी मिलता है। वेद, पुराण, रामायण और महाभारत में इस स्थान को प्रयाग कहा गया है। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का यहां संगम होता है।
वीथिका
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