"प्रयोग:कविता बघेल 2": अवतरणों में अंतर
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-लाल रुधिराणु परस्पर चिपक जाते हैं। | -लाल रुधिराणु परस्पर चिपक जाते हैं। | ||
-श्वेत रुधिराणु कोशा-भक्षी हो जाते हैं। | -श्वेत रुधिराणु कोशा-भक्षी हो जाते हैं। | ||
|| | ||हीमोफीलिया एक ऐसा विकार है जिसमें सामान्य ढंग से रक्त का थक्का नहीं जम पाता है। इसके लक्षणों में कई बड़ी या गहरी खरोंचे, जोड़ों का दर्द व सूजन, अनपेक्षित रक्तस्त्राव एवं मूत्र या मल में रक्त का शामिल होना होता है। इसका सर्वाधिक प्रभाव 0 से 40 वर्ष की आयु के व्यक्तियों पर अधिक होता है। | ||
{'लोना' शब्द का प्रयोग किस खेल में होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-117 | {'लोना' शब्द का प्रयोग किस खेल में होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-117 | ||
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-खो-खो | -[[खो-खो]] | ||
-कुश्ती | -[[कुश्ती]] | ||
+कबड्डी | +[[कबड्डी]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||'लोना' कबड्डी खेल से संबंधित है, इसके लिए दो अंक मिलते हैं। | ||'लोना' [[कबड्डी |कबड्डी खेल]] से संबंधित है, इसके लिए दो अंक मिलते हैं। | ||
{मानव अस्थि-पंजर के घुटने, हाथ और | {मानव अस्थि-पंजर के घुटने, हाथ और पांव में पाई जाने वाली अस्थियां कहलाती हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-122 | ||
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-छोटी अस्थियां | -छोटी अस्थियां | ||
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-असमाकृति अस्थियां | -असमाकृति अस्थियां | ||
-चिपटी अस्थियां | -चिपटी अस्थियां | ||
||मांसपेशी की | ||मांसपेशी की कंडरा (Tendon) में पाई जाने वाली अस्थियों को कडरास्थियां (Sesamonoid done) कहते हैं। ये अस्थियां घुटने, हाथ एवं पैर में भी पाई जाती हैं। | ||
{ | {वह बीमारी जिसे मानसिक बीमारी के रूप में वर्गीकृत किया गया हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-183 | ||
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-मधुमेह | -[[मधुमेह]] | ||
+दमा | +[[दमा]] | ||
-टी.बी. | -टी.बी. | ||
-चेचक | -[[चेचक]] | ||
||अस्थमा या दमा एक एलर्जी जनित रोग है जिसमें श्वसनी नलिकाओं का बार-बार प्रवेगी संकुचन होता है तथा रोगी को नि:श्वसनी कष्टश्वास होता रहता है। 'एलर्जी' एक प्रकार का | ||[[अस्थमा]] या दमा एक एलर्जी जनित रोग है जिसमें श्वसनी नलिकाओं का बार-बार प्रवेगी संकुचन होता है तथा रोगी को नि:श्वसनी कष्टश्वास होता रहता है। 'एलर्जी' एक प्रकार का संवेदन शीलता का गुण है जिसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति के शरीर के जीवित कोशिका अथवा ऊतक एलर्जिक वस्तु या परिस्थिति के उपस्थित होने पर अधिक सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया करने लगते हैं। इनमें मनोवैज्ञानिक तनाव कारक भी हो सकते हैं जो [[तंत्रिका तंत्र]] के मध्यम से उत्प्रेरण कर सकते हैं। इन्हीं कारणों से अस्थमा को साइको-सोमैटिक या मनोदैहिक रोग की श्रेणी में रखा गया है। | ||
{1920 में, वाई.एम.सी.ए. की शुरुआत की- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-93 | {[[1920]] में, वाई.एम.सी.ए. की शुरुआत किसने की- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-93 | ||
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-अजमेर सिंह | -अजमेर सिंह | ||
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-पी.एम. जोसेफ | -पी.एम. जोसेफ | ||
+एच.सी. बक | +एच.सी. बक | ||
||वाई.एम.सी.ए. (Y.M.C.A) एशिया में शारीरिक शिक्षा के लिए चेन्नई में स्थापित पहला शिक्षण संस्थान है। भारत में इसकी स्थापना वर्ष 1920 में संयुक्त राज्य अमेरिका के हैरी क्रो बक (H.C. Buck) द्वारा की गई थी। | ||वाई.एम.सी.ए. (Y.M.C.A) एशिया में शारीरिक शिक्षा के लिए [[चेन्नई]] में स्थापित पहला शिक्षण संस्थान है। [[भारत]] में इसकी स्थापना वर्ष [[1920]] में [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] के हैरी क्रो बक (H.C. Buck) द्वारा की गई थी। | ||
{प्रथम आधुनिक ओलंपिक खेल कब शुरू हुए थे? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-12 | {प्रथम आधुनिक [[ओलंपिक खेल]] कब शुरू हुए थे? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-12 | ||
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-1900 | -[[1900]] | ||
+1896 | +[[1896]] | ||
-1904 | -[[1904]] | ||
-1908 | -[[1908]] | ||
||ओलंपिक खेल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चार वर्षों पर आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता है। आधुनिक ओलंपिक खेल एथेंस में वर्ष 1896 में आरंभ किए गए। वर्ष 2008 के ओलंपिक खेलों का आयोजन चीन के बीजिंग तथा वर्ष 2012 के ओलंपिक खेल ब्रिटेन के लंदन में आयोजित किए गए जबकि वर्ष 2016 के ओलंपिक खेलों का आयोजन रियो डि जेनेरियो, ब्राजील में आयोजित किए गए। | ||[[ओलंपिक खेल]] अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चार वर्षों पर आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता है। आधुनिक ओलंपिक खेल एथेंस में वर्ष [[1896]] में आरंभ किए गए। वर्ष [[2008]] के ओलंपिक खेलों का आयोजन [[चीन]] के बीजिंग तथा वर्ष [[2012]] के ओलंपिक खेल [[ब्रिटेन]] के [[लंदन]] में आयोजित किए गए जबकि वर्ष [[2016]] के ओलंपिक खेलों का आयोजन रियो डि जेनेरियो, [[ब्राजील]] में आयोजित किए गए। | ||
{किस प्रकार का भोजन | {किस प्रकार का भोजन योगा करने वालों के लिए सर्वोंत्तम होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-208 प्रश्न-60 | ||
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-तामसिक | -तामसिक | ||
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+सात्विक | +सात्विक | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||सात्विक भोजन योगा करने वालों के लिए सर्वोंतम है। | ||सात्विक भोजन योगा करने वालों के लिए सर्वोंतम है। योगा ही नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए सात्विक भोजन सर्वोंतम है। सात्विक भोजन के पश्चात मन शांत व निर्मल रहता है। | ||
{ओलंपिक खेलों को एकमात्र उद्देश्य के साथ पुनर्जीवित किया गया- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-14 | {ओलंपिक खेलों को एकमात्र उद्देश्य के साथ पुनर्जीवित किया गया- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-14 | ||
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-लचीलापन | -लचीलापन | ||
-फुर्तीलापन | -फुर्तीलापन | ||
||फॉर्टलेक प्रशिक्षण विधि का प्रयोग सहनक्षमता विकसित करने के लिए किया जाता है। इस विधि को गोस्टाहोमर ने 1937 ई. में विकसित किया था। 'फॉर्टलेक' | ||फॉर्टलेक प्रशिक्षण विधि का प्रयोग सहनक्षमता विकसित करने के लिए किया जाता है। इस विधि को गोस्टाहोमर ने [[1937]] ई. में विकसित किया था। 'फॉर्टलेक' स्वीडिश भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ होता है 'गतिज या गति खेल।' यह एक ऐसा प्रशिक्षण तरीका है जो निरंतर प्रशिक्षण को अंतराल प्रशिक्षण के साथ मिश्रित करता है। | ||
{निम्न में से किसका संदर्भ ऐस्थेनिक बॉडी टाइप से है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-24 | {निम्न में से किसका संदर्भ ऐस्थेनिक बॉडी टाइप से है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-24 | ||
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{यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स के अनुसार___किस्म के व्यक्ति आम | {यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स के अनुसार___किस्म के व्यक्ति आम तौर पर कमजोर, आलसी, अक्रिय, सुस्त और निस्तेज होते हैं तथा अपना काम काफी धीमी गति से करते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-184 | ||
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+निरुत्साहित | +निरुत्साहित | ||
- | -प्रसन्नचित्त | ||
-गुस्सैल | -गुस्सैल | ||
-विषादग्रस्त | -विषादग्रस्त | ||
||हिप्पोक्रेट्स ने विचारों व व्यवहारों पर आधारित गुणों को व्यक्तित्व के वर्गीकरण का आधार बनाया। उन्होंने व्यक्तियों को चार समुदाय यथा निरुत्साह (Phlematic), प्रसन्नचित (Sanguine), गुस्सैल (Choleric) एवं विषादग्रस्त (Melancholic) में विभाजित किया है। निरुत्साह किस्म के व्यक्ति साधारण: कमजोर, आलसी, अक्रिय-सुस्त | ||हिप्पोक्रेट्स ने विचारों व व्यवहारों पर आधारित गुणों को व्यक्तित्व के वर्गीकरण का आधार बनाया। उन्होंने व्यक्तियों को चार समुदाय यथा निरुत्साह (Phlematic), प्रसन्नचित (Sanguine), गुस्सैल (Choleric) एवं विषादग्रस्त (Melancholic) में विभाजित किया है। निरुत्साह किस्म के व्यक्ति साधारण: कमजोर, आलसी, अक्रिय-सुस्त व निस्तेज होते हैं तथा अपना काम धीमी गति से करते हैं। | ||
{इंदिरा गांधी शारीरिक शिक्षा व खेल विज्ञान संस्थान स्थित है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-94 | {इंदिरा गांधी शारीरिक शिक्षा व खेल विज्ञान संस्थान स्थित है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-94 | ||
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-मुंबई | -[[मुंबई]] | ||
+नई दिल्ली | +[[नई दिल्ली]] | ||
-चेन्नई | -[[चेन्नई]] | ||
-कोलकाता | -[[कोलकाता]] | ||
||इंदिरा गांधी शारीरिक शिक्षा व खेल विज्ञान संस्थान नई दिल्ली में स्थित है। दिल्ली प्रशासन द्वारा इसकी स्थापना 3 अगस्त, 1987 को की गई थी। | ||इंदिरा गांधी शारीरिक शिक्षा व खेल विज्ञान संस्थान [[नई दिल्ली]] में स्थित है। दिल्ली प्रशासन द्वारा इसकी स्थापना [[3 अगस्त]], [[1987]] को की गई थी। | ||
{ओलंपिक हर बार कितने समय बाद होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-13 | {[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] हर बार कितने समय बाद होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-13 | ||
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-तीसरे वर्ष | -तीसरे वर्ष | ||
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+चौथे वर्ष | +चौथे वर्ष | ||
-दूसरे वर्ष | -दूसरे वर्ष | ||
{निम्न में से कौन सुधि क्रिया नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-61 | {निम्न में से कौन सुधि क्रिया नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-61 | ||
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-धौती | -धौती | ||
+कुंभक | +कुंभक | ||
||कुंभक सुधि क्रिया नहीं है। 6 प्रमुख सुधि क्रियाएं हैं- नेती, धौती, नौली, बस्ती, तारक, कपालभाति। कुंभक | ||कुंभक सुधि क्रिया नहीं है। 6 प्रमुख सुधि क्रियाएं हैं- नेती, धौती, नौली, बस्ती, तारक, कपालभाति। कुंभक अर्थात् श्वास को सप्रयास रोके रहना दो प्रकार से संभव है- 1.बहिर्कुंभक- अर्थात् श्वास को बाहर निकालकर बाहर ही रोके रखना। 2. अंत:कुंभक-अर्थात् श्वास को अंदर खींचकर अंदर ही रोके रखना। | ||
{ओलंपिक के झंडे पर पांच अलग-अलग रंग के आपस में मिले हुए छल्ले दर्शाते हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-15 | {[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] के झंडे पर पांच अलग-अलग रंग के आपस में मिले हुए छल्ले दर्शाते हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-15 | ||
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+दुनिया की एकता | +दुनिया की एकता | ||
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-अंतर्राष्ट्रीय सहयोग | -अंतर्राष्ट्रीय सहयोग | ||
-आदमी की खेल भावना | -आदमी की खेल भावना | ||
||ओलंपिक ध्वज वर्ष 1914 में बैरेन डी कुबर्टिन द्वारा बनाए गए मॉडल पर आधारित है। इसे प्रथम बार वर्ष 1920 के एंटवर्प (बेल्जियम) ओलंपिक में फहराया गया था। यह सफेद रेशम का बना होता है। ध्वज के बीच में एक दूसरे से जुड़े विभिन्न रंगों के पांच छल्ले होते हैं जो दुनिया की एकता दर्शाते हैं। | ||ओलंपिक ध्वज वर्ष [[1914]] में बैरेन डी कुबर्टिन द्वारा बनाए गए मॉडल पर आधारित है। इसे प्रथम बार वर्ष [[1920]] के एंटवर्प (बेल्जियम) ओलंपिक में फहराया गया था। यह [[सफेद रंग|सफेद]] रेशम का बना होता है। ध्वज के बीच में एक दूसरे से जुड़े विभिन्न रंगों के पांच छल्ले होते हैं जो दुनिया की एकता दर्शाते हैं। | ||
{दीवार को धकेलने का उदाहरण है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-123 | {दीवार को धकेलने का उदाहरण है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-123 | ||
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-आइसोकाईनेटिक व्यायाम का | -आइसोकाईनेटिक व्यायाम का | ||
-ईसैंट्रिक व्यायाम का | -ईसैंट्रिक व्यायाम का | ||
||आइसोमेट्रिक सकुंचन में पेशी में तो संकुचन होता है लेकिन पेशी की लंबाई में कोई परिवर्तन नहीं होता। यह स्थिर संकुचन भी कहा जाता है क्योंकि इसमें संधि का कोण नहीं | ||आइसोमेट्रिक सकुंचन में पेशी में तो संकुचन होता है लेकिन पेशी की लंबाई में कोई परिवर्तन नहीं होता। यह स्थिर संकुचन भी कहा जाता है क्योंकि इसमें संधि का कोण नहीं बललता। उदाहरण के लिए दीवार के विरुद्ध वहां के लंबाई में अथवा धकेलने में भार को लटकाए अथवा उठाए रहना अथवा प्रतिरोध को समाप्त किए बिना किसी भारी वजन को उठाए रहना। | ||
{दर्शनशास्त्री जिन्हें आदर्शवाद का जन्मदाता कहा जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-25 | {दर्शनशास्त्री जिन्हें आदर्शवाद का जन्मदाता कहा जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-25 | ||
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-अरस्तू | -[[अरस्तू]] | ||
-रूसो | -रूसो | ||
+प्लेटो | +[[प्लेटो]] | ||
-डार्विन | -डार्विन | ||
||प्लेटो एक यूनानी दार्शनिक थे जिन्हें आदर्शवाद का जन्मदाता कहा जाता है। ये सुकरात के शिष्य तथा अरस्तू के गुरु थे। रिपब्लिक, द लॉज (The Laws), द स्टेट्समैं आदि इनकी प्रमुख पुस्तकें है। | ||[[प्लेटो]] एक यूनानी दार्शनिक थे जिन्हें आदर्शवाद का जन्मदाता कहा जाता है। ये [[सुकरात]] के शिष्य तथा [[अरस्तू]] के गुरु थे। रिपब्लिक, द लॉज (The Laws), द स्टेट्समैं आदि इनकी प्रमुख पुस्तकें है। | ||
{8वें दक्षेस खेल समारोह में सर्वाधिक पदक जीते- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-152 प्रश्न-33 | {8वें दक्षेस खेल समारोह में सर्वाधिक पदक जीते- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-152 प्रश्न-33 | ||
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-नेपाल | -[[नेपाल]] | ||
+भारत | +[[भारत]] | ||
-पाकिस्तान | -[[पाकिस्तान]] | ||
-पेशावर | -[[पेशावर]] | ||
||8वें दक्षिण एशियाई खेलों (दक्षेस या सैफ खेल) का आयोजन वर्ष 1999 में | ||8वें दक्षिण एशियाई खेलों (दक्षेस या सैफ खेल) का आयोजन वर्ष [[1999]] में [[काठमांडू]], [[नेपाल]] में किया गया था। इसमें सार्क देशों के कुल 1069 एथलीटों ने बारह खेलों में भाग लिया था। पदक तालिका में [[भारत]] कुल 197 पदकों (102 स्वर्ण, 58 रजत एवं 37 कांस्य) के साथ प्रथम स्थान पर था। | ||
{इंसुलिन का स्त्राव-द्वारा किया जाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-113 | {इंसुलिन का स्त्राव-द्वारा किया जाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-113 | ||
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-यकृत | -[[यकृत]] | ||
-पीयूष | -पीयूष | ||
+अग्न्याशय | +[[अग्न्याशय]] | ||
-अवटु (थाइरॉइड) | -अवटु (थाइरॉइड) | ||
||इंसुलिन का स्त्राव अग्न्याशय द्वारा किया जाता है। अग्न्याशय शरीर के रक्त ग्लूकोज को नियंत्रित करता है। अग्न्याशय अंत:स्त्रावी एवं ब्राह्य स्त्रावी दोनों प्रकार की ग्रंथि है। इसलिए इसे 'मिश्रित ग्रंथि' भी कहते हैं। | ||इंसुलिन का स्त्राव [[अग्न्याशय]] द्वारा किया जाता है। अग्न्याशय शरीर के रक्त ग्लूकोज को नियंत्रित करता है। अग्न्याशय अंत:स्त्रावी एवं ब्राह्य स्त्रावी दोनों प्रकार की ग्रंथि है। इसलिए इसे 'मिश्रित ग्रंथि' भी कहते हैं। | ||
{निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में से किसमें कैलोरी सबसे ज्यादा मात्रा में पाई जाती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-123 | {निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में से किसमें कैलोरी सबसे ज्यादा मात्रा में पाई जाती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-123 | ||
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+मक्खन | +मक्खन | ||
-संघनित दूध | -संघनित दूध | ||
-दही | -[[दही]] | ||
||दिए गए विकल्पों में सर्वाधिक कैलोरी मक्खन में पाई जाती है। अत: विकल्प (b) अभीष्ट उत्तर होगा। | ||दिए गए विकल्पों में सर्वाधिक कैलोरी मक्खन में पाई जाती है। अत: विकल्प (b) अभीष्ट उत्तर होगा। | ||
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+खेल मनोविज्ञान | +खेल मनोविज्ञान | ||
-अपराध विज्ञान (क्रिमिनोलॉजी) | -अपराध विज्ञान (क्रिमिनोलॉजी) | ||
||खेल मनोविज्ञान शारीरिक क्रियाओं के मनोवैज्ञानिक आधार का अध्ययन है। यह मनोविज्ञान की वह शाखा है जो खेल के मैदान पर मानव व्यवहार से जुड़ी है। अभ्यास और प्रतियोगिता दोनों ही स्थितियों में, यह उसके प्रदर्शन में | ||खेल मनोविज्ञान शारीरिक क्रियाओं के मनोवैज्ञानिक आधार का अध्ययन है। यह मनोविज्ञान की वह शाखा है जो खेल के मैदान पर मानव व्यवहार से जुड़ी है। अभ्यास और प्रतियोगिता दोनों ही स्थितियों में, यह उसके प्रदर्शन में गुणात्मक सुधार लाती है। | ||
{शब्द "डबल फाल्ट" प्रयोग में आता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-14 | {शब्द "डबल फाल्ट" प्रयोग में आता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-14 | ||
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-टेबल टेनिस में | -[[टेबल टेनिस]] में | ||
-वॉलीबॉल में | -वॉलीबॉल में | ||
+टेनिस में | +[[टेनिस]] में | ||
-बैडमिंटन में | -[[बैडमिंटन]] में | ||
||शब्द 'डबल फाल्ट' का प्रयोग टेनिस खेल में होता है। यह सर्विस करने वाले खिलाड़ी पर दूसरी सर्विस गलत होने पर लगाया जाता है एवं पेनाल्टी स्वरूप एक प्वॉइंट कम कर दिए जाते हैं। | ||शब्द 'डबल फाल्ट' का प्रयोग [[टेनिस|टेनिस खेल]] में होता है। यह सर्विस करने वाले खिलाड़ी पर दूसरी सर्विस गलत होने पर लगाया जाता है एवं पेनाल्टी स्वरूप एक प्वॉइंट कम कर दिए जाते हैं। | ||
{निम्न में से कौन-सा लक्षण हठयोग से संबंधित नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-62 | {निम्न में से कौन-सा लक्षण हठयोग से संबंधित नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-62 | ||
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||हठयोग शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए विश्व की प्राचीनतम प्रणालियों में से एक है। मस्तिष्क संतुलन, प्राणायाम एवं आसन हठयोग के अंतर्गत आते हैं किंतु सुधि क्रिया हठयोग से संबंधित नहीं है। | ||हठयोग शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए विश्व की प्राचीनतम प्रणालियों में से एक है। मस्तिष्क संतुलन, प्राणायाम एवं आसन हठयोग के अंतर्गत आते हैं किंतु सुधि क्रिया हठयोग से संबंधित नहीं है। | ||
{ग्रीष्म ओलंपिक 2000 के खेल का स्थान था- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-16 | {ग्रीष्म ओलंपिक [[2000]] के खेल का स्थान था- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-16 | ||
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-एथेंस | -एथेंस | ||
-ऐटलांटा | -ऐटलांटा | ||
+सिडनी | +[[सिडनी]] | ||
-सियोल | -सियोल | ||
||ग्रीष्म ओलंपिक 2000 के खेल का स्थान सिडनी था। ग्रीष्म ओलंपिक 2016 के खेल का स्थान रियो डी जेनेरियो है एवं वर्ष 2020 का ओलंपिक टोक्यो (जापान) में होगा। | ||ग्रीष्म ओलंपिक [[2000]] के खेल का स्थान सिडनी था। ग्रीष्म ओलंपिक [[2016]] के खेल का स्थान रियो डी जेनेरियो है एवं वर्ष [[2020]] का ओलंपिक टोक्यो (जापान) में होगा। | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा कम- | {निम्नलिखित में से कौन-सा कम-से कम प्रशिक्षणीय है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-124 | ||
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-ताकत | -ताकत | ||
-सहनशीलता | -सहनशीलता | ||
- | -लचीलापन | ||
+गति | +गति | ||
{कौन-सा काल भारतवर्ष में महाकाव्य काल माना गया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-26 | {कौन-सा काल [[भारतवर्ष]] में महाकाव्य काल माना गया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-26 | ||
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-2000 से 1000 ई. पूर्व | -2000 से 1000 ई. पूर्व | ||
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-300 ई. से 1230 ई. | -300 ई. से 1230 ई. | ||
-300 ई. तक | -300 ई. तक | ||
||1000 से 600 ई.पू. तक के समय को भारतवर्ष में महाकाव्य काल माना गया है। इस काल में रामायण, महाभारत, उपनिषद् जैसे ग्रंथों की रचना हुई थी। | ||1000 से 600 ई.पू. तक के समय को [[भारतवर्ष]] में महाकाव्य काल माना गया है। इस काल में [[रामायण]], [[महाभारत]], उपनिषद् जैसे ग्रंथों की रचना हुई थी। | ||
{माइटोकॉन्ड्रिया यह भी कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-152 प्रश्न-34 | {माइटोकॉन्ड्रिया यह भी कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-152 प्रश्न-34 | ||
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{'फास्ट ब्रेक' शब्द का प्रयोग किस खेल में किया जाता हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-114 | {'फास्ट ब्रेक' शब्द का प्रयोग किस खेल में किया जाता हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-114 | ||
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+बास्केटबाल | +[[बास्केटबॉल|बास्केटबाल]] | ||
-हॉकी | -[[हॉकी]] | ||
-वॉलीबाल | -वॉलीबाल | ||
-टेनिस | -[[टेनिस]] | ||
||'फास्ट ब्रेक' अथवा तेज आक्रमण शब्द का प्रयोग बास्केटबॉल में किया जाता हैं। आक्रमण की इस शैली में विरोधी की रक्षा पंक्ति को तेजी से भेदने का प्रयास किया जाता है। आक्रमण की शीघ्रता ही इसका मुख्य आधार होता है। | ||'फास्ट ब्रेक' अथवा तेज आक्रमण शब्द का प्रयोग [[बास्केटबॉल]] में किया जाता हैं। आक्रमण की इस शैली में विरोधी की रक्षा पंक्ति को तेजी से भेदने का प्रयास किया जाता है। आक्रमण की शीघ्रता ही इसका मुख्य आधार होता है। | ||
{व्यक्तियों के शरीर की किस्म या काय किस्म को किसने तीन श्रेणियों | {व्यक्तियों के [[मानव शरीर|शरीर]] की किस्म या काय किस्म को किसने तीन श्रेणियों अर्थात् एंडोमॉर्फ, मेसोमॉर्फ और एक्टोमॉर्फ में वर्गीकृत किया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-124 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-अर्नेस्ट क्रेट्समर | -अर्नेस्ट क्रेट्समर | ||
पंक्ति 333: | पंक्ति 331: | ||
-एच.एम. बैरो | -एच.एम. बैरो | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||शेल्डन ने अपनी | ||शेल्डन ने अपनी पुस्तक स्वभाव की किस्में (Varities of Teperament) में तीन प्रकार के व्यक्तित्व का जिक्र किया- 1. एंडोमॉर्फिक (Endomor-phic)- गोल, मोटे व मुलायम शरीर वाले व्यक्ति, 2. मेसोमॉर्फिक (Me-somorphic)-पूर्ण विकसित, तीखे नाक-नक्श वाला तथा एथलेटिक शरीर और 3.एक्टोमॉर्फिट (Ectomorphic)- कमजोर शरीर तथा शरीर का गठन नरम व लचीला। | ||
{शारीरिक शिक्षा और खेलकूद के क्षेत्र में 'फिटनेसग्राम' | {शारीरिक शिक्षा और खेलकूद के क्षेत्र में 'फिटनेसग्राम' परीक्षण के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-186 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-यह परीक्षण 1982 में | -यह परीक्षण [[1982]] में कूपर इंस्टीट्यूट, टेक्सास, यू एस ए द्वारा तैयार किया गया था। | ||
-यह शरीरिक शिक्षा विषय के शिक्षकों के लिए बच्चों के फिटनेस स्तर पर एक रिपोर्ट तैयार करने का एक आसान रास्ता है। | -यह शरीरिक शिक्षा विषय के शिक्षकों के लिए बच्चों के फिटनेस स्तर पर एक रिपोर्ट तैयार करने का एक आसान रास्ता है। | ||
-इसमें | -इसमें हृद्वाहिका फिटनेस, मांसपेशिय क्षमता, शरीर की बनावट और लचीलेपन का परीक्षण किया जाता है। | ||
+उपर्युक्त सभी | +उपर्युक्त सभी | ||
||शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद के क्षेत्र में 'फिटनेसग्राम' परीक्षण के संबंध में उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। | ||शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद के क्षेत्र में 'फिटनेसग्राम' परीक्षण के संबंध में उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। | ||
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{"मानव जीवन की मनोभौतिक एकता" कहलाती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-96 | {"मानव जीवन की मनोभौतिक एकता" कहलाती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-96 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+मन तथा शरीर का विकास | +मन तथा [[मानव शरीर|शरीर]] का विकास | ||
-शरीर तथा हड्डियों का विकास | -शरीर तथा हड्डियों का विकास | ||
-शरीर तथा हृदय का विकास | -[[मानव शरीर|शरीर]] तथा [[हृदय]] का विकास | ||
-आत्मा तथा मांसपेशियों का विकास | -आत्मा तथा मांसपेशियों का विकास | ||
||मानव जीवन की मनोभौतिक एकता से अभिप्राय मन तथा शरीर के विकास से है। | ||मानव जीवन की मनोभौतिक एकता से अभिप्राय मन तथा [[मानव शरीर|शरीर]] के विकास से है। | ||
{ओलंपिक झंडे में प्रथम बार विजेताओं को गोल्ड मेडल दिए थे? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-16 | {[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] झंडे में प्रथम बार विजेताओं को गोल्ड मेडल दिए थे? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-16 | ||
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-पांच देश | -पांच देश | ||
-पांच नदियां | -पांच नदियां | ||
+पांच महाद्वीप | +पांच [[महाद्वीप]] | ||
-पांच पर्वत | -पांच [[पर्वत]] | ||
||ओलंपिक झंडे में पांच रिंग जो कि नीला, पीला, काला, हरा एवं लाल रंग के होते हैं, पांच महाद्वीपों को प्रदर्शित करते हैं। उनका आपस में जुड़ाव उनकी सार्वभौमिकता को दर्शाता है। सफेद रंग झंडे का पृष्ठ रंग है। | ||ओलंपिक झंडे में पांच रिंग जो कि [[नीला रंग|नीला]], [[पीला रंग|पीला]], [[काला रंग|काला]], [[हरा रंग|हरा]] एवं [[लाल रंग]] के होते हैं, पांच महाद्वीपों को प्रदर्शित करते हैं। उनका आपस में जुड़ाव उनकी सार्वभौमिकता को दर्शाता है। [[सफेद रंग]] झंडे का पृष्ठ रंग है। | ||
{खेल के अतिरिक्त ऊर्जा (शक्ति) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-63 | {खेल के अतिरिक्त [[ऊर्जा|ऊर्जा (शक्ति)]] के सिद्धांत का प्रतिपादन किया- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-63 | ||
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-पावलोव | -पावलोव | ||
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+हर्बर्ट स्पेंसर | +हर्बर्ट स्पेंसर | ||
-स्पियरमेन | -स्पियरमेन | ||
||खेल के अतिरिक्त ऊर्जा (शक्ति) के सिद्धान्त का प्रतिपादन हर्बर्ट स्पेंसर ने किया था। ये विक्टोरियाई काल के एक | ||खेल के अतिरिक्त ऊर्जा (शक्ति) के सिद्धान्त का प्रतिपादन हर्बर्ट स्पेंसर ने किया था। ये विक्टोरियाई काल के एक अंग्रेज़ दार्शनिक, जीव-विज्ञानी, समाजशास्त्री तथा प्रसिद्ध पारंपरिक उदारवादी राजनैतिक सिद्धांतकार थे। | ||
{राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार किस वर्ष से संस्थित (शुरू) हुआ? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-17 | {[[राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार]] किस वर्ष से संस्थित (शुरू) हुआ? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-17 | ||
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-1990-1991 | -[[1990]]-[[1991]] | ||
+1991-1992 | +[[1991]]-[[1992]] | ||
-1992-1993 | -[[1992]]-[[1993]] | ||
-1993-1994 | -[[1993]]-[[1994]] | ||
||राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भारत सरकार द्वारा वर्ष 1991-1992 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च खेल प्रदर्शन को प्रोत्साहन देना तथा देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना है। किसी वर्ष में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाने पर यह पुरस्कार दिया जाता है। | ||[[राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार]] [[भारत सरकार]] द्वारा वर्ष [[1991]]-[[1992]] में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च खेल प्रदर्शन को प्रोत्साहन देना तथा देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना है। किसी वर्ष में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाने पर यह पुरस्कार दिया जाता है। | ||
{लंबी कूद में किस प्रकार की ताकत का प्रयोग होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-125 | {लंबी कूद में किस प्रकार की ताकत का प्रयोग होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-125 | ||
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||नोनिता लाल का संबंध गोल्फ खेल से है। | ||नोनिता लाल का संबंध गोल्फ खेल से है। | ||
{अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले फुटबाल खिलाड़ी का नाम है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-115 | {[[अर्जुन पुरस्कार]] प्राप्त करने वाले पहले [[फुटबाल|फुटबाल खिलाड़ी]] का नाम है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-115 | ||
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-चुन्नी गोस्वामी | -चुन्नी गोस्वामी | ||
-टी. बलराम | -टी. बलराम | ||
+पी.के. बनर्जी | +[[पी.के. बनर्जी]] | ||
-अब्दुल अजीज | -अब्दुल अजीज | ||
||अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम फुटबाल खिलाड़ी पी.के. बनर्जी हैं। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 1961 में प्रदान किया गया। वर्ष 1962 एवं 1963 में | ||[[अर्जुन पुरस्कार]] प्राप्त करने वाले प्रथम [[फुटबाल|फुटबाल खिलाड़ी]] [[पी.के. बनर्जी]] हैं। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष [[1961]] में प्रदान किया गया। वर्ष [[1962]] एवं [[1963]] में यह पुरस्कार क्रमश: तुलसी बलराम एवं चून्नी गोस्वामी को दिया गया। | ||
{निम्नलिखित मच्छरों के प्रकार में से कौन डेंगू फैलाता हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-125 | {निम्नलिखित मच्छरों के प्रकार में से कौन डेंगू फैलाता हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-125 | ||
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||कैंपिग का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक कौशल सीखना, उनमें सकारात्मक सोच विकसित करना तथा उनमें व्यक्तिगत संबंध स्थापित करना है। कैंपिंग के माध्यम से छात्रों में व्यावहारिक गुण बहुतायत विकसित होते हैं। | ||कैंपिग का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक कौशल सीखना, उनमें सकारात्मक सोच विकसित करना तथा उनमें व्यक्तिगत संबंध स्थापित करना है। कैंपिंग के माध्यम से छात्रों में व्यावहारिक गुण बहुतायत विकसित होते हैं। | ||
{शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत निम्नलिखित में से किस पर ज्यादा आधारित हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-29 | {शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत निम्नलिखित में से किस पर ज्यादा आधारित हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-29 |
11:32, 25 दिसम्बर 2016 का अवतरण
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