"प्रयोग:कविता बघेल 3": अवतरणों में अंतर
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रिंकू बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{शारीरिक शिक्षा का प्रथम राष्ट्रीय संस्थान | {शारीरिक शिक्षा का प्रथम राष्ट्रीय संस्थान कहाँ स्थित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-1 | ||
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-[[पटियाला]] | -[[पटियाला]] | ||
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-उपर्युक्त दोनों | -उपर्युक्त दोनों | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||भोजन के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं- 1.यह [[मानव शरीर|शरीर]] के अलग-अलग क्रिया-कलापों के लिए [[ऊर्जा]] व ताकत प्रदान करता है। 2. यह शरीर को नए [[ऊतक|ऊतक (टिशू)]] विकसित करने व पुराने एवं खराब टिशू बदलने में मदद देता है। 3.इसमें ऐसे रसायन होते हैं | ||भोजन के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं- 1.यह [[मानव शरीर|शरीर]] के अलग-अलग क्रिया-कलापों के लिए [[ऊर्जा]] व ताकत प्रदान करता है। 2. यह शरीर को नए [[ऊतक|ऊतक (टिशू)]] विकसित करने व पुराने एवं खराब टिशू बदलने में मदद देता है। 3.इसमें ऐसे रसायन होते हैं जो कि शरीर के आंतरिक कार्यों पर नियंत्रण रखते हैं एवं शरीर को बीमारियों से बचाते हैं। | ||
{'[[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]]' किसको दिया जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-10 | {'[[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]]' किसको दिया जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-10 | ||
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||[[भारत सरकार]] की नई संशोधित योजना के तहत [[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]] अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को दिया जाता है। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले चार वर्षों के दौरान तो अच्छा प्रदर्शन किया ही हो लेकिन साथ ही अच्छी नेतृत्व क्षमता खेल भावना तथा अनुशासन आदि गुणों का भी प्रदर्शन किया हो, तो वे अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त करने के लिए अर्ह होते हैं। (हालांकि चार वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता [[फ़रवरी]], [[2015]] में जारी हुए नए नियम के अनुसार है, इसके पूर्व तीन वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता थी)। यह पुरस्कार भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। इस पुरस्कार का प्रारंभ वर्ष [[1961]] में हुआ था। | ||[[भारत सरकार]] की नई संशोधित योजना के तहत [[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]] अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को दिया जाता है। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले चार वर्षों के दौरान तो अच्छा प्रदर्शन किया ही हो लेकिन साथ ही अच्छी नेतृत्व क्षमता खेल भावना तथा अनुशासन आदि गुणों का भी प्रदर्शन किया हो, तो वे अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त करने के लिए अर्ह होते हैं। (हालांकि चार वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता [[फ़रवरी]], [[2015]] में जारी हुए नए नियम के अनुसार है, इसके पूर्व तीन वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता थी)। यह पुरस्कार भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। इस पुरस्कार का प्रारंभ वर्ष [[1961]] में हुआ था। | ||
{शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य निर्धारित करना है | {शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य क्या निर्धारित करना है?(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-6 प्रश्न-10 | ||
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-शारीरिक विकास | -शारीरिक विकास | ||
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-200 मीटर | -200 मीटर | ||
+400 मीटर | +400 मीटर | ||
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-300 मीटर | -300 मीटर | ||
||धावकों के लिए 400 मीटर पथ को आदर्श धावन पथ माना जाता है। 400 मीटर का धावन पथ 36.50 मीटर अर्द्धवृत्तों का बना होता है। 400 मीटर रेस में पुरुष वर्ग का वर्ल्ड रिकॉर्ड वेड | ||धावकों के लिए 400 मीटर पथ को आदर्श धावन पथ माना जाता है। 400 मीटर का धावन पथ 36.50 मीटर अर्द्धवृत्तों का बना होता है। 400 मीटर रेस में पुरुष वर्ग का वर्ल्ड रिकॉर्ड वेड वान निकर्क (43.03 सेकंड) के नाम है वहीं महिला वर्ग में मारिटा कोच (47.60 सेकंड) शीर्ष पर हैं। | ||
{शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-69 | {शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-69 | ||
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-[[हृदय]] | -[[हृदय]] | ||
-[[गुर्दा]] | -[[गुर्दा]] | ||
||हेपेटाइटिस-बी तीव्र संक्रामक रोग है जो जिगर या [[यकृत]] की | ||हेपेटाइटिस-बी तीव्र संक्रामक रोग है जो जिगर या [[यकृत]] की ख़राबी के कारण हेपेटाइटिस-बी [[वायरस]] से फैलता है। यह डी.एन.ए. वायरस है तथा विषाक्तता का मुख्य स्रोत मनुष्य ही है। | ||
{प्रयास ([[बल]]) और टेक के बीच भार (प्रतिरोध) वाले | {प्रयास ([[बल]]) और टेक के बीच भार (प्रतिरोध) वाले उत्तोलक निम्न में से किस किस्म के उत्तोलक कहलाते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-174 प्रश्न-111 | ||
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-श्रेणी-I | -श्रेणी-I | ||
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{अच्छे स्वास्थ्य का मुख्य कारक माना जाता है | {अच्छे स्वास्थ्य का मुख्य कारक क्या माना जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-2 | ||
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-प्रदूषण रहित [[पर्यावरण]] | -प्रदूषण रहित [[पर्यावरण]] | ||
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+अच्छी जीवन दिनचर्या | +अच्छी जीवन दिनचर्या | ||
-तनाव रहित जीवन | -तनाव रहित जीवन | ||
||'[[विश्व स्वास्थ्य संगठन]]' के अनुसार "स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक व सामाजिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ होने की अवस्था है। स्वास्थ्य का ऐसा स्तर हासिल करना इंसानी | ||'[[विश्व स्वास्थ्य संगठन]]' के अनुसार "स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक व सामाजिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ होने की अवस्था है। स्वास्थ्य का ऐसा स्तर हासिल करना इंसानी ज़िंदगी का मनोरथ होना चाहिए जो कि हर व्यक्ति को सामाजिक व आर्थिक तौर पर उत्पादित जीवन जीने के योग्य बनाए।" अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रश्न में दिए गए सभी विकल्प कारक माने जा सकते हैं परंतु मुख्य कारक के रूप में अच्छी जीवन दिनचर्या सही उत्तर होगा। | ||
{ट्रैक प्रतियोगिता कौन-सी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-2 | {ट्रैक प्रतियोगिता कौन-सी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-2 | ||
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+मैराथन | +मैराथन | ||
-पोल वॉल्ट | -पोल वॉल्ट | ||
|| | ||ट्रैक इवेंट्स या ट्रैक प्रतियोगिता में निम्नलिखित इवेंट्स शामिल होते हैं- '''तेज़ गति की दौड़ें'''- 100मीटर, 200मीटर, 400मीटर; '''मध्यम गति की दौड़ें'''- 800मीटर, 1500मीटर; '''लंबी गति की दौड़ें''' -300मीटर, 5000मीटर, 10000मीटर; '''मैराथन दौड़''' (42.195 किमी.); 20 कि.मी. पैदल चाल; 50 कि.मी. पैदल चाल | ||
{इनमें से किस आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को पहचाना और उनमें अंतर किया जा सकता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-1 | {इनमें से किस आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को पहचाना और उनमें अंतर किया जा सकता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-1 | ||
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- | -छाया चित्र द्वारा | ||
-[[मानव शरीर|शरीर]] के प्रकार द्वारा | -[[मानव शरीर|शरीर]] के प्रकार द्वारा | ||
-विद्यालय के रिपोर्ट कार्ड द्वारा | -विद्यालय के रिपोर्ट कार्ड द्वारा | ||
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+परिपक्वता | +परिपक्वता | ||
-आयु | -[[आयु]] | ||
-आनुवांशिक | -आनुवांशिक | ||
-[[मानव शरीर|शरीर]] के विकास का प्रकार | -[[मानव शरीर|शरीर]] के विकास का प्रकार | ||
||सीखने की प्रक्रिया परिपक्वता पर निर्भर करती है। जैसे-जैसे एक बालक परिपक्व होता जाता है, वह नई-नई क्रियाएं स्वयं ही सीखने लगता है। आयु बढ़ने से एक सामान्य बालक में परिपक्वता भी बढ़ती है और उसके सीखने की क्षमता में भी विकास होता है। | ||सीखने की प्रक्रिया परिपक्वता पर निर्भर करती है। जैसे-जैसे एक बालक परिपक्व होता जाता है, वह नई-नई क्रियाएं स्वयं ही सीखने लगता है। आयु बढ़ने से एक सामान्य बालक में परिपक्वता भी बढ़ती है और उसके सीखने की क्षमता में भी विकास होता है। | ||
{डेकाथलॉन में होते हैं | {डेकाथलॉन में कितने ट्रैक और फील्ड इवेंट होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-2 | ||
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-6 ट्रैक और 4 फील्ड इवेंट | -6 ट्रैक और 4 फील्ड इवेंट | ||
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{निम्न में से किसको बढ़ाने के लिए बैलास्टिक प्रशिक्षण तरीक़ा सबसे अच्छा प्रशिक्षण है?(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-122 | {निम्न में से किसको बढ़ाने के लिए बैलास्टिक प्रशिक्षण तरीक़ा सबसे अच्छा प्रशिक्षण है?(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-122 | ||
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- | -ताक़त | ||
-सहनशीलता | -सहनशीलता | ||
+लचीलापन | +लचीलापन | ||
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-तालमेल योग्यता | -तालमेल योग्यता | ||
-गति | -गति | ||
-अच्छा आसन | -[[आसन|अच्छा आसन]] | ||
+विस्फोटक शक्ति | +विस्फोटक शक्ति | ||
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{क्रिकेट बल्ले की लंबाई कितनी होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-3 | {[[क्रिकेट]] के बल्ले की लंबाई कितनी होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-3 | ||
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+38 इंच | +38 इंच | ||
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-37 इंच | -37 इंच | ||
-40 इंज | -40 इंज | ||
||एक क्रिकेट बैट की लंबाई 38 इंच (965 मिमी.) और अधिकतम चौड़ाई 4.25 (108 मिमी.) होती है। | ||एक [[क्रिकेट]] के बैट की लंबाई 38 इंच (965 मिमी.) और अधिकतम चौड़ाई 4.25 इंच (108 मिमी.) होती है। | ||
{बॉस्केटबाल से संबंधित ट्रॉफी कौन-सी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-3 | {बॉस्केटबाल से संबंधित ट्रॉफी कौन-सी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-3 | ||
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-[[2001]]-[[2002]] | -[[2001]]-[[2002]] | ||
-[[2006]]-[[2007]] | -[[2006]]-[[2007]] | ||
||[[राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार]] [[भारत]] में दिया जाने वाला सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है। इस पुरस्कार का नाम भारत के भूतपूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[राजीव गांधी]] के नाम पर रखा गया है। प्रथम बार वर्ष [[1991]]-[[1992]] में यह पुरस्कार शतरंज खिलाड़ी [[विश्वनाथन आनन्द]] को प्रदान किया गया था। | ||[[राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार]] [[भारत]] में दिया जाने वाला सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है। इस पुरस्कार का नाम भारत के भूतपूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[राजीव गांधी]] के नाम पर रखा गया है। प्रथम बार वर्ष [[1991]]-[[1992]] में यह पुरस्कार शतरंज खिलाड़ी [[विश्वनाथन आनन्द]] को प्रदान किया गया था। | ||
{किस भारतीय को सर्वप्रथम विम्बलडन पुरस्कार प्रदान किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-14 | {किस भारतीय को सर्वप्रथम विम्बलडन पुरस्कार प्रदान किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-14 | ||
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-[[कबड्डी]] | -[[कबड्डी]] | ||
-वालीबॉल | -वालीबॉल | ||
+ | +एथलेटिक्स | ||
-[[फुटबॉल]] | -[[फुटबॉल]] | ||
||कृष्णा पूनिया भारतीय चक्का फेंक खिलाड़ी हैं। कृष्णा पूनिया ने | ||कृष्णा पूनिया भारतीय चक्का फेंक खिलाड़ी हैं। कृष्णा पूनिया ने 19वें [[राष्ट्रमंडल खेल|राष्ट्रमंडल खेलों]] में डिस्कस थ्रो की स्पर्धा में 61.51 मीटर की दूरी तक चक्का फेंक कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। कृष्णा राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रैक एवं फील्ड इतिहास में स्वर्ण पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला और [[मिल्खा सिंह]] के बाद दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। | ||
{मदिराशिरा (हैमस्ट्रिंग) मांसपेशी का प्रयोग होता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-71 | {मदिराशिरा (हैमस्ट्रिंग) मांसपेशी का प्रयोग होता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-71 | ||
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+कलिसथेनिक्स | +कलिसथेनिक्स | ||
-परिधि प्रशिक्षण | -परिधि प्रशिक्षण | ||
||एरोबिक का अर्थ है- [[ऑक्सीजन]] के साथ एरोबिक क्रियाओं में हमारे शरीर को अधिक मात्रा में [[ऊर्जा]] तथा ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। [[मानव शरीर|शरीर]] की ऑक्सीजन प्रयोग क्षमता कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर निर्भर करती है। [[फेफड़ा|फेफड़ों]], [[हृदय]] और [[रक्त]] के द्वारा ही हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचती है। लंबी अवधि के व्यायाम में [[मांसपेशी|मांसपेशियों]] का | ||एरोबिक का अर्थ है- [[ऑक्सीजन]] के साथ एरोबिक क्रियाओं में हमारे शरीर को अधिक मात्रा में [[ऊर्जा]] तथा ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। [[मानव शरीर|शरीर]] की ऑक्सीजन प्रयोग क्षमता कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर निर्भर करती है। [[फेफड़ा|फेफड़ों]], [[हृदय]] और [[रक्त]] के द्वारा ही हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचती है। लंबी अवधि के व्यायाम में [[मांसपेशी|मांसपेशियों]] का ज़्यादा मात्रा में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। ऑक्सीजन पुष्टि के विकास के लिए साइक्लिंग, जॉगिंग, तालबद्ध व्यायाम, कैलिस्थनेक्सि आदि एरोबिक क्रियाएं प्रयोग में लाई जाती हैं। | ||
{अंतर्राष्ट्रीय [[टेबल टेनिस]] संघ की स्थापना किस वर्ष में हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-3 | {अंतर्राष्ट्रीय [[टेबल टेनिस]] संघ की स्थापना किस वर्ष में हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-3 | ||
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{स्किन फोल्ड कैलीपर से मापा जाता है | {स्किन फोल्ड कैलीपर से क्या मापा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-4 | ||
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-शरीर की लंबाई | -शरीर की लंबाई | ||
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+ग्रीन स्टिक | +ग्रीन स्टिक | ||
-इम्पैक्ट | -इम्पैक्ट | ||
||फ्रैक्चर मुख्यत: निम्न प्रकार के होते हैं- साधारण फ्रैक्चर-इनमें हड्डी टूटती है, ऊपरी त्वचा नहीं। मिश्रित फ्रैक्चर- इसमें हड्डी एवं त्वचा दोनों टूटती हैं तथा संक्रमण (Infrction) का | ||फ्रैक्चर मुख्यत: निम्न प्रकार के होते हैं- साधारण फ्रैक्चर-इनमें हड्डी टूटती है, ऊपरी त्वचा नहीं। मिश्रित फ्रैक्चर- इसमें हड्डी एवं त्वचा दोनों टूटती हैं तथा संक्रमण (Infrction) का ख़तरा रहता है। मल्टीपल (Multipal) फ्रैक्चर- इसमें हड्डी एक से ज़्यादा जगह से टूटती है। कामिनूटेड (Comminuted) फ्रैक्चर-इसमें क्रशिंग चोट के कारण हड्डी कई खण्डों में टूट पाती है या चकनाचूर (Splinter or shattar) हो जाती है। स्पायरल फैक्चर- इसमें हड्डियों का कम-से-कम एक भाग टूटकर मुड़ जाता (Twisted) है। ग्रीन स्टिक फ्रैक्चर-इसमें हड्डियों के कुछ हिस्से में ब्रेक आता है। इम्पैक्ट फ्रैक्चर-इसमें एक हड्डी टूट कर दूसरी में प्रवेश कर जाती है। | ||
{इनमें से कौन-सा शारीरिक तंत्र है जो शारीरिक व्यायाम में शायद सम्मिलित नहीं होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-4 | {इनमें से कौन-सा शारीरिक तंत्र है जो शारीरिक व्यायाम में शायद सम्मिलित नहीं होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-4 | ||
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+[[पाचन तंत्र]] | +[[पाचन तंत्र]] | ||
-हृदय श्वसन तंत्र | -हृदय श्वसन तंत्र | ||
-श्वसन तंत्र | -[[श्वसन|श्वसन तंत्र]] | ||
-मांसपेशीय तंत्र | -मांसपेशीय तंत्र | ||
||[[पाचन तंत्र]] एक ऐसा शारीरिक तंत्र है जिसका कार्य भोजन का पाचन एवं अवशोषण करना होता है। यह मानव की मुख्य गुहा से लेकर मलद्वार तक विभिन्न सहायक पाचन ग्रंथियों के मिलने से निर्मित होता है। इसका कार्य भोजन का पाचन एवं शेष वर्ज्य पदार्थों का उत्सर्जन करना होता है। शारीरिक व्यायाम में [[मांसपेशी|मांसपेशियां]], श्वसन तंत्र तथा [[हृदय]] सक्रिय रूप से सम्मिलित रहते हैं। | ||[[पाचन तंत्र]] एक ऐसा शारीरिक तंत्र है जिसका कार्य भोजन का पाचन एवं अवशोषण करना होता है। यह मानव की मुख्य गुहा से लेकर मलद्वार तक विभिन्न सहायक पाचन ग्रंथियों के मिलने से निर्मित होता है। इसका कार्य भोजन का पाचन एवं शेष वर्ज्य पदार्थों का उत्सर्जन करना होता है। शारीरिक व्यायाम में [[मांसपेशी|मांसपेशियां]], श्वसन तंत्र तथा [[हृदय]] सक्रिय रूप से सम्मिलित रहते हैं। | ||
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||पुरुषों की स्पर्धा में डिस्कस (चक्का) का वज़न 2.00 किलोग्राम होता है, जबकि महिलाओं की स्पर्धा में 1.00 किग्रा का डिस्कस (चक्का) प्रयुक्त होता है। | ||पुरुषों की स्पर्धा में डिस्कस (चक्का) का वज़न 2.00 किलोग्राम होता है, जबकि महिलाओं की स्पर्धा में 1.00 किग्रा का डिस्कस (चक्का) प्रयुक्त होता है। | ||
{शारीरिक शिक्षा के आधारभूतों को शक्ति प्रदान करते हैं | {शारीरिक शिक्षा के आधारभूतों को शक्ति प्रदान करते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-72 | ||
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+वैज्ञानिक तथ्य | +वैज्ञानिक तथ्य | ||
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||किसी भी कार्य को सुचारु रूप से तथा कुशलतापूर्वक करने के लिए उसके [[मानव शरीर|शरीर]] को उसके लिए तैयार करना बहुत आवश्यक होता है। शरीर को प्रारंभ में हल्के-फुल्के व्यायामों से गर्माने में [[मांसपेशी|मांसपेशियों]] का संकुचन दूर हो जाता है और उनमें फैलाव आ जाता है। | ||किसी भी कार्य को सुचारु रूप से तथा कुशलतापूर्वक करने के लिए उसके [[मानव शरीर|शरीर]] को उसके लिए तैयार करना बहुत आवश्यक होता है। शरीर को प्रारंभ में हल्के-फुल्के व्यायामों से गर्माने में [[मांसपेशी|मांसपेशियों]] का संकुचन दूर हो जाता है और उनमें फैलाव आ जाता है। | ||
{[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] में [[भारत]] ने बास्केटबॉल स्पर्धा में भाग लिया- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-4 | {किस [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] में [[भारत]] ने [[बास्केटबॉल]] स्पर्धा में भाग लिया- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-4 | ||
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-टोक्यो, [[1964]] | -टोक्यो, [[1964]] | ||
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{निम्नलिखित में से कौन विशिष्ट खेलकूद कार्यक्रम के अंतर्गत आते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-174 प्रश्न-114 | {निम्नलिखित में से कौन विशिष्ट खेलकूद कार्यक्रम के अंतर्गत आते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-174 प्रश्न-114 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -मज़े के लिए दौड़ | ||
-स्वास्थ्य के लिए दौड़ | -स्वास्थ्य के लिए दौड़ | ||
-एकता के लिए दौड़ | -एकता के लिए दौड़ | ||
+उपर्युक्त सभी | +उपर्युक्त सभी | ||
||विशिष्ट खेलकूद कार्यक्रम के अंतर्गत निम्नलिखित बिंदुओं को सम्मिलित किया जा सकता है- 1. | ||विशिष्ट खेलकूद कार्यक्रम के अंतर्गत निम्नलिखित बिंदुओं को सम्मिलित किया जा सकता है- 1.मज़े के लिए दौड़; 2. स्वास्थ्य के लिए दौड़; 3. एकता के लिए दौड़; 4.जागरुकता के लिए दौड़ | ||
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{स्क्रेप त्वचा व म्यूकस झिल्ली कहलाती है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-5 | {स्क्रेप त्वचा व म्यूकस झिल्ली कहलाती है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-5 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+एबरेसन | |||
-कांटयूजन | -कांटयूजन | ||
-ब्रूइस | -ब्रूइस | ||
-स्ट्रेन | |||
||स्क्रेप त्वचा (Scraped Skin) व म्यूकस झिल्ली को एबरेसन (Abrasion) कहते हैं जो मामूली चोट है। यदि यह बड़े क्षेत्र में फैलती है, तो समस्या बन जाती है। इसमें [[खून]] बहने लगता है तथा कुछ देर दर्द रहता है। | ||स्क्रेप त्वचा (Scraped Skin) व म्यूकस झिल्ली को एबरेसन (Abrasion) कहते हैं जो मामूली चोट है। यदि यह बड़े क्षेत्र में फैलती है, तो समस्या बन जाती है। इसमें [[खून]] बहने लगता है तथा कुछ देर दर्द रहता है। | ||
{[[मांसपेशी|मांसपेशियों]] को पूर्ण टोन रखने का एकमात्र उपाय है | {[[मांसपेशी|मांसपेशियों]] को पूर्ण टोन रखने का एकमात्र उपाय क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-4 | ||
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-यौगिक आसन और क्रिया करना | -यौगिक आसन और क्रिया करना | ||
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||[[मांसपेशी|मांसपेशियों]] को पूर्ण टोन रखने का एकमात्र उपाय उचित मात्रा में पर्याप्त एवं संतुलित व्यायाम करना है। पेशीय टोन मांसपेशियों की आंतरिक विशेषता नहीं है अपितु यह तंत्रिका की एक प्रतिवर्ती क्रिया का रूप है। | ||[[मांसपेशी|मांसपेशियों]] को पूर्ण टोन रखने का एकमात्र उपाय उचित मात्रा में पर्याप्त एवं संतुलित व्यायाम करना है। पेशीय टोन मांसपेशियों की आंतरिक विशेषता नहीं है अपितु यह तंत्रिका की एक प्रतिवर्ती क्रिया का रूप है। | ||
{बैडमिंटन कोर्ट की लंबाई और चौड़ाई की माप कितनी होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-17 | {[[बैडमिंटन]] कोर्ट की लंबाई और चौड़ाई की माप कितनी होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-17 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-40x25 | -40x25 फ़ीट | ||
+44x20 | +44x20 फ़ीट | ||
-35x15 | -35x15 फ़ीट | ||
-44x22 | -44x22 फ़ीट | ||
{खेल सामग्री के चयन में सबसे अधिक ध्यान में रखने वाला कारक है | {खेल सामग्री के चयन में सबसे अधिक ध्यान में रखने वाला कारक क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-5 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मूल्य | -मूल्य | ||
- | -स्रोत | ||
-उपयोगिता | -उपयोगिता | ||
+गुणवत्ता | +गुणवत्ता | ||
||किसी भी वस्तु को | ||किसी भी वस्तु को ख़रीदते समय सदैव उस वस्तु की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना चाहिए, खेल सामग्री के संदर्भ में भी यह उपयोगिता अत्यंत आवश्यक है। | ||
{शारीरिक दक्षता क्षमता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-73 | {शारीरिक दक्षता क्षमता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-73 | ||
पंक्ति 377: | पंक्ति 377: | ||
-समूह का वर्गीकरण करने की। | -समूह का वर्गीकरण करने की। | ||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
||शारीरिक दक्षता क्षमता व्यक्ति का दैनिक कार्य करने की क्षमता है। सामान्यत: शारीरिक दक्षता व्यायाम, सही आहार और पर्याप्त आराम द्वारा हासिल होती है। निक्सन के अनुसार, "शारीरिक शिक्षा व्यक्ति की अवयव क्षमता संबद्ध है जिसमें हम अपने | ||शारीरिक दक्षता क्षमता व्यक्ति का दैनिक कार्य करने की क्षमता है। सामान्यत: शारीरिक दक्षता व्यायाम, सही आहार और पर्याप्त आराम द्वारा हासिल होती है। निक्सन के अनुसार, "शारीरिक शिक्षा व्यक्ति की अवयव क्षमता संबद्ध है जिसमें हम अपने रोज़ाना के सामान्य कार्य बिना थके संपन्न करते हैं और अचानक आने वाली किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त [[बल]] और [[ऊर्जा]] सुरक्षित रखते हैं। | ||
{कौन-सी एरोबिक क्रिया मुख्यत: मनोरंजन के काम आती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-125 | {कौन-सी एरोबिक क्रिया मुख्यत: मनोरंजन के काम आती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-125 | ||
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-25-25 मिनट | -25-25 मिनट | ||
-30-30 मिनट | -30-30 मिनट | ||
||[[चित्र:Kabaddi-03.jpg|right|100px|border|कबड्डी खेलते हुए खिलाड़ी]]'कबड्डी खेल' खेलने की समय सीमा 20-20 मिनट के दो अर्ध जबकि महिलाओं तथा जूनियर्स के मैच का समय 15-15 मिनट के दो अर्ध होते हैं। इस खेल में मध्यांतर 5 मिनट का होता है। प्रत्येक टीम के खिलाड़ियों की 7 संख्या होती है तथा 5 अतिरिक्त खिलाड़ी होते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबड्डी]] | ||[[चित्र:Kabaddi-03.jpg|right|100px|border|कबड्डी खेलते हुए खिलाड़ी]] 'कबड्डी खेल' खेलने की समय सीमा 20-20 मिनट के दो अर्ध जबकि महिलाओं तथा जूनियर्स के मैच का समय 15-15 मिनट के दो अर्ध होते हैं। इस खेल में मध्यांतर 5 मिनट का होता है। प्रत्येक टीम के खिलाड़ियों की 7 संख्या होती है तथा 5 अतिरिक्त खिलाड़ी होते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबड्डी]] | ||
{किस रोग को 'लॉक जॉ' भी कहा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-171 | {किस रोग को 'लॉक जॉ' भी कहा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-171 | ||
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{ | {रेडियस अल्ना अस्थि कहाँ स्थित होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-7 | ||
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+फोर आर्म | +फोर आर्म | ||
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{[[समाचार पत्र]], टी.वी. एवं प्रदर्शनी किसके मुख्य साधन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-6 | {[[समाचार पत्र]], [[टेलीविजन|टी.वी.]] एवं प्रदर्शनी किसके मुख्य साधन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-6 | ||
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-शिक्षण | -शिक्षण | ||
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-[[पत्रकारिता]] | -[[पत्रकारिता]] | ||
+जनसंपर्क | +जनसंपर्क | ||
||[[समाचार पत्र]], टी.वी., प्रदर्शनी तथा आजकल प्रचलित इंटरनेट एवं ऑनलाइन-समाचार और वीडियो एडिटिंग करके अपने-अपने विषय वस्तु का प्रस्तुतीकरण कहते हैं जो जनसाधारण के लिए मनोरंजनकारी, आवश्यक एवं उपयोगी होता है। | ||[[समाचार पत्र]], [[टेलीविजन|टी.वी.]], प्रदर्शनी तथा आजकल प्रचलित इंटरनेट एवं ऑनलाइन-समाचार और वीडियो एडिटिंग करके अपने-अपने विषय वस्तु का प्रस्तुतीकरण कहते हैं जो जनसाधारण के लिए मनोरंजनकारी, आवश्यक एवं उपयोगी होता है। | ||
{किसी परीक्षण की वैधता (Validity) किसके द्वारा निर्धारित होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-5 | {किसी परीक्षण की वैधता (Validity) किसके द्वारा निर्धारित होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-5 | ||
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||[[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]] [[भारत]] के एक [[कुश्ती]] पहलवान हैं जो वर्ष [[2012]] के लंदन ओलंपिक में रजत [[2008]] के बीजिंग ओलंपिक मुकाबलों में व्यक्तिगत पदक जीतकर भारतीय खिलाड़ी बने। वर्ष [[2014]] के [[राष्ट्रमंडल खेल|राष्ट्रमंडल खेलों]] में इन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। | ||[[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]] [[भारत]] के एक [[कुश्ती]] पहलवान हैं जो वर्ष [[2012]] के लंदन ओलंपिक में रजत [[2008]] के बीजिंग ओलंपिक मुकाबलों में व्यक्तिगत पदक जीतकर भारतीय खिलाड़ी बने। वर्ष [[2014]] के [[राष्ट्रमंडल खेल|राष्ट्रमंडल खेलों]] में इन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। | ||
{शरीर की संरचना के अध्ययन को कहते हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-126 | |||
{[[मानव शरीर|शरीर]] की संरचना के अध्ययन को कहते हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-126 | |||
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-शरीर क्रिया विज्ञान | -शरीर क्रिया विज्ञान | ||
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||डिक फॉसबरी [[अमेरिका]] के [[एथलेटिक्स|एथलीट]] हैं जिन्होंने ऊंची कूद में फॉसबरी फ्लॉप तकनीक का सर्वप्रथम प्रयोग किया। इस तकनीक में खिलाड़ी पीठ की तरफ से ऊंची कूद कूदता है। | ||डिक फॉसबरी [[अमेरिका]] के [[एथलेटिक्स|एथलीट]] हैं जिन्होंने ऊंची कूद में फॉसबरी फ्लॉप तकनीक का सर्वप्रथम प्रयोग किया। इस तकनीक में खिलाड़ी पीठ की तरफ से ऊंची कूद कूदता है। | ||
{माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका श्वसन और---में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-116 | {माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका [[श्वसन]] और---में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-116 | ||
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-चयापचयी कार्य | -चयापचयी कार्य | ||
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-कार्बन डाइऑक्साइड का उन्मूलन | -कार्बन डाइऑक्साइड का उन्मूलन | ||
-न्यूरो संचारण | -न्यूरो संचारण | ||
||माइटोकॉन्ड्रिया समस्त कोशिका द्रव्य के अंतर्गत सूक्ष्म आण्विक थैलियां है। ये कोशिकीय श्वसन एवं ऊर्जा पैदा करने के मुख्य केंद्र हैं जो 'कोशिकाओं के बिजलीघर' के नाम से जाने जाते हैं। | ||माइटोकॉन्ड्रिया समस्त कोशिका द्रव्य के अंतर्गत सूक्ष्म आण्विक थैलियां है। ये कोशिकीय [[श्वसन]] एवं [[ऊर्जा]] पैदा करने के मुख्य केंद्र हैं जो 'कोशिकाओं के बिजलीघर' के नाम से जाने जाते हैं। | ||
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-रोगाणुरोधक का प्रयोग | -रोगाणुरोधक का प्रयोग | ||
-दो निकेट बैंडेज का प्रयोग | -दो निकेट बैंडेज का प्रयोग | ||
||सर्प काटने के तुरंत बाद क्रेप बैंडेज का प्रयोग करना उचित होता है क्योंकि इस बैंडेज को सर्प दंश वाली भुजा में लपेट देने से भुजा की गतिशीलता कम हो जाती है और | ||सर्प काटने के तुरंत बाद क्रेप बैंडेज का प्रयोग करना उचित होता है क्योंकि इस बैंडेज को सर्प दंश वाली भुजा में लपेट देने से भुजा की गतिशीलता कम हो जाती है और ज़हर के ख़ून में फैलने की तीव्रता कम हो जाती है। | ||
{किस टीम ने एक मैच में अपने विपक्षी टीम के विरुद्ध [[हॉकी]] के इतिहास में सबसे अधिक गोल किया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-25 | {किस टीम ने एक मैच में अपने विपक्षी टीम के विरुद्ध [[हॉकी]] के इतिहास में सबसे अधिक गोल किया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-25 | ||
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+[[तैराकी]] | +[[तैराकी]] | ||
-असि क्रीड़ा | -असि क्रीड़ा | ||
||'कठिनाई की डिग्री' का संबंध तैराकी के खेल से है। यह गोता लगाने से संबंधित सारिणी है। | ||'कठिनाई की डिग्री' का संबंध [[तैराकी]] के खेल से है। यह गोता लगाने से संबंधित सारिणी है। | ||
{[[कपाल|मानव खोपड़ी]] | {[[कपाल|मानव खोपड़ी]] में कुल कितनी हड्डियाँ होती हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-7 | ||
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-20 | -20 | ||
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-कलाई | -कलाई | ||
-करभिका (मेटाकार्पल) | -करभिका (मेटाकार्पल) | ||
||हिंज (कब्जे वाला) जोड़ा है जो एक ही | ||हिंज (कब्जे वाला) जोड़ा है जो एक ही तरफ़ पर आगे अथवा पीछे जाने की इजाज़त देता है, ठीक जिस प्रकार दरवाज़ों के साथ लगे कब्ज़े एक तरफ ही घूमते हैं। [[मानव शरीर]] में [[घुटना|घुटनों]], कोहनी, अंगुलियों के जोड़, हिंज जोड़ के उदाहरण हैं। | ||
{संहत जानु (नॉक नी) एक किस्म की आम मुद्रा विकृति है जिसे किस योगासन से ठीक किया जा सकता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-117 | {संहत जानु (नॉक नी) एक किस्म की आम मुद्रा विकृति है जिसे किस योगासन से ठीक किया जा सकता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-117 | ||
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{वर्ष [[2010]] में पुरुष हॉकी चैंपियनशिप विश्व कप | {वर्ष [[2010]] में पुरुष हॉकी चैंपियनशिप विश्व कप कहाँ आयोजित किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-10 | ||
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-हॉलैंड | -हॉलैंड | ||
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-[[बास्केटबॉल]] | -[[बास्केटबॉल]] | ||
-हैंडबॉल | -हैंडबॉल | ||
||' | ||'ऑफ़ साइड नियम' [[फुटबॉल|फुटबॉल खेल]] से संबंधित है। यह विश्व का सबसे प्रसिद्ध खेल है जो विश्व के सबसे ज्यादा देशों के मध्य खेला जाता है। इसका नियंत्रण '[[फ़ीफ़ा]]' द्वारा किया जाता है। ऑफ़ साइड नियम के अनुसार आगे का खिलाड़ी गेंद के बिना दूसरे बचाव खिलाड़ी के आगे नहीं जा सकता है। अगर कोई खिलाड़ी सभी विपक्षी खिलाड़ियों से आगे निकल आए और गेंद उसको पास की जाए तो उसे ऑफ़ साइड करार दिया जाता है। | ||
{ट्रम्पोलिन किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-77 | {ट्रम्पोलिन किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-77 | ||
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{गोला फेंकने के सेक्टर का कोण है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-10 | {गोला फेंकने के सेक्टर का कोण है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-10 | ||
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-40. | -40.92<sup>0</sup> | ||
+34. | +34.92<sup>0</sup> | ||
-45. | -45.92<sup>0</sup> | ||
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||गोले का भार पुरुषों के लिए लगभग 7.260 कि.ग्रा. तथा महिलाओं के लिए लगभग 4 कि.ग्रा. होता है। सेक्टर का कोण 34. | ||गोले का भार पुरुषों के लिए लगभग 7.260 कि.ग्रा. तथा महिलाओं के लिए लगभग 4 कि.ग्रा. होता है। सेक्टर का कोण 34.92<sup>0</sup> तथा सर्कल का व्यास 2.135 मी. होता है। | ||
{[[ओलंपिक खेल]] के ध्वज में शामिल है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-176 | {[[ओलंपिक खेल]] के ध्वज में शामिल है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-176 | ||
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-स्कोलियोसिस | -स्कोलियोसिस | ||
-राउंड सोल्डर | -राउंड सोल्डर | ||
-नॉक | -नॉक नी | ||
||पीछे का कूबड़ या काइफोसिस में रीढ़ की अस्थियां पीछे की ओर हो जाती हैं। इस दशा में छाती सीधी नहीं होती तथा सिर एवं गर्दन आगे की ओर झुकी होती है। इस विकृति के उपचार हेतु निम्न उपाय करते हैं- 1. पट अवस्था में अर्थात छाती के बल लेटना, दाई बांह ऊपर की ओर एवं बाई बांह बगल में रखना, इसके बाद दाईं बांह को सिर के ऊपर बाईं ओर उठाना, बाएं हाथ से नीचे दबाना एवं फिर बाएं नितंब को ऊपर उठाना। 2. सोने के दौरान अपने पीठ के नीचे हमेशा तकिया अवश्य रखें। | ||पीछे का कूबड़ या काइफोसिस में रीढ़ की अस्थियां पीछे की ओर हो जाती हैं। इस दशा में छाती सीधी नहीं होती तथा सिर एवं गर्दन आगे की ओर झुकी होती है। इस विकृति के उपचार हेतु निम्न उपाय करते हैं- 1. पट अवस्था में अर्थात छाती के बल लेटना, दाई बांह ऊपर की ओर एवं बाई बांह बगल में रखना, इसके बाद दाईं बांह को सिर के ऊपर बाईं ओर उठाना, बाएं हाथ से नीचे दबाना एवं फिर बाएं नितंब को ऊपर उठाना। 2. सोने के दौरान अपने पीठ के नीचे हमेशा तकिया अवश्य रखें। | ||
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{स्कैपुला अस्थि [[मानव शरीर|शरीर]] के किस अंग में स्थित होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-11 | {स्कैपुला अस्थि [[मानव शरीर|शरीर]] के किस अंग में स्थित होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-11 | ||
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-पैर | -[[पैर]] | ||
-कूल्हे | -कूल्हे | ||
+अपर बैक | +अपर बैक | ||
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-आराम करके | -आराम करके | ||
-मालिश के द्वारा | -मालिश के द्वारा | ||
||स्प्रेन (Sprain), स्ट्रेन (Strain) एवं कंट्यूशन (Contusion) आदि के शीघ्र उपचार के लिए चार कदम उठाए जाते हैं, जिसे RICE कहते हैं जो Rest, Ice, Compression तथा Elevation का संक्षिप्त रूप है। इनका विवरण निम्नलिखित है- विश्राम Rest- जैसे ही चोट लगे गतिविधि को रोकना चाहिए एवं रोगी को विश्राम दें। | ||स्प्रेन (Sprain), स्ट्रेन (Strain) एवं कंट्यूशन (Contusion) आदि के शीघ्र उपचार के लिए चार कदम उठाए जाते हैं, जिसे RICE कहते हैं जो Rest, Ice, Compression तथा Elevation का संक्षिप्त रूप है। इनका विवरण निम्नलिखित है- विश्राम Rest- जैसे ही चोट लगे गतिविधि को रोकना चाहिए एवं रोगी को विश्राम दें। बर्फ़ Ice- चोट के बाद संभव हो, तो ज़ख़्मी हिस्से में बर्फ़ लगाएं। दबाना Compression- चोट वाले स्थान पर बर्फ़ लगाने के बाद दबाना चाहिए। उठाना Elevation- अंत में चोट लगे स्थान को ऊपर उठाना चाहिए। | ||
{प्रथम विश्व कप [[फ़ुटबॉल]] कहाँ आयोजित किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-38 प्रश्न-21 | |||
{प्रथम विश्व कप [[ | |||
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+उरूग्वे | +उरूग्वे | ||
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-कनाडा | -कनाडा | ||
-[[ब्राजील]] | -[[ब्राजील]] | ||
||प्रथम | ||प्रथम फ़ुटबॉल विश्व कप का आयोजन वर्ष [[1930]] में उरूग्वे में किया गया था। उरूग्वे ने यह विश्व कप, फ़ाइनल में अर्जेंटीना को 4-2 से पराजित कर जीत लिया था। | ||
{निम्न में से कौन-सी 'खेलने की सतह' नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-9 | {निम्न में से कौन-सी 'खेलने की सतह' नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-9 | ||
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-[[कला]] | -[[कला]] | ||
-[[साहित्य]] | -[[साहित्य]] | ||
+संस्कृति | +[[संस्कृति]] | ||
{[[मांसपेशी|मांसपेशियों]] का अध्ययन कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-129 | {[[मांसपेशी|मांसपेशियों]] का अध्ययन कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-129 | ||
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-एक हाथ की उंगलियां प्रयोग होती हैं। | -एक हाथ की उंगलियां प्रयोग होती हैं। | ||
+दोनों हाथ की उंगलियां प्रयोग होती हैं। | +दोनों हाथ की उंगलियां प्रयोग होती हैं। | ||
-दोनों हाथों के | -दोनों हाथों के पंजों का प्रयोग होता है। | ||
||ओवर हेड पास देने के लिए दोनों हाथ चेहरे के सामने, कुहनियां मुड़ी हुई तथा शरीर के | ||ओवर हेड पास देने के लिए दोनों हाथ चेहरे के सामने, कुहनियां मुड़ी हुई तथा शरीर के काफ़ी पास होनी चाहिए माथे के सामने तथा अंगुलियों की टिप्स से पास देना चाहिए। ऐसा करते हुए घुटने तथा बाजू पास देने की दिशा में खुलने चाहिए। | ||
{भारतीय ओलंपिक संघ (L. O. A.) का गठन किस वर्ष किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-177 | {भारतीय ओलंपिक संघ (L. O. A.) का गठन किस वर्ष किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-177 | ||
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||भारतीय ओलंपिक संघ-वर्ष [[1927]] में बनाया गया। श्री दोराबजी टाटा इसके पहले अध्यक्ष थे। भारतीय ओलंपिक संघ अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति संघ समिति से संबंद्ध है। | ||भारतीय ओलंपिक संघ-वर्ष [[1927]] में बनाया गया। श्री दोराबजी टाटा इसके पहले अध्यक्ष थे। भारतीय ओलंपिक संघ अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति संघ समिति से संबंद्ध है। | ||
{श्वसन तंत्र का कौन-सा अंग एक किस्म की ट्यूब होती है जो बेलनाकार होती है और इसे 'श्वास नली' भी कहते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-119 | {[[श्वसन |श्वसन तंत्र]] का कौन-सा अंग एक किस्म की ट्यूब होती है जो बेलनाकार होती है और इसे 'श्वास नली' भी कहते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-119 | ||
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+ट्रैकिआ | +ट्रैकिआ | ||
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-पांच | -पांच | ||
-छ: | -छ: | ||
||राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (National Conucil of | ||राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (National Conucil of Teacher Education- NCTE) [[भारत सरकार]] की एक संस्था है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिनियम, [[1993]] के तहत [[17 अगस्त]], [[1995]] को की गई। इसका उत्तरदायित्व भारतीय शिक्षा प्रणाली की मानक प्रक्रियाओं एवं धारओं की स्थापना तथा निरीक्षण करना है। इसकी चार क्षेत्रीय समितियां है- पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी तथा दक्षिणी। | ||
{अंतराल प्रशिक्षण विधि का प्रतिपादन किसने किया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-22 | {अंतराल प्रशिक्षण विधि का प्रतिपादन किसने किया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-22 | ||
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-[[कबड्डी]] | -[[कबड्डी]] | ||
-[[हॉकी]] | -[[हॉकी]] | ||
-[[ | -[[फ़ुटबॉल]] | ||
||जवाहरलाल नेहरू कप [[क्रिकेट]] से संबंधित है जबकि नेहरू ट्रॉफी का संबंध [[हॉकी|हॉकी खेल]] एवं बॉट रेस से है। नेहरू गोल्ड कप या नेहरू कप [[ | ||जवाहरलाल नेहरू कप [[क्रिकेट]] से संबंधित है जबकि नेहरू ट्रॉफी का संबंध [[हॉकी|हॉकी खेल]] एवं बॉट रेस से है। नेहरू गोल्ड कप या नेहरू कप [[फ़ुटबॉल|फ़ुटबॉल खेल]] में प्रदान की जाती है। एशेज, ईरानी ट्रॉफी, ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी आदि क्रिकेट की प्रमुख टूर्नामेंट्स हैं। | ||
{किसी प्रक्रिया की धुरी समतल पर सदैव कौन-सा कोण बनाती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-211 प्रश्न-79 | {किसी प्रक्रिया की धुरी समतल पर सदैव कौन-सा कोण बनाती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-211 प्रश्न-79 |
11:54, 5 मार्च 2017 का अवतरण
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