प्रयोग:सपना

माखन एक दुग्ध-उत्पाद है, जिसे ताजा दही, खमीरीकृत क्रीम या दूध को मथ कर बनाया जाता है। माखन और मिश्री भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय माना जाता है। हिन्दी में इसे 'दधिज' या 'माखन' भी कहा जाता है।
माखन बनाने की विधि
दूध उबाल कर, ठंडा होने के बाद, उसे बाद में प्रयोग में लाने के लिये, फ्रिज में रख दिया जाता है, दूध के ठंडे होने पर उसके ऊपर मलाई की मोटी परत बन जाती है, दूध से इस मलाई को निकालकर किसी प्याले या डिब्बे में रख लीजिये। मलाई भरे प्याले को ढककर फ्रीजर में रख दीजिये। इस तरह मलाई एकत्रित होने पर सप्ताह या 10 दिन में या जब प्याला भर जाय या जब भी आप मक्खन निकालना चाहें, तब 4-5 घंटे पहले मलाई के प्याले को फ्रीजर से निकाल कर बाहर रख दीजिये। मलाई को कमरे के तापमान पर आने के बाद मिक्सर के बड़े जार या फूड प्रोसेसर के बड़े जार में डालिये, 4 कप मलाई में, गर्मी के दिन में 1/2 या 1 कप ठंडा पानी डाल दीजिये। मिक्सी चलाइये कुछ ही मिनिट में मक्खन ऊपर जमा हो जाता है और मठ्ठा मिक्सर में नीचे रह जाता है, अगर एसा न हो तो मिक्सी को और चलाइये, मक्खन ऊपर इकठ्ठा हो जाने पर, मिक्सी बन्द कर दीजिये। मठ्ठे में थोड़ा सा दही डाल कर रख दिया जाय तो बिलकुल दही की तरह खट्टा होकर जम जाता है, उसे कढी़ या सब्जी बनाने के काम में लिया जा सकता है।[1]
माखन के प्रकार
भैंस के दूध का मक्खन - भैंस के दूध का मक्खन वात तथा कफ कारक, भारी और दाह, पित्त तथा थकावट को दूर करने वाला है और मेढ़ तथा वीर्य बढ़ाने वाला होता है।
ताजा मक्खन - ताजा मक्खन मधुर, ग्राही, शीतल, हलका, नेत्रों को हितकारी, रक्त पित्त नाशक, तनिक कसैला और तनिक अम्ल रसयुक्त (खट्टा) होता है।
बासी मक्खन - खारा, चटपटा और खट्टा हो जाने से वमन, बवासीर, चर्म रोग, कफ प्रकोप, भारी और मोटापा करने वाला होता है अतः बासी मक्खन सेवन योग्य नहीं।[2]
माखन खाने के फायदे
- आँखों के लिये
आंखों में जलन हो रही हो या फिर दर्द गाय के दूध से बने मक्खन को आंखों पर लगाने से आंखों की जलन शांत हो जाती है। और आंखों को राहत भी मिलती है।
- बुखार में राहत
यदि बुखार की समस्या हो या पुराना बुखार हो तो एैसे में मक्खन खाने से फायदा मिलता है या फिर मक्खन में शहद मिलाकर खाने से भी बुखार में राहत मिलती है।
- दिल संबंधी रोग
दिल संबंधी बीमारीयों के लिए मक्खन फायदेमंद होता है। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि मक्खन खाने से दिल की बीमारी का खतरा कम रहता है। जिसके कारण हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है। मक्खन में विटामिन ए, डी और के, के अलावा सेलेनियम और आयोडीन जैसे तत्व होते हैं जो दिल को बीमारीयों से बचाते हैं।
- थायराइड में मक्खन का लाभ
मक्खन में विटामिन ए और आयोडीन की प्रचूर मात्रा होती है जिस वजह से यह थायराइड ग्लैंड में हो रही समस्या को दूर करता है। थायराइड के मरीजों को नियमित रूप से मक्खन का सेवन करते रहना चाहिए।
- हड्डियों के लिए
मक्खन में कैल्शियम और विटामिन्स के साथ मिनिरल्स भी पूरी मात्रा में रहते हैं जो हड्डियों को मजबूत और शक्तिशाली बनाते हैं। जो लोग आस्टियोपोरोसि की समस्या से परेशान हों वे मक्खन का सेवन जरूर करें। मक्खन दांतों को भी मजबूत बनाता है।
- कैंसर से दूर रखे
कैंसर से बचने के लिए मक्खन का सेवन जरूर करना चाहिए। मक्खन में फैटी एसिड कौंजुलेटेड लिनोलेक होता है जो शरीर को कैंसर से बचाता है। जो लोग नियमित मक्खन का सेवन करते हैं उनको कैंसर की संभावन बेहद कम रहती है।
- टेंशन दूर करता है
जब भी टेंशन हो या आपका मूड खराब हो तो मक्खन का सेवन करें। मक्खन में मौजूद सेलीनियम दिमाग की नसों में जाकर काम करता है और उसे बेहतर बनाता है।
- त्वचा के लिये
मक्खन एंटीआक्सीडेंट युक्त होता है जो त्वचा सबंधी परेशानियों को दूर करता है। मक्खन को चेहरे पर लगाने से त्वचा में निखार आता है और दाग धब्बे भी धीरे-धीरे साफ होने लगते हैं।
- दमा
जिन लोगों को दमे की समस्या हो वे भी मक्खन का सेवन करें। मक्खन में पौष्टिक गुण होते हैं जो फेफड़ों की तकलीफ को दूर करते हैं। जिस वजह से दमा के रोगी ठीक रहते हैं।
- प्रजनन क्षमता
पुरूषों के लिए मक्खन बेहद फायदेमंद होता है क्योंकि यह शरीर में गर्मी को बढ़ाता है जिससे पुरूषों में मेल और फीमेल हार्मोन्स बढ़ते हैं। प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए मक्खन का सेवन जरूर करें।
- बवासीर
बवासीर यानी पाइल्स से ग्रसित लोगों को गाय के दूध से बने मक्खन में तिलों का मिलाकर रोज खाना चाहिए। या शहद व खड़ी शक्कर को मक्खन के साथ मिलाकर सेवन करना चाहिए। यह खूनी बवासीर को ठीक कर देती है।[3]
श्रीकृष्ण को प्रिय
जब भी भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र का ध्यान किया जाता है, तो उनका बाल रूप मन को आंनद और प्रेम से भर देता है। खासतौर पर बालगोपाल द्वारा माखन खाने का प्रसंग मन में वात्सल्य भाव पैदा करता है। इस चर्चा में माखन के साथ मिश्री का भी वर्णन आता है। वास्तव में बालकृष्ण के माखन के साथ मिश्री खाने के पीछे व्यावहारिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण ने पूरे जीवन हर रिश्ते के प्रति प्रेम और समर्पण से सभी का मन मोह लिया। इसी कारण वह मन को मोहने वाले मनमोहन नाम से भी प्रसिद्ध हुए।
माखन संग मिश्री
जहां तक मिश्री को माखन के साथ खाने की बात है, तो इसका अर्थ यह है कि माखन जीवन और व्यवहार में प्रेम को अपनाने का संदेश देता है। लेकिन माखन का स्वाद फीका भी होता है। उसके साथ मीठी मिश्री खाने का अर्थ है कि जीवन में प्रेम को अपनाएँ, लेकिन वह प्रेम फीका यानि दिखावे से भरा न हो, बल्कि वह प्रेम में भावना और समर्पण की मिठास से भरा हो। ऐसा होने पर ही जीवन के वास्तविक आनंद और सुख पाया जा सकता है। यही है माखन संग मिश्री के मीठे संयोग का अर्थ।[4]
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