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'''आचार्य यशोविजय''' [[विक्रम सम्वत]] 18वीं शती के प्रौढ़ तार्किक और नव्यन्याय शैली के महान् दार्शनिक हैं।  
*ये वि. सं. 18वीं शती के प्रौढ़ तार्किक और नव्यन्याय शैली के महान् दार्शनिक हैं।  
 
 
*इन्होंने निम्न तर्कग्रन्थ रचे हैं-  
 
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#अष्टसहस्री-तात्पर्यविवरण,  
 
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#शास्त्रवार्तासमुच्चयटीका और  
 
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#गुरुत वविनिश्चय।
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==संबंधित लेख==
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11:16, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

आचार्य यशोविजय विक्रम सम्वत 18वीं शती के प्रौढ़ तार्किक और नव्यन्याय शैली के महान् दार्शनिक हैं।

  • इन्होंने निम्न तर्कग्रन्थ रचे हैं-
  1. अष्टसहस्री-तात्पर्यविवरण,
  2. जैन तर्कभाषा,
  3. न्यायलोक,
  4. ज्ञानबिन्दु,
  5. अनेकान्तव्यवस्था,
  6. न्यायखण्डनखाद्य,
  7. अनेकान्तप्रवेश,
  8. शास्त्रवार्तासमुच्चयटीका और
  9. गुरुत वविनिश्चय।

टीका टिप्पणी और संदर्भ


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