"अकबर का क़िला अजमेर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('यह राजकीय संग्रहालय भी है। यह नया बाजार मैं स्थित है ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
यह राजकीय संग्रहालय भी है। यह नया बाजार मैं स्थित है यहाँ प्राचीन मूर्तीयाँ, सिक्के, पेंटिंग्स, कवच आदि रखे हुए हैं। अंग्रेज़ों ने यहीं से जनवरी 1616 में मुग़ल बादशाह जहाँगीर से भारत में व्यापार करने की इजाजत माँगी थी।
+
*[[राजस्थान]] के शहर [[अजमेर]] में कई [[अजमेर पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है जिनमें से ये एक है।
 +
*यह एक राजकीय संग्रहालय भी है।  
 +
*यह नया बाजार में स्थित है।
 +
*यहाँ प्राचीन मूर्तीयाँ, सिक्के, पेंटिंग्स, कवच आदि रखे हुए हैं।  
 +
*अंग्रेज़ों ने यहीं से जनवरी 1616 में मुग़ल बादशाह [[जहाँगीर]] से [[भारत]] में व्यापार करने की इजाजत माँगी थी।
 +
*[[अकबर]] प्रति वर्ष ख्वाजा साहब के दर्शन करने तथा राजपुताना के युद्धों में भाग लेने के लिये यहाँ आया करता था।
 +
*अकबर अपने ठहरने के लिये 1570 ईस्वी में एक क़िले का निर्माण करवाया जो अकबर के क़िले के नाम से जाना जाता हैं।
 +
*बादशाह जहॉगीर भी यहाँ लोगो को झरोका दर्शन देता था।
 +
*10 जनवरी 1616 ईस्वी को [[इंग्लैण्ड]] के सम्राट जेम्स प्रथम का राजदूत सर टॉमस रॉ अकबर के क़िले में यहीं जहाँगीर से मिला था।
 +
*[[हल्दी घाटी उदयपुर|हल्दी घाटी]] के युद्ध को अंतिम रूप इसी क़िले में दिया गया था।
 +
*1818 में इस क़िले पर अंग्रेज़ों ने अधिकार कर लिया था।
 +
*उन्होंने इसका उपयोग राजपुताना शस्त्रगार के रूप में किया और वे इसे मेग्जीन के नाम से पुकारते थे।
  
 
[[Category:अजमेर के पर्यटन स्थल]][[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]]
 
[[Category:अजमेर के पर्यटन स्थल]][[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 +
==सम्बंधित लिंक==
 +
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}

12:14, 24 जून 2010 का अवतरण

  • राजस्थान के शहर अजमेर में कई पर्यटन स्थल है जिनमें से ये एक है।
  • यह एक राजकीय संग्रहालय भी है।
  • यह नया बाजार में स्थित है।
  • यहाँ प्राचीन मूर्तीयाँ, सिक्के, पेंटिंग्स, कवच आदि रखे हुए हैं।
  • अंग्रेज़ों ने यहीं से जनवरी 1616 में मुग़ल बादशाह जहाँगीर से भारत में व्यापार करने की इजाजत माँगी थी।
  • अकबर प्रति वर्ष ख्वाजा साहब के दर्शन करने तथा राजपुताना के युद्धों में भाग लेने के लिये यहाँ आया करता था।
  • अकबर अपने ठहरने के लिये 1570 ईस्वी में एक क़िले का निर्माण करवाया जो अकबर के क़िले के नाम से जाना जाता हैं।
  • बादशाह जहॉगीर भी यहाँ लोगो को झरोका दर्शन देता था।
  • 10 जनवरी 1616 ईस्वी को इंग्लैण्ड के सम्राट जेम्स प्रथम का राजदूत सर टॉमस रॉ अकबर के क़िले में यहीं जहाँगीर से मिला था।
  • हल्दी घाटी के युद्ध को अंतिम रूप इसी क़िले में दिया गया था।
  • 1818 में इस क़िले पर अंग्रेज़ों ने अधिकार कर लिया था।
  • उन्होंने इसका उपयोग राजपुताना शस्त्रगार के रूप में किया और वे इसे मेग्जीन के नाम से पुकारते थे।

सम्बंधित लिंक