सुहोत्र

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
नवनीत कुमार (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:45, 3 फ़रवरी 2016 का अवतरण (''''सुहोत्र''' हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य [...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

सुहोत्र हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार एक राजा थे तथा राजा भरत के पौत्र तथा भुमन्‍यु के पुत्र थे।[1]

  • राजा सुहोत्र की माता का नाम पुप्‍करिणि था, तथा इनके अन्य भाई भी थे, जिसमे सुहोत्र ज्‍येष्ठ थे अत: उन्‍हीं को राज्‍य मिला था।
  • सुहोत्र ने राजसूय तथा अश्वमेध आदि अनेक यज्ञों द्वारा यजन किया और समुद्र पर्यन्‍त सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी, जो हाथी-घोड़ों से परिपूर्ण तथा अनेक प्रकार के रत्नों से सम्‍पन्न थी, उपभोग किया। जब राजा सुहोत्र धर्मपूर्वक प्रजा का शासन करते थे।
  • राजा सुहोत्र का विवाह ऐक्ष्वाकी से हुआ था, जिनसे अजमीढ़, सुसीढ़ तथा पुरुमीढ़ नामक तीन पुत्रों का जन्‍म हुआ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत आदि पर्व (हिन्दी) कृष्णकोश। अभिगमन तिथि: 3 फरवरी, 2016।

संबंधित लेख