एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

उज़बेकिस्तान

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
उज़बेकिस्तान का ध्वज

उज़बेकिस्तान या 'उज़बेक सोवियत समाजवादी गणराज्य' सोवियत संघ के दक्षिणी भाग में अर्थात् सोवियत मध्य एशिया के दक्षिण-पूर्व में 4,49,600 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला हुआ है। अपनी परंपरागत कला, संस्कृति आदि के लिए उज़बेकिस्तान बहुत प्रसिद्ध है। जनवरी, 1971 में इसकी कुल आबादी 1,23,00,000 थी। 27 अक्टूबर, 1924 में इसे सोवियत संघीय गणराज्य का स्तर प्राप्त हुआ। उत्तर में अरल सागर तथा दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान की सीमा तक फैले इस गणराज्य के दक्षिण एवं पश्चिम में तुर्कमेन सोवियत, दक्षिण-पूर्व में ताज्झिक सोवियत, पूर्व में किरगीज़ सोवियत और उत्तर एवं पश्चिम में कज़ाक सोवियत फैले हैं।

ऐतिहासिक तथ्य

इतिहास उज़बेकिस्तान तथा उज़बेक लोगों का नामकरण चौदहवीं सदी के उनके जातीय नेता ख़ान उज़बेक (1312-1342 ई.) के नाम पर हुआ है। 1917 ई. में सोवियत क्रांति के समय उज़बेक लोग रूसी तुर्किस्तान में सिर दरिया, समरकंद और फरगना क्षेत्रों (ओब्लास्त) तथा बुख़ारा और ख़ीवा अर्धस्वतंत्र ख़ानजादों में बिखरे हुए थे। कुछ संघर्ष के बाद 1919 ई. तक ताशकंद केंद्रीय रूसी सरकार के अधीन हो गया।

उज़बेकिस्तान की संसद

कुछ आंतरिक संघर्ष के पश्चात् यहाँ पूर्ण साम्यवादी प्रशासन स्थापित हुआ। 1936 के दिसम्बर और 1956 में प्रशासनिक सुविधा तथा उज़बेकों की स्वायत्तता के लिए इसका पुर्नसंघटन किया गया। 1936-1937 में उज़बेकों के जातिवादी संघर्ष का दुर्दांत दमन किया गया। यद्यपि उज़बेकिस्तान को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य की संज्ञा दी गई है, तथापि उसका किसी विदेश से किसी प्रकार का स्वतंत्र संबंध नहीं है।[1]

प्रशासनिक विभाग

उज़बेकिस्तान में अंदिझान, बुख़ारा, समरकंद, सुरखान दरिया, ताशकंद, फ़रग़ना, खोरेज़्म, सर दरिया और काश्का दरिया नामक नौ प्रशासनिक विभागों के अतिरिक्त इसमें काराकल्पक स्वायत्त सोवियत समाजवादी गणराज्य भी शामिल है। यहाँ 33 नगर और 66 नगरीय क्षेत्र या नगर के समान बस्तियाँ हैं। कुल एक तिहाई से अधिक लोग नगर निवासी हैं। यहाँ उज़बेक लोगों की अधिकतम आबादी[2] है, जिनके अतिरिक्त रूसी, तातर, कज़ाक, ताज्झिक, काराकल्पक तथा थोड़े कोरियाई, यहूदी, किरगीज़ एवं अन्य लोग हैं। ताशकंद इसकी राजधानी है।

भौगोलिक संरचना

पूर्व में थ्यासाँ के पश्चिमी ढालों से उत्तर-पश्चिम की ओर पेश्की किज़िलकुम (लाल बालू) के पार तक विस्तीर्ण उज़बेकिस्तान अधिकांशत: मरुभूमि है। प्लेटो उस्टयुर्ट का पठारी क्षेत्र, जो लगभग 200 से 300 मीटर ऊँचा है, पश्चिम में अरल सागर, जो कि समुद्रतल से 50 मीटर ऊँचा है, तक फैला है। अरल सागर में सल्फेट संपन्नता अधिक है। अरल सागर और पर्वतपदों के मध्य 480 कि.मी. तक फैला किज़िलकुम क्षेत्र अधिकांशत: बालुकामय क्षेत्र है। इसमें वनस्पतियों के कारण केवल कुछ ही क्षेत्रों में बालुका-स्तूप मिलते हैं। इस भाग में आमू दरिया एक मात्रा सततसलिला नदी है और स्वनिर्मित चौड़े मैदान से होकर बहती है।[1]

मीर इ अरब मदरसा, उज़बेकिस्तान

दक्षिण की ओर कई शुष्क लोएस मैदान हैं, जिनमें से कई में ढालों से बहती नदियों द्वारा जलोढ़ शंकुओं का निर्माण हुआ है। शेष भागों में पर्वतों, पठारों और घाटियों के सिलसिले पाए जाते हैं। शंकुओं के मध्य की ओर या घाटी में लोएस की तरह की मिट्टी और बालू पाए जाते हैं। फ़रगाना, जेराब्शान, ताशकंद, खोरेज़्म आदि अभिसिंचित घाटियाँ घनी आबादी से परिपूर्ण हैं। इस महाद्वीपीय जलवायु वाले क्षेत्र में शीतऋतु में जनवरी माह के समय तापमान शून्य से नीचे चला जाता है। जबकि ग्रीष्म के जुलाई माह में 21-22 सेंटीग्रेट हो जाता है। पर्वतीय भागों में 50 से 60 सें.मी. तक वर्षा होती है, किंतु निम्न क्षेत्रों में 10 से 12 सें.मी. ही होती है। अधिकांश वर्षा वसंत ऋतु में होती है और अधिकांश मरुक्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की घास, फूल, पौधे आदि उग आते हैं, किंतु शीघ्र ही ये ग्रीष्म में झुलस कर समाप्त हो जाते हैं। पहाड़ों पर घास और वृक्ष 1,200 मीटर की ऊँचाई तक पाये जाते हैं।

फ़सलें

उज़बेकिस्तान में सिंचाई के आधार पर कई फ़सलें उगाई जाती हैं। विशेष रूप से घाटियों, नखलिस्तानों और पर्वतीय ढालों तथा पठारों पर खेती की जाती है। सोवियत संघ का कुल 60 से 70 प्रतिशत तक कपास लगभग आधा प्राकृतिक रेशम और एक तिहाई काराकुल चमड़ा यहीं से प्राप्त होता है। फ़रगाना घाटी, ताशकंद, समरकंद तथा बुख़ारा क्षेत्र कपास उगाने के लिए प्रसिद्ध हैं। गेहूँ, जौ और मिलेट आदि खाद्य फ़सलें समरकंद, सुरखान दरिया, ताशकंद आदि क्षेत्रों में तथा दक्षिण में गन्ना उगाया जाता है। यह प्रदेश अंगूर, शाक सब्ज़ी एवं फल और चावल के लिए भी प्रसिद्ध है।[1]

उद्योग

ख़ीवा, उज़बेकिस्तान

इधर कृषि पर आधारित उद्योगों के अतिरिक्त अन्य उद्योग धंधों का भी तेज़ीसे विकास हुआ है, जिनमें खनिजों का उत्पादन, मशीन तथा रसायन उद्योग सम्मिलित हैं। खनिजों में कोयला, अंगरेन घाटी तथा शारगेन क्षेत्र, और पेट्रोलियम प्रमुख हैं। यहाँ मशीन उद्योग, कृषि के यंत्र तथ कृषि पर आधारित उद्योग धंधों, जिनमें सूती, रेशमी वस्त्रोउद्योग, बिनौले के तेल, शराब, फलों और मछलियों का डिब्बाबंदी उद्योग शामिल है, से संबंधित मशीनें तैयार की जाती हैं। कृषि एवं उद्योगों को बिजली अधिकांशत: जलस्रोतों से मिलती है।

परिवहन सुविधा

उज़बेकिस्तान में अभी भी यातायात के पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हैं। प्रमुख रेलमार्ग क्रैस्नोवोर्डस्क-ताशकंद, कागन-तमेज़, उर्सट येव्स्कायाकोकंद-नामांगन और शार्डओउ-कुन्ग्राड मार्ग हैं। ग्रेट उज़बेक मार्ग तथा ताशकंद-ऐंग्रेन-कोकंद राजमार्ग प्रमुख सड़क व राजमार्ग हैं। ताशकंद प्रमुख हवाई अड्डा है, जहाँ से दिल्ली तथा मध्य एशियाई नगरों के लिए हवाई यातायात की सुविधा है। रेडियो तथा टेलिविजन केंद्र भी हैं। ताशकंद और समरकंद में विश्वविद्यालय भी स्थापित हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 उजबेकिस्तान (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 30 मार्च, 2012।
  2. 1959 में 62.2%

संबंधित लेख