इस मंदिर का निर्माण कृपालु जी महाराज ने करवाया। कृपालु महाराज का जन्म [[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़ जिले]] की कुंडा तहसील के मनगढ़ गांव में अक्टूबर, 1922 को हुआ।अपनी जन्मस्थली को इन्होने पावन धाम बना दिया। राधा-कृष्ण के भक्त कृपालु महाराज ने धार्मिक, शैक्षिक और चैरीटेबल संस्था बनायी है, जिसको जगद्गुरु कृपालु परिषद कहा जाता है।
इस मंदिर का निर्माण कृपालु जी महाराज ने करवाया। कृपालु महाराज का जन्म [[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़ जिले]] की कुंडा तहसील के मनगढ़ गांव में अक्टूबर, 1922 को हुआ।अपनी जन्मस्थली को इन्होंने पावन धाम बना दिया। राधा-कृष्ण के भक्त कृपालु महाराज ने धार्मिक, शैक्षिक और चैरीटेबल संस्था बनायी है, जिसको जगद्गुरु कृपालु परिषद कहा जाता है।
==प्रतिमा==
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==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के मन्दिर}}{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
{{उत्तर प्रदेश के मन्दिर}}{{उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल}}
भक्ति धाम उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की मनगढ में बना आधुनिक मन्दिर है। इस मंदिर का निर्माण श्री कृष्ण भक्त जगतगुरु कृपालु महाराज ने बनवाया था,यह मंदिर वास्तुकला का अनोखा उदहारण है। प्रतापगढ़ का यह सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थल है।
प्रतापगढ़ ज़िले के कुंडा तहसील मुख्यालय से 2 किलोमीटर पर भगवान राधा-कृष्ण को समर्पित भक्तिधाम मंदिर है।इस मंदिर की नीवं जगद्गुरु कृपालु जी महाराज ने रखी है।भक्तिधाम में भगवान श्री कृष्णलीला दर्शन के लिए भक्तों का ताँता लगा रहता है।भक्ति धाममें हर ओर राधे-राधे की गूंज सुनाई पड़ती है। मंदिर की रमणीय बनावट और धाम की राधे-राधे कि गूँज से वातावरण सुंदरता देखते ही बनती है।भक्तिधाम मनगढ़ में श्री कृष्ण भगवान के जन्मोत्सव परधामको विद्युत झालरों से बखूबी सजाया जाता है और सबसे ज्यादा रमणीय राधा-कृष्ण दरबार दिखाई पड़ता है।धाम पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव में सबसे अधिक भीड़ होती है।लाखों की संख्या में लोग जन्मोत्सव आयोजन में ही सम्मिलित होते हैं। हजारों भक्तो का आवागमन भगवान श्री कृष्ण जी के दर्शन के लिए हमेशा बना रहता है
इस मंदिर का निर्माण कृपालु जी महाराज ने करवाया। कृपालु महाराज का जन्म प्रतापगढ़ जिले की कुंडा तहसील के मनगढ़ गांव में अक्टूबर, 1922 को हुआ।अपनी जन्मस्थली को इन्होंने पावन धाम बना दिया। राधा-कृष्ण के भक्त कृपालु महाराज ने धार्मिक, शैक्षिक और चैरीटेबल संस्था बनायी है, जिसको जगद्गुरु कृपालु परिषद कहा जाता है।
प्रतिमा
इस मंदिर में मुख्यता राधा कृष्ण कि युगल मूर्ति स्थापित है,जो अत्यंत मनमोहनी है।इसके अतिरिक्त अन्य देवताओ कि मुर्तिया भी है।