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'''किंकण''' पुराण उल्लेखानुसार सात्वतपुत्र भजवान तथा संजयपुत्री वाह्यका के तीन पुत्रों में से एक पुत्र का नाम था। | '''किंकण''' पुराण उल्लेखानुसार सात्वतपुत्र भजवान तथा संजयपुत्री वाह्यका के तीन पुत्रों में से एक पुत्र का नाम था। | ||
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किंकण पुराण उल्लेखानुसार सात्वतपुत्र भजवान तथा संजयपुत्री वाह्यका के तीन पुत्रों में से एक पुत्र का नाम था।
- विष्णुपुराण के अनुसार क्रकण, मत्स्यपुराण के अनुसार कृमिल, भागवतपुराण के अनुसार किंकिण भी इसका नाम मिलता है।[1][2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ब्रह्मांडपुराण 3/71/ 4
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 110 |