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* | *पर्यटक इस शानदार राजसी अभयारण्य की भव्य रंगीन छटा देखकर मुग्ध हो जाते हैं। | ||
*नैसर्गिक रूप से सुरक्षित रखे गए इस स्वर्ग में भोर और सांझ सर्वोत्तम दर्शनीय समय है। | *नैसर्गिक रूप से सुरक्षित रखे गए इस स्वर्ग में भोर और सांझ सर्वोत्तम दर्शनीय समय है। | ||
*फ़ोटोग्राफ़र यहां कई अन्य दुर्लभ पक्षी प्रजातियों और औषधीय जड़ी-बूटियों के साथ-साथ मोरों के शानदार फोटो ले सकते हैं। | *फ़ोटोग्राफ़र यहां कई अन्य दुर्लभ पक्षी प्रजातियों और औषधीय जड़ी-बूटियों के साथ-साथ मोरों के शानदार फोटो ले सकते हैं। | ||
*यहां पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन पालक्काड है। | *यहां पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन पालक्काड है। | ||
*जिला मुख्यालय से चूलन्नूर मोर अभयारण्य की दूरी 2500 मीटर दक्षिण दिशा में है। | *जिला मुख्यालय से '''चूलन्नूर मोर अभयारण्य''' की दूरी 2500 मीटर [[दक्षिण दिशा]] में है। | ||
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03:59, 23 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण
चूलन्नूर मोर अभयारण्य (अंग्रेज़ी: Choolanur Peacock Sanctuary) भारतीय राज्य केरल में स्थित है। चूलन्नूर मोर अभयारण्य या मयिलाडुम्पारा, जो कि इसका स्थानीय नाम है, केरल के मोरों का स्वर्ग है।
- पालक्काड में 500 हेक्टेयर में फैले इस अभयारण्य तक पहुंचने के लिए घने जंगलों से होकर जाना पड़ता है।
- पर्यटक इस शानदार राजसी अभयारण्य की भव्य रंगीन छटा देखकर मुग्ध हो जाते हैं।
- नैसर्गिक रूप से सुरक्षित रखे गए इस स्वर्ग में भोर और सांझ सर्वोत्तम दर्शनीय समय है।
- फ़ोटोग्राफ़र यहां कई अन्य दुर्लभ पक्षी प्रजातियों और औषधीय जड़ी-बूटियों के साथ-साथ मोरों के शानदार फोटो ले सकते हैं।
- यहां पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन पालक्काड है।
- जिला मुख्यालय से चूलन्नूर मोर अभयारण्य की दूरी 2500 मीटर दक्षिण दिशा में है।
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