"सिटी पैलेस संग्रहालय उदयपुर": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 11: | पंक्ति 11: | ||
*[[मोर चौक]] का निर्माण 1620 ई.में हुआ था। 19वीं शताब्दी में इसमें तीन नाचते हुए हिरण की मूर्त्ति स्थापित की गई। | *[[मोर चौक]] का निर्माण 1620 ई.में हुआ था। 19वीं शताब्दी में इसमें तीन नाचते हुए हिरण की मूर्त्ति स्थापित की गई। | ||
*[[जनाना महल]] राजपरिवार की महिलाओं का निवास स्थान था। | *[[जनाना महल]] राजपरिवार की महिलाओं का निवास स्थान था। | ||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}} | {{राजस्थान के पर्यटन स्थल}} |
07:23, 2 अक्टूबर 2010 का अवतरण

City Palace Museum, Udaipur
उदयपुर राजस्थान का एक ख़ूबसूरत शहर है। और उदयपुर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। सिटी पैलेस महल का मुख्य हिस्सा अब एक संग्रहालय के रूप में संरक्षित कर दिया गया है। यह संग्रहालय कलात्मक वस्तुओं का एक बड़ा और विविध संग्रह प्रदर्शित करता है। सिटी पैलेस के संग्रहालय में जाने के लिए गणेश दहरी से प्रवेश किया जाता है। यह रास्ता आगे राज्य आँगन की ओर जाता है यहीं पर वह स्थान है जहाँ महाराणा उदय सिंह उस संत से मिले थे, जिसने उन्हें यहाँ पर शहर बनाने के लिए कहा था। राजस्थान, उदयपुर के एक शस्त्र संग्रहालय में सुरक्षात्मक औज़ारों और हथियारों के साथ जानलेवा दो धारी तलवार भी शामिल हैं। इस महल के कमरे शीशों, टाइलों और तस्वीरों से सजे हुए हैं।
यहाँ के सभी चित्र मेवाड़ शैली में बने हुए हैं। उदयपुर संग्रहालय में प्रवेश करते ही आप की नजर कुछ बेहतरीन चित्रों पर पड़ेगी। यह चित्र श्रीनाथजी, एकलिंगजी तथा चतुर्भुजजी जी के हैं।
इसके बाद यहाँ महल तथा चौक मिलने आरम्भ होते हैं। इन सभी में इनके बनने का समय तथा इन्हें बनाने वाले का उल्लेख मिलता है।
- सबसे पहले राज्य आँगन मिलता है।
- राज्य आँगन बाद चंद्र महल आता है। यहाँ से पिछोला झील का बहुत सुंदर नजारा दिखता है।
- बादी महल या अमर विलास महल पत्थरों से बना हुआ है। इस भवन के साथ बगीचा भी लगा हुआ है। भवन में काँच का बुर्ज एक कमरा है जो लाल रंग के शीशे से बना हुआ है।
- कृष्णा निवास में मेवाड़ शैली के बहुत से चित्र बने हुए है। इसका एक कमरा जेम्स टोड को समर्पित है। इसमें टोड का लिखा हुआ इतिहास तथा उनके कुछ चित्र हैं।
- मोर चौक का निर्माण 1620 ई.में हुआ था। 19वीं शताब्दी में इसमें तीन नाचते हुए हिरण की मूर्त्ति स्थापित की गई।
- जनाना महल राजपरिवार की महिलाओं का निवास स्थान था।
|
|
|
|
|