"जगदीश मंदिर उदयपुर": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Jagdish-Temple-Udaipur.jpg|thumb|250px|जगदीश मंदिर, [[उदयपुर]]<br /> Jagdish Temple, Udaipur]] | [[चित्र:Jagdish-Temple-Udaipur.jpg|thumb|250px|जगदीश मंदिर, [[उदयपुर]]<br /> Jagdish Temple, Udaipur]] | ||
*[[उदयपुर]] [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है। और [[उदयपुर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। | *[[उदयपुर]] [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है। और [[उदयपुर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। | ||
*इस मंदिर में [[विष्णु]] तथा [[जगन्नाथ]] जी की मूर्तियाँ स्थापित है। | |||
*महाराणा [[जगतसिंह]] ने सन्1652ई. में इस भव्य मंदिर का निर्माण किया था। | |||
*यह मंदिर एक ऊँचे स्थान पर निर्मित है। | *यह मंदिर एक ऊँचे स्थान पर निर्मित है। | ||
*इसके बाह्य हिस्सों में चारों तरफ अत्यन्त सुन्दर नक्काशी का काम किया गया है, जिसमें [[गजथर]], [[अश्वथर]] तथा [[संसारथर]] को प्रदर्शित किया गया है। | *इसके बाह्य हिस्सों में चारों तरफ अत्यन्त सुन्दर नक्काशी का काम किया गया है, जिसमें [[गजथर]], [[अश्वथर]] तथा [[संसारथर]] को प्रदर्शित किया गया है। |
04:55, 28 अक्टूबर 2010 का अवतरण

Jagdish Temple, Udaipur
- उदयपुर राजस्थान का एक ख़ूबसूरत शहर है। और उदयपुर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है।
- इस मंदिर में विष्णु तथा जगन्नाथ जी की मूर्तियाँ स्थापित है।
- महाराणा जगतसिंह ने सन्1652ई. में इस भव्य मंदिर का निर्माण किया था।
- यह मंदिर एक ऊँचे स्थान पर निर्मित है।
- इसके बाह्य हिस्सों में चारों तरफ अत्यन्त सुन्दर नक्काशी का काम किया गया है, जिसमें गजथर, अश्वथर तथा संसारथर को प्रदर्शित किया गया है।
- औरंगजेब की चढ़ाई के समय गजथर के कई हाथी तथा बाहरी द्वार के पास का कुछ भाग आक्रमणकारियों ने तोड़ डाला था, जो फिर नया बनाया गया।
- खंडित हाथियों की पंक्ति में भी नये हाथियों को यथास्थान लगा दिया गया है।
|
|
|
|
|