विरूपाक्ष (सारथि)
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विरूपाक्ष का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। ये घटोत्कच के रथ का सारथि था।
- महाभारत द्रोणपर्व के अनुसार ये रणभूमि में सूर्य की किरणों के समान चमकीली बागडोर पकड़कर रथ के घोड़ों को काबू में रखता था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 99 |
- ↑ महाभारत द्रोणपर्व 175.1-16]]
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