"अगस्त्यतीर्थ" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('*'अगस्त्यतीर्थ सौभद्र' पौलोमं च सुपावनम्, कारंधर्म प...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*'अगस्त्यतीर्थ सौभद्र' पौलोमं च सुपावनम्, कारंधर्म प्रसन्नं च हयमेधफलं च तत'। <ref>[[महाभारत]] 1,215, 3</ref>
+
'''अगस्त्यतीर्थ''' दक्षिण-समुद्र तट पर स्थित था-  
*अगस्त्यतीर्थ दक्षिण-समुद्र तट पर स्थित था- 'तत: समुद्रे तीर्थानि दक्षिणे भरतर्षभ'।<ref>महाभारत 1,215,1</ref>  
+
:'तत: समुद्रे तीर्थानि दक्षिणे भरतर्षभ'।<ref>[[महाभारत]] 1,215,1</ref>  
 
*इसकी गणना दक्षिण-सागर के पंचतीर्थों (अगस्त्य, सौभद्र, पौलोम, कारंधम और भारद्वाज) में की जाती थी- 'दक्षिणे सागरानूपे पंचतीर्थानि सन्ति वै'।<ref>महाभारत 1,216,17</ref>  
 
*इसकी गणना दक्षिण-सागर के पंचतीर्थों (अगस्त्य, सौभद्र, पौलोम, कारंधम और भारद्वाज) में की जाती थी- 'दक्षिणे सागरानूपे पंचतीर्थानि सन्ति वै'।<ref>महाभारत 1,216,17</ref>  
 
*[[महाभारत]] के अनुसार [[अर्जुन]] ने इस तीर्थ की यात्रा की थी।  
 
*[[महाभारत]] के अनुसार [[अर्जुन]] ने इस तीर्थ की यात्रा की थी।  
*[[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]]<ref>वन पर्व 118,4</ref> में अगस्त्यतीर्थ का नारीतीर्थ के साथ [[द्रविड़ देश]] में वर्णन है- 'ततो विपाप्मा द्रविडेषु राजन् समुद्रमासाद्य च लोकपुण्यं, अगस्त्यतीर्थं च महापवित्रं नारीतीर्थान्यत्र वीरो ददर्श।'  
+
*[[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]]<ref>[[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]] 118,4</ref> में अगस्त्यतीर्थ का नारीतीर्थ के साथ [[द्रविड़ देश]] में वर्णन है-  
 +
:'ततो विपाप्मा द्रविडेषु राजन् समुद्रमासाद्य च लोकपुण्यं, अगस्त्यतीर्थं च महापवित्रं नारीतीर्थान्यत्र वीरो ददर्श।'  
 
*अगस्त्यतीर्थ को अगस्त्येश्वर भी कहते थे।  
 
*अगस्त्यतीर्थ को अगस्त्येश्वर भी कहते थे।  
 
*[[अगस्त्याश्रम]] इससे भिन्न था और इसकी स्थिति [[गया]] ([[बिहार]]) के पूर्व में थी।  
 
*[[अगस्त्याश्रम]] इससे भिन्न था और इसकी स्थिति [[गया]] ([[बिहार]]) के पूर्व में थी।  
 
+
:'अगस्त्यतीर्थ सौभद्र' पौलोमं च सुपावनम्, कारंधर्म प्रसन्नं च हयमेधफलं च तत'। <ref>[[महाभारत]] 1,215, 3</ref>
 
+
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
+
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
+
{{पौराणिक स्थान}}
 
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
 
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
 
[[Category:पौराणिक कोश]]
 
[[Category:पौराणिक कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

07:57, 4 अगस्त 2012 का अवतरण

अगस्त्यतीर्थ दक्षिण-समुद्र तट पर स्थित था-

'तत: समुद्रे तीर्थानि दक्षिणे भरतर्षभ'।[1]
  • इसकी गणना दक्षिण-सागर के पंचतीर्थों (अगस्त्य, सौभद्र, पौलोम, कारंधम और भारद्वाज) में की जाती थी- 'दक्षिणे सागरानूपे पंचतीर्थानि सन्ति वै'।[2]
  • महाभारत के अनुसार अर्जुन ने इस तीर्थ की यात्रा की थी।
  • वन पर्व[3] में अगस्त्यतीर्थ का नारीतीर्थ के साथ द्रविड़ देश में वर्णन है-
'ततो विपाप्मा द्रविडेषु राजन् समुद्रमासाद्य च लोकपुण्यं, अगस्त्यतीर्थं च महापवित्रं नारीतीर्थान्यत्र वीरो ददर्श।'
'अगस्त्यतीर्थ सौभद्र' पौलोमं च सुपावनम्, कारंधर्म प्रसन्नं च हयमेधफलं च तत'। [4]
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत 1,215,1
  2. महाभारत 1,216,17
  3. वन पर्व 118,4
  4. महाभारत 1,215, 3

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख