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07:26, 16 अगस्त 2018 का अवतरण
श्रीपाद कृष्ण कोल्हटकर (जन्म- 1871, मृत्यु- 1934) मराठी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार और पेशे से वकील थे। साहित्य के क्षेत्र में व्यापक योगदान के कारण उन्हें साहित्य सम्राट की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
परिचय
मराठी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीपाद कृष्ण कोल्हटकर का जन्म 1871 ई. में हुआ था। वे वकालत करते थे। उन्हें मराठी भाषा के स्वच्छंदतावादी नाटकों का जनक माना जाता है। कोल्हटकर का पहला नाटक 1893 ई. में अभिनीत हुआ था। इसी से मराठी में सौंदर्यपूर्ण और स्वच्छंदतावादी नाटकों का शुभारंभ माना जाता है। उनके नाटकों का वातावरण प्राय: विनोदपूर्ण होता है और वे सामाजिक सुधारों का उद्घाटन करते हुए दर्शकों का मनोरंजन करने में समर्थ हैं। उन्हें 'साहित्य सम्राट' की उपाधि से सम्मानित किया गया था।[1]
योगदान
श्रीपाद कृष्ण कोल्हटकर का साहित्य के क्षेत्र में व्यापक योगदान रहा है। इसके लिये उन्हें 'साहित्य सम्राट' की उपाधि प्रदान की गयी थी। उनको मराठी के प्रथम विनोद आचार्य का स्थान प्राप्त है। वे प्रोढ़ समीक्षक भी थे। उपन्यास, कहानी और आत्मकथा आदि क्षेत्रों में भी उनका बड़ा योगदान रहा है।
मृत्यु
मराठी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीपाद कृष्ण कोल्हटकर का 1934 ई. में निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 874 |
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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