स्वर्गतीर्थ
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स्वर्गतीर्थ का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है।
- महाभारत अनुशासन पर्व के अनुसार यह एक पवित्र तीर्थ स्थान है, जो नैमिषारण्य में है।
- यहाँ एक महीने तक पितरों को जलांजलि देने से पुरुषमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 544 |
- ↑ महाभारत अनुशासन पर्व 25.33
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